पिछोर। जिले के पिछोर विधानसभा में आने वाले बामौरकलां थाना अंतर्गत ग्राम रिजौदी के पास झलकुई के जंगल में एक खेत में बने कुएं में कारगिल युद्ध लडने वाले रिटायर्ड फौजी की लाश मिली थी। फौजी की हत्या उसके दोस्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर की है और दफीने का लालच देकर वह उसे ले गया था। बाद में उसके ही घर में घुसकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो अभी फरार हैं। पुलिस के अनुसार हत्या की यह पूरी वारदात चोरी करने की मंशा से अंजाम दी गई है।
इस हत्याकांड के मास्टर माइंड मृतक बृजमोहन शर्मा के दोस्त रामवीर यादव का मृतक के घर आना जाना था। रामवीर को यह भी पता था कि बृजमोहन के पास खूब पैसा और सोने-चांदी के जेबर हैं। इसी के चलते उसने अपनी साथी केपी यादव, तेजपाल यादव और दो अन्य साथियों के साथ मिलकर दोस्त को दगा देकर दफीना खोदने के बहाने उसकी हत्या करने का षड़यंत्र रचा।
इसी क्रम में उसने 1 जून को बृजमोहन को फोन किया और कहा कि खेत पर गढा धन निकाल रहे हैं आप आ जाओ। बाइक से ब्रजमोहन खेत पर पहुंचा तो रामवीर यादव ने अपनी साथियो के साथ मिलकर बृजमोहन की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद दोनों पैर तोलिया से बांध दिए। रस्सी के सहारे सीने से बडा पत्थर बांधकर कुएं में लाश को फेंक दिया। लाश पर पत्थर बंधा होने के कारण ही लाश 4 दिन बाद ही पानी के ऊपर आ सकी। हत्या करने के बाद फौजी के घर जाकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया।
भैय्या साहब को फंसाने उसके खेत में फेंकी लाश
बताया जा रहा है कि बृजमोहन और भैय्या साहब यादव में आपस में तनातनी रहती थी। ऐसे में बृजमोहन की हत्या का संदेह भैय्या साहब की तरफ मोड़ने की मंशा से लाश को उसी के खेत में बने कुएं में ठिकाने लगाया गया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कुछ समय बाद लाश जब मिलेगी तो फौजी के स्वजन उसी पर हत्या का आरोप लगाएंगे।
बाइक को डेम में फेंक दिया
फौजी की हत्या का सबूत मिटाने के लिए रामवीर यादव ने फौजी के घर में चोरी करने के बाद उसकी बाइक को खनियाधाना ले जाकर डेम में फेंक दिया ताकि पुलिस या कोई अन्य व्यक्ति इस बाइक को कभी तलाश भी न पाए। पुलिस की पूछताछ में रामवीर ने यह राज भी उगल दिया और मंगलवार को उक्त बाइक भी डेम में से बरामद करवा दी।
इस हत्याकांड के मास्टर माइंड मृतक बृजमोहन शर्मा के दोस्त रामवीर यादव का मृतक के घर आना जाना था। रामवीर को यह भी पता था कि बृजमोहन के पास खूब पैसा और सोने-चांदी के जेबर हैं। इसी के चलते उसने अपनी साथी केपी यादव, तेजपाल यादव और दो अन्य साथियों के साथ मिलकर दोस्त को दगा देकर दफीना खोदने के बहाने उसकी हत्या करने का षड़यंत्र रचा।
इसी क्रम में उसने 1 जून को बृजमोहन को फोन किया और कहा कि खेत पर गढा धन निकाल रहे हैं आप आ जाओ। बाइक से ब्रजमोहन खेत पर पहुंचा तो रामवीर यादव ने अपनी साथियो के साथ मिलकर बृजमोहन की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद दोनों पैर तोलिया से बांध दिए। रस्सी के सहारे सीने से बडा पत्थर बांधकर कुएं में लाश को फेंक दिया। लाश पर पत्थर बंधा होने के कारण ही लाश 4 दिन बाद ही पानी के ऊपर आ सकी। हत्या करने के बाद फौजी के घर जाकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया।
भैय्या साहब को फंसाने उसके खेत में फेंकी लाश
बताया जा रहा है कि बृजमोहन और भैय्या साहब यादव में आपस में तनातनी रहती थी। ऐसे में बृजमोहन की हत्या का संदेह भैय्या साहब की तरफ मोड़ने की मंशा से लाश को उसी के खेत में बने कुएं में ठिकाने लगाया गया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कुछ समय बाद लाश जब मिलेगी तो फौजी के स्वजन उसी पर हत्या का आरोप लगाएंगे।
बाइक को डेम में फेंक दिया
फौजी की हत्या का सबूत मिटाने के लिए रामवीर यादव ने फौजी के घर में चोरी करने के बाद उसकी बाइक को खनियाधाना ले जाकर डेम में फेंक दिया ताकि पुलिस या कोई अन्य व्यक्ति इस बाइक को कभी तलाश भी न पाए। पुलिस की पूछताछ में रामवीर ने यह राज भी उगल दिया और मंगलवार को उक्त बाइक भी डेम में से बरामद करवा दी।