नरवर। सिंध नदी पर बने मोहनी पिकअप बियर पर तैनात कर्मचारी ने रविवार की शाम अचानक से बिना किसी सायरन या सूचना के डेम के तीन गेट खोल दिए। गेट खुलने के कारण नहर में अचानक से पानी बढ़ गया। पानी बढ़ने से नहर में नहा रहे कुछ युवक पानी में बहने से बच गए। हालांकि इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि यह पानी अचानक नहीं छोड़ा गया है और न ही इतना अधिक छोड़ा गया कि उससे बाढ़ के हालात निर्मित हो जाएं।
जानकारी के अनुसार रविवार को क्षेत्र के कई लोग मोहिनी पिकअप बियर पर छुट्टी का लुत्फ उठाने गए थे। इसी क्रम में कुछ युवक पिकअप बियर की नहर में नहा रहे थे। तभी अचानक शाम को 4-5 बजे वहां तैनात कर्मचारी ने बिना किसी सायरन के पिकअप बियर के तीन गेट खोल दिए। गेट खोलने से पानी का जल स्तर बढ़ने के साथ ही बहाब भी बढ़ गया।
परिणाम यह हुआ कि कुछ युवक पानी के बहाब के साथ कुछ दूर तक बहते चले गए, लेकिन वह किसी तरह संभल कर बच गए। इस मामले में जब मोहिनी पिकअप बियर के ईई ओपी जैन से बात की गई तो उनका कहना था कि हमने गेट अचानक से नहीं खोले गए हैं, बल्कि अत्यधिक गर्मी के चलते मवेशियों के लिए पानी नहीं होने के कारण पिकअप बियर से 13 जून से ही पानी छोड़ा जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर प्रत्यक्षदर्शियों और घटना का शिकार होने से बचे लोगों का कहना है कि गेट अचानक से खोले गए थे। जिस कर्मचारी ने बिना सायरन गेट खोले थे उसका कहना है कि उसने तो गेट अधिकारियों के कहने पर खोले थे, अगर इसमें कोई गलती है तो गलती अधिकारियों की है।
जल स्तर बढ़ने के बाद खोले गए गेट
इस पूरे मामले में अधिकारियों के दावे के इतर विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो रविवार को नरवर क्षेत्र में करीब ढाई से तीन घंटे बेहद तेज बारिश हुई थी। इस बारिश के कारण मोहिनी पिकअप बियर का जल स्तर बढ़ने के कारण कर्मचारी ने गेट खोले थे। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि गेट किस अधिकारी के कहने पर खोले गए थे, क्योंकि गेट खोलने वाले कर्मचारी नारायण शर्मा का कहना है कि वह साहब का नाम नहीं जानता है। वहीं दूसरी ओर ईई ओपी जैन के अनुसार वह कल नहीं थे लेकिन अगर कर्मचारी कह रहा है तो वह मामले की जानकारी ले लेते हैं।
इनका कहना है
मोहिनी पिकअप बियर के बिना सायरन बजाए गेट खोल दिए जिससे नहर में पानी बढ़ गया। ऐसे में नीचे पिकनिक मना रहे छोटे-छोटे बच्चे पानी के साथ बहने लगे। मैंने और मेरे कुछ साथियों ने उन बच्चों को बमुश्किल पानी से बाहर निकाला।
रवि, प्रत्यक्षदर्शी
हमने गेट खोले हैं उसमें हमारी नहीं अधिकारियों की गलती है। इतने गेटों के लिए सायरन नहीं बजाया जाता है, हमने तो सब लोगों को आवाज देकर अलर्ट कर वहां से भगाया भी था। लोगों की गलती है।
नारायण शर्मा, कर्मचारी