सिंध नदी पर बना अमोला का पुल बनाता हैं मप्र में एक रिकार्ड, इस बार पुल के पास की सड़क के डूबने के आसार - Shivpuri News

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ललित मुदगल@शिवपुरी।
शिवपुरी जिले की सीमा ने निकली सिंध नदी कोलारस नरवर क्षेत्र के खेतों के लिए जीवनदायिनी नदी हैं। शिवपुरी शहर के प्यासे कंठो की प्यास बुझाने वाली सिंध जलावर्धन योजना का जल भी सिंध अपने आंचल से देती है। सिंध नदी जिले को पानी देने के साथ-साथ एक उपलब्धि भी देती है,आइए जानते हैं रिकॉर्ड बुक में सिंध नदी ने शिवपुरी जिले को क्या दिया है। साथ मे यह भी जानते है कि इस बार पुल के पास की सड़क के डूबने के आसार क्यों बन रहे हैं।

मप्र की सीमा में आने वाली NH 27 की सबसे लंबा पुल

शिवपुरी झांसी फोरलेन हाईवे पर शहर से 28 किमी दूर अमोला का पुल स्थित है। यह फोरलेन जयपुर कानपुर एनएच-27 पर बना है। सिंध नदी पर बना यह पुल मप्र के एनएच 27 हाईवे पर मध्य प्रदेश का सबसे लंबा पुल है। यहां से जो भी वाहन गुजरते हैं पुल की लंबाई अधिक होने और पानी भरे होने के चलते बरबस उनकी निगाहें पुल पर ठहर जाती हैं।

2009 में तैयार हुआ था पुल,ढाई किलो मीटर हैं लंबाई

इस पुल की लंबाई ढाई किलोमीटर है। यह मार्ग राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल से ही नहीं बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों से भी इस सड़क का जीवंत संपर्क स्थापित है। इसका निर्माण 2009 में किया गया था। इस पुल से होकर प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं। यह पुल पहाड़ों को काटकर पुल के आसपास की सड़क तैयार की गई। खास बात यह है कि अमोला पुल अटल सागर मड़ीखेड़ा डैम के डूब क्षेत्र में आता है और मानसून में यदि जोरदार बारिश हो तो डैम जब निर्धारित जलस्तर 346 मीटर के आसपास पहुंचता है तो इस पुल पर पानी का नजारा देखने लायक हो जाता है।

अभी तक टोटल भराव क्षमता 346.25 मीटर नही भरा गया मड़ीखेड़ा डेम,

झांसी फोरलेन स्थित सिंध नदी पर अमोला का पुल वना हुआ हैं। यहां अटल सागर मड़ीखेड़ा डैम का जलभराव क्षेत्र लगता हैं। इस इलाके में पुल के पास सड़क इतनी नीची वना दी गई है कि यहां हर साल डैम का पानी सड़क पर आ जाता हैं। नतीजे में यातायात एकतरफा करना पड़ता हैं, जबकि कई वार हादसे भी हो चुके हैंं।

इस सड़क को ऊंचा न किए जाने के फेर में मड़ीखेड़ा डैम अपने निर्धारित जलस्तर 346.25 मीटर तक नहीं भरा जाता,क्योंकि जैसे ही डैम का जलस्तर 345 मीटर से उपर पहुचने लगता हैं तो पानी अपनी सीमा से से बहार आकर सड़क पर भरने लगता है।

जल संसाधन महकमे ने सड़क की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर 9 साल पहले NHAI विभाग को पत्र लिखा था, तब से कई वार दोनों विभागों के बीच बात हुई। एनएचएआई ने प्रस्ताव बनाकर दिल्ली भी भेजा लेकिन मामला खटाई में पड़ गया। और आज तक इस सड़क की उंचाई नही बढी हैं।

इस बार अपनी क्षमता के साथ भरा जाऐगा डेम, पुल के पास आ सकता है सिंध का जल

पिछले वर्ष जिले में हुई अतिवर्षा ने भारी तबाही मचाई थी। पहली बार क्षेत्र में लोगों ने सिंध का ऐसा रौद्र रूप देखा था, जब मड़ीखेड़ा से सिंध का पानी छोड़ा गया तो इसने शिवपुरी के साथ डबरा, दतिया में भी तबाही मचा दी थी। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष भी अच्छी बारिश का अनुमान है।

सिंध परियोजना के अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2022-23 में अटल सागर (मड़ीखेड़ा) बांध का जलस्तर 346.25 मीटर तक भरा जाना निर्धारित किया गया है,इससे पूर्व 345 मीटर डेम भर जाने पर डेम के गेट खोल दिए जाते थे,लेकिन इस बार अपनी भराव क्षमता के साथ डेम भरा जाऐगा इस कारण पुल के पास बनी सडक के डूबने के असार हैं।
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