फर्जी जमानत देने वाले गिरोह के चार लोगों को सात साल का सश्रम कारावास - Shivpuri News

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शिवपुरी।
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश रामविलास गुप्ता ने बुधवार को दिए एक महत्वपूर्ण फैसले में फर्जी जमानत देने वाले गिरोह के चार सदस्यों को सात-सात साल के सश्रम कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। शासन की ओर से पैरवी शासकीय अधिवक्ता बीडी राठौर ने की।

अभियोजन के अनुसार 25 जून 2014 को कोतवाली में पदस्थ आरक्षक वीरेंद्र शर्मा ने विशेष न्यायाधीश एमपीडीपीके एक्ट शिवपुरी का पत्र क्रमांक 1014 कायमी के लिए पेश किया। पत्र में उल्लेख था कि न्यायालय में लंबित प्रकरण क्रमांक 14/12 शासन पुलिस कोलारस बनाम मितेश आदि में आरोपित गोविंदा उर्फ राकेश पुत्र शिवराम जाटव निवास सिथरापुर थाना शाहदाबाद महामायानगर उप्र की एक-एक लाख की जमानत राजेश पुत्र राधाकृष्ण शुक्ला उम्र 40 साल निवासी जवाहर कॉलोनी शिवपुरी व बृजमोहन पुत्र गुलाब किरार उम्र 62 साल निवासी दुल्हारा थाना बैराड़ ने अपनी भू-अधिकार पुस्तिका से दी है।

यह देखने में फर्जी प्रतीत हो रही है। उक्त मामले की जांच राजस्व विभाग से कराई गई, जांच में पाया गया कि उक्त भू-अधिकार पुस्तिका फर्जी हैं। उक्त भू-अधिकार पुस्तिकाओं पर लगी सील व साइन भी कूटरचित हैं। पुलिस ने दोनों आरोपितों के विरूद्ध धोखाधड़ी सहित कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया।

विवेचना के दौरान सामने आया कि उक्त दोनों जमानतदारों को यह भू-अधिकार सुरेश पुत्र चिरौंजी लाल ओझा उम्र 45 साल निवासी बरखेड़ा थाना पोहरी, रामकुमार पुत्र जगन्नााथ सोन निवासी सिंगाड़ा बैराड़ व बद्री पुत्र गरीबाराम जाटव उम्र 53 साल ने बनाकर दी थीं। पुलिस ने तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में आरोपी बनाया।

पांचों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर विवेचना उपरांत न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान प्रकरण में सामने आए समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर राजेश, बृजमोहन, रामकुमार, सुरेश को सात-सात साल के सश्रम कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

बद्री की मामले की सुनवाई के दौरान हुई मौत

इस मामले के पांचवे आरोपी बद्री पुत्र गरीबाराम जाटव की प्रकरण की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। इस कारण न्यायालय ने बद्री के मामले में बद्री के खिलाफ सुनवाई नहीं की और न ही उक्त आरोपित के संबंध में कोई सजा सुनाई है।
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