खबर का असर: प्रसूताओं से नेक के रूप में वसूली करने बाली 3 कर्मचारीयों पर गिरी गाज, पद से हटाने के आदेश​ - Shivpuri City

Bhopal Samachar
शिवपुरी। बीते दिनों शिवपुरी जिला चिकित्सालय में इटावा की एक शिक्षिका के यहां डिलेवरी के दौरान नेक के रूप में रिश्वत बसूलने के मामले में आज सीएमएचओं ने इस मामले में प्रसूती बार्ड में पदस्थ तीन संविदाकर्मीयों को सेवा से प्रथक करने का आदेश जारी किया है। इस मामले की जांच जिला टीकाकरण अधिकारी संजय ऋशीश्वर द्धारा की गई थी।

आज सीएमएचओ कार्यालय से जारी आदेश में बताया गया है कि बीते दिनों अखबारों में प्रकाशित मामले की जांच की तो सामने आया कि सूश्री किरण एवं रमा खरे सुरक्षागार्ड और सफाईकर्मी एवं राधा भदौरिया आया द्धारा प्रसूता से नेक के रूप में रिश्वत बसूली गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर दोनों आउटसोर्स कमियों को सेवा से प्रथकर करने के लिए संबंधित एजेंसी को निर्देश जारी किए गए है।

क्या था मामला
मामला यह हैं कि जिला अस्पताल में मंगलवार को इटावा निवासी एक शिक्षिका को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में प्रसव कराना पड़ गया। प्रसव तो हो गया लेकिन प्रसव के बाद वहां के स्टाफ में नेग के नाम पर पैसों की लूट की जो होड़ मची उसने उत्तर प्रदेश के रहने वाले इस परिवार के सामने जिला अस्पताल की छवि को धूमिल करके रख दिया है। पीड़ित का कहना था कि उनके उप्र में तो ऐसा नहीं होता है, यहां तो शिफ्ट बदलते ही हर बाई को काम का दाम लग रहा था।

इटावा निवासी संगीता पत्नी हितेंद्र कुमार का चयन संविदा शिक्षिक वर्ग-2 में हुआ है। वह अपने पति व भाई के साथ विगत दिवस धार ज्वाइनिंग के लिए गई थी। धार से ज्वाइनिंग कर वापिस इटावा जाते समय संगीता को शिवपुरी पहुंचते ही प्रसव पीड़ा हुई तो पति हितेंद्र मंगलवार की सुबह 6ः30 बजे उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे।

जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान संगीता ने बेटे को जन्म दिया। हितेंद्र के अनुसार बेटा होने पर वहां बाईयों ने नेक और श्रद्धा के नाम पर पैसा मांगना शुरू कर दिया। बकौल हितेंद्र उसने बच्चे की खुशी में वहां मिठाई भी बांटी और कुछ पैसा भी बाईयों को बांट दिया। हितेंद्र का कहना है कि इसके बाद तो जैसे-जैसे शिफ्ट बदलती गईं वैसे-वैसे नई-नई बाईयां उनके पास नेग के नाम पर पैसे मांगने आने लगीं।

उसने इस बात पर नाराजगी जाहिर करते हुए यह कहा कि उनके यहां उप्र में ऐसा नहीं होता है, तो वहां एक बाई का कहना था कि हमारे एमपी में तो ऐसा ही होता है। कुल मिलाकर जिला अस्पताल में पदस्थ पैसों की भूखी कुछ बाईयों के कारण न सिर्फ पूरे स्टाफ की छवि बल्कि जिला अस्पताल की छवि दूसरे प्रदेश के व्यक्ति के सामने धूमिल हुई है। हितेंद्र का कहना है कि वह यहां से बहुत ही खराब यादें लेकर जाएगा।

स्ट्रेचर से उतारने तक का लगा नेक

पीड़ित परिवार का कहना है कि सबसे पहले तो बच्चा होने के बाद ही अंदर वाली बाइयों ने नेग मांगा, इसके बाद जो बाईयां संगीता को पलंग तक लेकर गईं उनने भी पैसे मांगे, न देने पर कह दिया कि व पैसे लिए बिना नहीं जाएगी। इसके बाद आज जब संगीता ड्रेसिंग के लिए गई तो बाई ने स्ट्रेचर से उतारने तक के पैसे मांगे। यहां हर काम का दाम मांगा गया था। इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन ने इस मामले में महज खाना पूर्ति की कार्यवाही कर मामले से इतिश्री कर ली है। इस मामले में तीन नहीं बल्कि इस अस्पताल परिसर में पदस्थ सभी स्वीपर और आया लिप्त है।
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