पिछोर। जिले के भौती थाना क्षेत्र के शिमर्रा गांव में आदिवासी युवक की जमीन हड़पने के लिए बंगाली डॉक्टर व पडोसी ने मिलकर हत्या कर दी। आदिवासी युवक की कुल्हाड़ी से तीन हिस्सों में काटकर 5 किमी में अलग अलग जगह फेंक दिया। मृतक आदिवासी का सबसे पहले कटा हुआ सिर मिला था उसके बाद धड फिर पैर मिले। पुलिस ने 24 घंटे में ही अंधे हत्याकांड का खुलासा कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
हरनाम (30) पुत्र रामसिंह आदिवासी निवासी ग्राम शिमर्रा का शव खेत से 5 किमी दूर करही गांव में बोरे में मिला। गुरुवार की शाम करीब 7 बजे पुलिस को सूचना मिली और एसपी राजेश सिंह चंदेल खुद मौके पर पहुंचे। शुरुआत में मृतक की पहचान नहीं हो पा रही थी। लेकिन आसपास क्षेत्र में फोटो खींचकर दिखाया तो उक्त सिर की पहचान हरनाम आदिवासी के रूप में हुई।
दूसरे दिन बुधवार को पुलिस मृतक के खेत पर पहुंची और खोजबीन की तो घर के पीछे गड्ढे में कचरा हटाकर देखा तो बोरे में शरीर का बीच का हिस्सा घुटने से गर्दन तक का मिल गया। आसपास जाकर देखा तो 500 मीटर दूरी पर दोनों कटे हुए पैर मिल गए। इस तरह शरीर के तीनों हिस्से बरामद कर लिए।
पुलिस ने जब मृतक की शिनाख्ती के बाद पड़ताल आगे बढ़ाई तो पता चला कि मृतक हरनाम को आखिरी बार बुधवार की रात उसी के खेत पर खोड़ निवासी बंगाली डॉक्टर पवन अधिकारी और बक्सनपुर निवासी सनमान पाल के साथ देखा गया था। पुलिस ने उक्त सूचना पर जब बंगाली डॉक्टर को बुलाकर पूछताछ शुरू की तो पता चला कि उक्त तीनों लोगों ने मृतक के खेत पर पहले तो शराब पी और फिर वहीं पर पवन अधिकारी और सनमान का हरनाम से झगड़ा हुआ, जिसके चलते दोनों ने उसे कुल्हाड़ी से काट कर उसकी हत्या कर दी।
बंगाली डॉक्टर पवन अधिकारी पहले हरनाम का सिर कुल्हाड़ी से अलग किया इसके बाद घुटनों से पैरों को काटा। सिर को बोरे में बांधकर 5 किमी दूर करही फेंक आया। वहीं बीच वाला हिस्सा बोरे में बांधकर घर के पास गड्ढे में छिपा दिया। जबकि कुछ दूरी पर दोनों पैर छुपा आए। हत्या के बाद सनमान ने बॉडी को ठिकाने लगाने का काम किया।
तीनों हिस्सों का सैंपल लेकर करवाया DNA
पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर तीनों जगह से बरामद किए गए धड़ के तीनों हिस्सों की इस पुष्टि के लिए कि वह एक ही व्यक्ति के हैं। पीएम के दौरान ही ब्लड सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट भी करवाया है। पुलिस के अनुसार अगर तीनों हिस्सों का डीएनए एक ही व्यक्ति का निकलता है तो केस मजबूत हो जाएगा और आरोपित कोर्ट में यह दावा नहीं कर पाएंगे कि तीन जगह से बरामद किए गए शरीर के हिस्से अलग-अलग व्यक्तियों के थे।