शिवपुरी। 15 प्सस के बच्चो के लिए भी कोरोन से लडने के लिए सुरक्षा की दीवार रूपी वैक्सीन लगाने का अभियान सोमवार से शुरू हो चुका है। प्रशासन को 15 जनवरी तक 15 से 18 साल तक के बच्चो को वैक्सीन लगाने का अपना लक्ष्य पूरा करना हैं। स्कूल ओर आंगनबाडी में दर्ज बच्चो तक प्रशासन वैक्सीन लगाने में सफल हो जाऐगा,लेकिन जिले में ऐसे बच्चे भी हैं जो बच्चो की टोटल् संख्या में तो दिख रहे हैं लेकिन उनका रिकार्ड प्रशासन के पास नही है।
1 लाख 14 हजार बच्चो का आंकडा हैं प्रशासन के पास
जानकारी के अनुसार 15 से 18 साल तक के बच्चो की एक अनुमानित संख्या 2011 की जनगणना के आधार पर 1 लाख 14 हजार है। इसके अतिरिक्त कई डाटा सोर्स पर राज्य सरकार ने यह आंकडा जारी किया हैं। जिले में स्कूलों में कुल 76 हजार बच्चे और आंगनबाड़ियों में 8 हजार बेटियां दर्ज हैं। इनके अलावा स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या 30 हजार के करीब है।
मतलब, 15 से 18 साल के कुल करीब 84 हजार 30 हजार बच्चों का रिकाॅर्ड उपलब्ध है लेकिन बाकी करीब 30 हजार बच्चे कौन से हैं और कहां है, इस पर असमंजस है। ऐसे में अफसरों को भी यह चिंता है कि वे इन बच्चों को कैसे खोजें। यदि इन बच्चों का पता नहीं चला तो तय तारीख तक वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा।
15 से 18 साल तक के 31 हजार 683 बच्चों को पहले दिन सोमवार को कोवैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है। अब बाकी बच्चों का वैक्सीन लगाने के लिए 5 जनवरी को स्कूलों में शिविर आयोजित किए जाएंगे। ऐसे में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का वैक्सीनेशन तेजी से होने की उम्मीद है लेकिन जिन 30 हजार बच्चों का कुछ अता-पता नहीं है, उन्हें कैसे खोजा जाए, इसे लेकर प्रशासन चिंतित है।
स्कूल में दर्ज छात्र-छात्राओं को वैक्सीनेशन के लिए बुलाने की जिम्मेदारी शिक्षकों और निजी स्कूल संचालकों को दी जा रही है। पहले दिन तो अच्छी संख्या में वैक्सीनेशन हो गया लेकिन ग्रामीण क्षेत्रांे में कई ऐसे बच्चे होते हैं जो स्कूल में तो दर्ज हैं लेकिन वे पढ़ने नहीं आते। कई बच्चे अपने मजदूर मां-पिता के साथ पलायन भी कर जाते हैं। ऐेसे में स्कूल में दर्ज बच्चों को वैक्सीनेट करना भी चुनौती से कम नहीं है।