शिवपुरी। पंचातय चुनाव के कारण लगी आचार संहिता के कारण पिछले महीने से जनसुनवाई नहीं हो रही थी। इस मंगलवार को फिर से विधितत जनसुनवाई हुई और लोगों ने अधिकारियों को अपनी परेशानियों से अवगत कराया। हालांकि समस्याएं सुनने के लिए नाममात्र के ही अधिकारी यहां मौजूद थे। अधिकांश विभागों के अधिकारी नदारद रहे। मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में आए विवेक कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उसकी मां राजकुमारी कुलश्रेष्ठ आंगनबाड़ी केंद्र भगारा जिला शिवपुरी में कार्यकर्ता के पद पर सेवारत थी।
कोरोनाकाल के दौरान उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ अपना फर्ज निभागया और इसी फर्ज को निभाते उनकी जान चली गई। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा था कि कोरोना में काम करते किसी भी कर्मचारी की मौत होती है तो उसके परिवार की मदद की जाएगी। इसी के तहत मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना बनाई जिसके तहत कोरोनाकाल में हुई कर्मचारियों की मृत्यु पर 50 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
विवेक ने बताया कि उनकी मां की मौत कोरोनाकाल में काम करते हुए हो गई थी लेकिन प्रशासन उनको कोरोना योद्धा मानने से इंकार कर रहा है और कह रहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कोरोना योद्धा नहीं माना जाएगा। लेकिन विवेक ने प्रशासन को ग्वालियर के एक प्रकरण का हवाला दिया और उसकी प्रति भी उपलब्ध करवाई और कहा कि ग्वालियर में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हेमलता वर्मा की मौत कोरोनाकाल में हो गई थी जहां प्रशासन ने उसे कोरोना योद्धा माना और 50 लाख रुपए की सहायता राशि परिजनों को दी।
विवेक का कहना था कि वह पहले भी आवेदन व अपनी फरियाद लगा चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब वह दोबारा अपनी फरियाद लेकर आया है अगर इस बार सुनवाई नहीं हुई तो वह कोर्ट जाएंगे।