दिनारा। दिनारा कस्बा क्षेत्र की अटा गांव की रहने वाली राजपती पाल का चयन आईटीबीपी में हा गया हैं खास बात यह हैं कि शादी के बाद भी राजपती ने हार नही मानी। सुसराल वालो के विरोध के बाद भी देश सेवा का जूनुन कम नही होने दिया। ससुराल वालो के विरोध के चलते मायके आकर तैयारी की और शादी के आठ साल बाद आखिरकार राजपती का चयन आईटीबीपी मे जवान के पद पर हो गया।
दिनारा अटा गांव में साल 1993 में जन्मी राजपती पाल बताती है कि मिडिल स्कूल में सहेली की मां के मुंह से सुना था कि लडकिया भी पुलिस बन सकती हैं। तभी से देश सेवा का जुनून सवार हो गया। साल 2014 में 21 साल की उम्र में दतिया जिले के रायपुर सानी गांव से शादी हो गई। पढाई जारी रखने पर अक्सर ससुराली कहते थे कि अब तू कलेक्टर बनेगी।
पति भी कभी पक्ष में रहते कभी विरोध में। लेकिन पिता हर बार मनोबल बढाते। साल 2017 में आईटीबीपी भर्ती में शामिल हुई। साल 2019 में फिजिकल के लिए चयन हो गया। ससुराल से मायके अटा आकर फिजीकल की तैयाी शुरू की उसके बाद फिलीकल दने के बाद सिलेक्शन हो गया।
आठ माह की बेटी को सास और जेठानी के हवाले छोड ट्रेनिंग के लिए चंडीगढ गई। राजपती पाल ने बताया कि उसकी आठ माह की बेटी जिया पाल हैं। आईटीबीपी में चयन के बाद अब पति सास सहित ससुराल वाले खुश हैं बेटी को सास और जेठानी के पास छोडकर चंडीगढ ट्रेनिंग के लिए गई।