सरंपच कुर्सी खरीदी मामला: जांच करने गया प्रशासन खाली हाथ बैरंग लौटा, 2 पक्ष में बंटे ग्रामीण- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी
। मंदिर के लिए रुपये देकर चुनाव के पहले ही सरपंच चुनने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन की टीम कोलारस तहसील की इमलावदी गांव पहुंची। यहां पर राजस्व अमले ने जब ग्रामीणों ने पूछताछ की तो ग्रामीण पहले तो इस बात से बिल्कुल मुकर गए कि यहां पर मंदिर के लिए रुपये देने वाले को आम सहमति से सरपंच बनाने की बात तय की गई है।

जब अधिक जानकारी जुटाई तो यहां दो गुट दिखे। जिसके द्वारा 31 लाख रुपये देने की बात सामने आई थी कुछ उनके पक्ष में दिखे तो कुछ लोगों ने विरोध भी किया। हालांकि कोई भी लिखित में इस बात को स्वीकार करने तैयार नहीं हुआ कि रुपये देने के बाद उन्होंने एक व्यक्ति को अपनी सहमति प्रदान की है। जबकि यही ग्रामीण एक दिन पहले तक खुलकर स्वीकार कर रहे थे कि जिसने भी मंदिर बनाने के लिए रुपये दिए हैं पूरा गांव उन्हें ही मत देगा।

इस मामले में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह का कहना है कि इस तरह के वाक्ये लोकतंत्र में स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं। गांव में दो पक्ष बन गए हैं, लेकिन कोई भी लिखित में अपनी बात रखने को तैयार नहीं है। हालांकि अभी प्रशासन पीछे नहीं हटेगा और मामले की बारीकी से जांच कराई जाएगी। जो उपलब्ध वीडियो है उसे भी जांच के लिए भेजा जाएगा।

सूत्रों की मानें तो प्रशासन उन लोगों के बयानों को स्वीकार करने तैयार नहीं है जो कह रहे हैं कि गांव में रुपये देने वाले को सरपंच चुनने की बात से इंकार कर रहे हैं। गांव में कुछ लोग सच्चाई बोलने तो तैयार हैं, लेकिन बयान देने के लिए तैयार नहीं है। फिलहाल प्रशासन की टीम पंचनामा बनाकर लौट आई। हालांकि जांच अभी जारी रहेगी और प्रशासन किसी शिकायतकर्ता का इंतजार कर रहा है।

यह था मामला
गांव के एक प्रतिनिधि ने सरपंच पद के लिए 31 लाख रुपये हनुमान मंदिर पर दिए थे। आदिवासी सीट होने पर तय हुआ था कि जो भी इनका उम्मीदवार होगा उसे सभी लोग चुनाव जिताएंगे। साथ ही कोई विरोध में नामांकन भी नहीं भरेगा। जो 31 लाख रुपये दिए गए हैं उनसे पंचायत में मौजूद मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा।