पीएमसी के पूर्व चेयरमैन अशोक पाण्डे को मिला प्रो. सिकरवार स्मृति सम्मान - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी महाविद्यालय में अंग्रेजी विषय की लगातार 41 साल सेवा देने वाले स्व. चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान इस बार उनके जन्मदिवस पर मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन अशोक पांडे को दिया गया। सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त चंद्रशेखर बालिम्बे को आमंत्रित किया गया था। लेकिन उनके न आने पर आईटीबीपी के डीआईजी रघुवीर सिंह विष्ट ने मुख्य अतिथि के दायित्व का निर्वहन किया।

समारोह की अध्यक्षता कार्यक्रम के अंतिम दौर में पधारे कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने की। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप मेें एसपी राजेश सिंह चंदेल उपस्थित थे। सादगी लेकिन गरिमापूर्ण समारोह में पुरूस्कृत होने वाले अशोक पांडे सहित सभी वक्ताओं ने डॉ. चंद्रपाल सिंह सिकरवार के बौद्धिक और हार्दिक गुणों का बखान किया।

सम्मान समारोह में पीएससी के पूर्व चेयरमैन अशोक पांडे जो कि मूल रूप से शिवपुरी जिले के कोलारस के निवासी हेैं, अपने उदबोधन में स्पष्ट रूप से कहा कि उनका हालांकि डॉ. सिकरवार से प्रत्यक्ष तौर पर सीधा संबंध नहीं था। लेकिन 1968 में जब वह महाविद्यालय में छात्र के रूप में आए तो डॉ. सिकरवार की ख्याति वह सुनते रहते थे। डॉ. सिकरवार अपने कर्तव्यों के प्रति कटिवद्ध थे।

उनका जीवन सादगी से परिपूर्ण था और भौतिक सुखों के प्रति उनके मन में कोई आग्रह नहीं था। उनमें कहीं से कहीं तक ज्ञान का दंभ नहीं था। बच्चों के भविष्य के प्रति उनके मन में जो तड़प थी वह अकथनीय थी। चौराहे पर सायकिल हाथ में लिए हैंडल पकड़े चेहरे पर मुस्कान बिखेरे वह अक्सर मिल जाया करते थे। उन जैसे महापुरूष का जीवन हम सबके लिए एक आदर्श है।

मुख्य अतिथि रघुवीर सिंह विष्ट ने कहा कि आज के जमाने में डॉ. चंद्रपाल सिंह सिकरवार जैसे व्यक्तित्व दुर्लभ हैं। जिन्होंने हमेशा दूसरों की चिंता में अपना जीवन समर्पित किया। यहीं कारण है कि उनके जाने के बाद भी आज लोग उन्हें याद कर रहे हैं और उनके छात्र आज उनके आदर्शो का अनुकरण कर रहे हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि मैंने उनके बारे में जितना सुना है, उससे उनके महान व्यक्तित्व का पता चलता है। दूसरों के लिए जीने वाले हमेशा याद रखे जाते हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. सिकरवार का जन्मदिवस मनाना हमारे लिए तब ही सार्थक होगा, जब हम उनके आदर्शों पर चलकर लोक कल्याण की भावना से काम करें।

विशिष्ट अतिथि एसपी राजेश सिंह चंदेल ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मैं कभी डॉ. सिकरवार जैसे महान व्यक्तित्व से नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि महापुरूषों के जीवन से जो तरंगे निकलती हैं, वह हमें सदकार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं। हमेशा की तरह इस वर्ष भी पुलिस विभाग में आरआई के पद पर पदस्थ डॉ. सिकरवार के शिष्य अरविंद सिंह सिकरवार ने अपने गुरू पर समर्पित कविता का वाचन किया।

पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। व्याख्याता केशव शर्मा ने डॉ. सिकरवार के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला और उन्हें स्वामी विवेकानंद, रविंद्रनाथ टैगोर और अब्दुल कलाम आजाद का समुच्चय बताया। स्वागत भाषण डॉ. रतिराम धाकड़ ने दिया। जबकि कार्यक्रम का संचालन दिग्विजय सिंह सिकरवार ने किया।

सम्मान लायक मैंने कुछ नहीं किया : अशोक पांडे

लोकसेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन अशोक पांडे ने अपने उदबोधन में बड़ी साफगोई से कहा कि मैं अपने आप को सम्मानित किये जाने पर आश्चर्य महसूस कर रहा हूंं। जब मुझे प्रहलाद भारती ने सूचित किया कि मुझे डॉ. चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान देने का निर्णय समिति ने लिया है, तो मैंने उनसे कहा कि मैंने सम्मान लायक कुछ नहीं किया।

शासन ने मुझे जिम्मेदारी दी और उस जिम्मेदारी के एवज में मैंने वेतन लिया। हां इतना अवश्य है कि अपने काम को मैंने पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ किया। लेकिन चूकि समिति का फैसला था, इसलिए इसे मैंने स्वीकार किया और मैं इसके लिए आयोजकों के प्रति धन्यवाद अॢर्पत करता हूं।
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