कोरोना कर्फ्यू में कारोबारियो का दर्द आया बहार, कोरोना की कमर नही टूटी पर बाजार की टूट गई - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। पिछले साल के लॉकडाउन के दर्द अभी व्यापारी भूले नही थे कि फिर कोरोना की दूसरी लहर ने फिर बाजार बंद करा दिए। 1 माह से अधिक समय से बाजार बंद हैं अब कारोबारियो का दर्द जुवां पर छलकने लगा हैं,कारोबारियों का कहना है कि पिछले लॉकडाउन के बाद जैसे तैसे कारोबार पटरी पर आ रहा था कि एक बार फिर लगे लॉकडाउन ने कारोबार को पूरी तरह से चौपट कर दिया हैं।

ऐसे में वह अपने कारोबार की भरपाई कैसे करेंगे यह उन्हें समझ नहीं आ रहा। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे दुकानदारों की हैं जो हर रोज कमाते और खाते थे ऐसे में उनके सामने अब रोटी का संकट खडा हो गया है।

साइकिल कारोबार हुआ चौपट

साइकिल का कारोबार करने राधेश्याम का कहना है कि वह बच्चों और बडों की साइकिल की दुकान से अपना व अपने परिवार का पेट भरते थे इतना ही नहीं दुकान पर दो लोग और काम करते थे जिससे उनका भी पेट पलता था लेकिन कारोबार जैसे तैसे पटरी पर आया था कि एक बार फिर लॉकडाउन लग गया जिससे कारोबार फिर पूरी तरह से चौपट हो गया है।

पंचर की दुकान से करता था गुजारा अब परेशानी

उस्मान की पंचर की दुकान थी और इस दुकान से ही वह हर रोज कमाकर अपने परिवार का पालन करता था लेकिन दो माह से वह घर बैठा है जो कुछ थोडी बहुत जमा पूंजी थी उसे भी खा गए अब आर्थिक संकट के अलावा परिवार के पालन की चिंता सता रही है।

चाट बेचकर करता था गुजारा ठेला बंद

मोहन चाट पकौडी बेचकर अपने परिवार का गुजारा करता था लेकिन दो माह से कारोबार पूरी तरह से बंद हैं शादियों में भी काम नहीं मिला ऐसे में अब परिवार की गाडी खीचने में काफी परेशानी हो रही है।

लॉकडाउन खोलो नहीं तो मर जाएंगे भूखे

कारोबारियों का कहना है कि किराना और मेडीकल की दुकानों पर तो कारोबार चल रहा है लेकिन कई कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गए हैं ऐसे में उनके सामने रोजगार का संकट खडा हो गया है।

कटिंग से चलता था परिवार, अब परेशानी

सुरेश कटिंग की दुकान चलाकर अपने परिवार का पालन करता था और उसकी पत्नी घरों में बर्तन मांजती है। वह दो माह से बेरोजगार है ऐसे में परिवार की जबावदारी उसकी पत्नी पर आ गई है।