अनुलोम विलोम और सूर्य नमस्कार करने से फेफड़े होते हैं मजबूत: विजय सेन - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कोरोनावायरस का संक्रमण फेफड़ों को कमजोर कर देता है इस दौर में जहां इम्यूनिटी पावर को बढ़ाना जरूरी है वही फेफड़ों को सुरक्षित और मजबूत बनाए रखना भी जरूरी है। सबसे जरूरी है शरीर के भीतर की ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाना।

ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर सबसे जल्दी और सबसे बुरा असर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है, ऐसी स्थिति में कोई भी वायरस या बैक्टीरिया हमारे शरीर पर जल्दी हावी हो सकता है। ऐसे में योग प्राणायाम के माध्यम से हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं और अपने फेफड़ों को मजबूत कर सकते हैं।

शिवयोग योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र शिवपुरी के योगगुरू विजय सेन ने बताया है कि कौन कौन से योगाभ्यास प्राणायाम हमारे लिए आवश्यक हैं। शिथिलीकरण की क्रियाएं जैसे ग्रीवा चालन, कंधों का चालन, उदर का चालन, ताड़ासन, अर्ध चक्रासन, शशकाआसन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन, मकरासन और सूर्य नमस्कार।

अनुलोम विलोम/नाड़ी शोधन प्राणायाम विधि

पद्मासन या सुखासन में बैठे हैं मेरुदंड गर्दन और सिर एक सीध में रखें और बाएं हाथ को ज्ञान मुद्रा में रखें और दाएं हाथ से दाई तरफ की नाक को बंद करें बाई नाक से श्वास बाहर निकालें दें फिर दाई नाक से स्वास भरकर बाई नाक से निकाल दें यह इसका एक चक्र हुआ इस प्रकार कम से कम 20 चक्रों का अभ्यास करें।

उद्गीथ प्राणायाम लंबा गहरा श्वास लें और ओम का उच्चारण करें यह प्राणायाम कम से कम 11 बार करना है। यह आसन और प्राणायाम हमारे फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं और हमारी इम्यूनिटी पावर को बढ़ाते हैं।

आयुष मंत्रालय के "योग से निरोग" कार्यक्रम के तहत योगाचार्य विजय सेन होम आइसोलेशन वाले मरीजों को प्रतिदिन ऑनलाइन माध्यम से योग एवं प्राणायाम का प्रतिदिन अभ्यास करा रहे हैं और इस महामारी से निपटने के लिए योग एवं प्राणायाम करने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
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