सोन चिरैया मुक्ति मोर्चा:आर्शीवाद बना अभिश्राप,32 गांव तरसे दुल्हनो को

Bhopal Samachar

करैरा। करैरा क्षेत्र में बना सौनचिरैया अभयारण्य पिछले कई वर्षो से आर्शीवाद के जगह अभिश्राप बन गया हैं। करैरा विधानसभा के 32 गांव इससे पीडित हैं,यह रजिष्ट्री न होने के कारण मकान नही बन पा रहे हैं। गांव वाले दुल्हनो को भी तरस रहे है। अब उपचुनाव में यह मुददा जोर—शोर से गर्मा सकता है। इसके लिए सौन चिरैया मुक्ति मोर्चा ने कमर कस ली हैं अगर मांगे पूरी नही हुई तो चुनाव का बहिष्कार किया जा सकता हैं।

मंगलवार को इसी मुद्दे को लेकर करैरा के ग्राम भैसा में 32 गांव के लोग सोन चिरैया मुक्ति मोर्चा के बैनर तले मैदान में उतर पड़े। उनका कहना था कि सोन चिरैया अभयारण्य के चलते किसानों की जमीन पर क्रय विक्रय का प्रतिबंध हैं, जिससे किसान परेशान हैं। यहां हर बार चुनाव में यह मुद्दा उठता है, लेकिन कोई ठोस कदम न उठाए जाने से यहां के लोग परेशान हैं। आज ग्राम भैसा में सोन चिरैया अभयारण्य को हटाने के लिए बैठक का आयोजन भी 32 गांव के लोगों ने किया। इसमें 21 गांव के लोग जुटे।


रजिस्ट्री पर रोक मकान तक नहीं बना पा रहे लोग
अनुविभाग करैरा से 30 किलोमीटर दूर ग्राम भैंसा में मंगला माता मन्दिर के प्रांगण में सोन चिड़ैया अभ्यारण के 32 गांव के लोगों ने एक बैठक का आयोजन कर सोन चिरैया अभयारण्य को हटाने पर चर्चा कर किसानों की राय ली। अभयारण्य में पिछले 25 सालो से किसानों की रजिस्ट्री पर रोक लगी हुई है। किसान अपने मकान नहीं बना पा रहे हैं।

लड़कों की शादी में आ रही परेशानी
बैठक के दौरान किसानों ने बताया कि उनके बेटों की शादियां नहीं हो पा रही है, क्योंकि यहां मकान तक नहीं बना पा रहे हैं। ऐसे में लोग अपने बेटे बेटियों की शादी तक यहां नहीं कर रहे हैं, क्योंकि लोग भी चाहते हैं कि उनकी बेटी पक्के मकान में रहे, लेकिन यहां रजिस्ट्री पर प्रतिबंध के चलते कोई निर्माण कार्य तक नहीं कर पा रहे हैं।

गांव गांव जाकर लेंगे मीटिंग,पैदल मार्च कर कलेक्ट्रेट पर देंगे धरना
बैठक में किसानों ने आपसी सहमति से निर्णय लिया कि सोन चिरैया अभयारण्य क्षेत्र में आ रहे 32 गांवों में बैठक आयोजित की जाएगी और अभयारण्य को हटाने के लिए पैदल यात्रा निकाली जाएगी जो शिवपुरी तक जाएगी और कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

जनप्रतिनिधियों को दिखाएंगे बाहर का रास्ता
बैठक में किसानों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों को गांव के बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, क्योंकि कई साल से हम मांग कर रहे हैं, लेकिन नेता हमें सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं। हमारी समस्या को लेकर किसी ने कोई प्रयास तक नहीं किए हैं।

बहिष्कार तक करेंगे उप चुनाव का
ग्रामीणों ने बैठक में निर्णय लिया है कि यदि उनकी समस्या को लेकर नेताओं ने गंभीरता नहीं दिखाई तो वह लोग उप चुनाव का बहिष्कार करेंगे और सरकार के मंसूवों पर पानी फेर देंगे। उन्होंने कहा कि 32 गांव यदि चुनाव का बहिष्कार करेंगे तो सरकार के समीकरण भी बदल जाएंगे।

यह लोग हुए बैठक में शामिल
बैठक ग्राम भैंसा में आयोजित की गई थी इस बैठक में अशोक रावत, श्रीनिवास रावत, नीरज शर्मा, कमलेश तिवारी, कृष्णपाल सिंह वैश, नरेंद्र सोलंकी, श्रीकान्त पाठक, अशोक रावत सरपंच, राजेंद्र रावत सरपंच, पंजाब रावत, वीरेन्द्र तिवारी, दुर्गसिंह सिकरवार, राजेंद्र जाटव, जितेन्द्र रावत सहित सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद थे।
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