शिवपुरी। कोरोना वायरस के देश में बढ़ते संक्रमण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। जिसका आज चौथा दिन है। जबकि शिवपुरी में कफ्र्यू का पांचवा दिन है और इन पांच दिनों में से तीन दिन शहर बिल्कुल बंद रखा गया और कल से कुछ राशन की दुकानें खोलने पर ढील दी गई और आज शनिवार को सुबह 10 बजे से राशन की दुकानें पूर्ण रूप से कलेक्टर के आदेश के बाद खुलना शुरू हुई।
कलेक्टर ने अनुमति देने के बाद निर्देश जारी किए थे कि दुकानदार दुकान खोलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें। लेकिन शिवपुरी में राशन की दुकान संचालित करने वाले दुकानदार इस निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं। दुकानों पर पूर्व की तरह ही लोगों को राशन दिया जा रहा है। कुछ दुकानदारों द्वारा न ही मास्क का उपयोग किया जा रहा है और न ही हाथों में दस्ताने पहने जा रहे हैं। जिससे कोरोना वायरस फैलने का अंदेशा बढ़ गया है।
कोर्ट रोड़ पर स्थित गर्ग किराना एंड जनरल स्टोर पर मौजूद दुकानदार मुंह पर मास्क तो लगाए हैं लेकिन हाथों में दस्ताने नहीं है। वहीं उनके कर्मचारी बिना मास्क और सुरक्षा उपायों के ही सामान देते हुए नजर आए। ग्राहकों के लिए भी वहां सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था नहीं की गई और ग्राहकों को दुकान में बैठा रखा था। यहीं स्थिति जैन सुपर मार्केट की थी। जिसमें ग्राहकों को दुकान के अंदर बैठा रखा था और वहां मौजूद महिला दुकानदार गले में मास्क डाले हुई थी। लेकिन उसे मुंह पर नहीं लगाया गया था। हाथों में दस्ताने भी नहीं थे।
वहीं दुकान में बैठे उनके हेल्पर भी बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के दुकान में ही भीड़ लगाए हुए थे। ग्राहक भी ऐसे थे कि वह भी मुंह पर मास्क नहीं लगाए थे। न ही दुकानदार और उनके कर्मचारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा था। 14 नम्बर कोठी पर भी यही हालत थे। श्री मौसाजी ऑयल एवं फ्लोर मिल, राजेश आटा मिल, गर्ग मसाला चक्की, भोला बद्रर्स, विष्णु चाय एंड किराना, कोर्ट रोड़ पर स्थित गुप्ता किराना स्टोर, बंसल जनरल एंड किराना स्टोर, दुबे किराना स्टोर, रावत किराना स्टोर, महेश कुमार किराना स्टोर सहित अनेकों दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का कोई भी इंतजाम नहीं था। सदर बाजार में कुछ दुकानें खुली हुई थी। जहां भीड़ नहीं थी। लेकिन सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल दुकानदार नहीं कर रहे थे।
सब्जी और फल के ठेलों पर रेट लिस्ट की चस्पा
सब्जी और फल विक्रेताओं द्वारा बढ़े हुए दामों में फल और सब्जी का विक्रय किया जा रहा था। जिसकी शिकायतें लगातार प्रशासन को प्राप्त हो रही थीं। जिस पर प्रशासन ने ध्यान केन्द्रित करते हुए सब्जी और फल विक्रेताओं की बैठक कर उन्हें सब्जियों और फलों के दाम निर्धारित कर उन मूल्यों की लिस्ट ठेलों पर चस्पा करने के निर्देश दिए। इसके बाद ठेलों पर व्यापार करने वाले फल और सब्जी विक्रेताओं ने तय दर के बैनर अपने ठेलों पर लगाए और उसी के हिसाब से फल और सब्जियों का विक्रय किया गया।