कोलारस। प्रदेश सरकार जहां स्वास्थ्य सेवाओं ठीक से संचालित करने के लिए लगातार बजट बढ़ा रही हैं जिससे नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाओं लाभ मिलता रहे। इसी के साथ ही जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर स्वास्थ्य केंद्रों में तक पहुंचाई रही है। कोलारस के जगतपुर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वरिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही के कारण हालत बद से बदतर स्थिति में पहुंच गए हैं।
यहां पर स्थिती यह है कि प्रसव के दर्द कराहती महिलाओं से खुलेआम पैसों की मांग की जा रही हैं। जिसकी जानकारी स्थानी वरिष्ठ अधिकारियों को होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती हैं। यदि महिला के परिजन रुपए नहीं देते तो उनका ध्यान नहीं रखा जाता उनके साथ दुव्यवहार किया जाता हैं। ग्रामीण महिलाओं के परिजनों ने आला अधिकारियों से शिकायतें की परंतु आज तक स्वास्थ्य विभाग के जिला अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस कारण से महिलायें यहां प्रसव कराने की अपेक्षा शिवपुरी जिला अस्पताल में प्रसव कराने पहुंच रही हैं।
ड्यूटी के समय नहीं मिलते मरीजों को चिकित्सक
कोलारस के शासकीय अस्पताल में तैनात चिकित्सक ड्यूटी के समय मरीजों को नहीं मिलते, न ही ओपीडी में मरीजों को देखते हैं। इस कारण मरीजों अपना उपचार कराने के लिए प्राईवेट क्लीनिकों पर जाना पड़ता हैं। यदि ज्यादा गंभीर मरीज हैं तो उसे तत्काल प्राईवेट चिकित्सक तो मरीजों को देखने के बाद शिवपुरी के लिए रेफर करने का पर्चा बना देते हैं। जिसके चलते मरीज और उनके परिजन बहुत देर बाद इलाज करा पाते हैं और वह परेशान होते हैं जिसके चलते कोलारस के इस स्वास्थ्य केंद्र से आम लोगों का विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है और वह अब यहां पर नहीं आने में ही अपनी भलाई समझते हैं कुल मिलाकर कोलारस का एकमात्र शासकीय स्वस्थ केंद्र पूरी तरह से अव्यवस्थाओं के मकडज़ाल में जकड़ा हुआ दिखाई दे रहा है।
निरीक्षण के नाम पर किया जा रहा है फर्जीवाड़ा
कोलारस के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारी द्वारा ग्रामीण अंचलों में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण तक नहीं करते और प्रतिमाह गलत रिपोर्ट देकर फर्जीवाड़ा कर रिपोर्ट बना कर लगा दी जाती है और विभाग से रुपया ले लिया जाता है फर्जी डीजलके बिल बनाकर लगा दिए जाते हैं और भी अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है यदि इस पूरे मामले की जांच की जाए तो बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा निकलकर विभाग का सब के सामने आ सकता है
समय पर नहीं खुलते उप स्वास्थ्य केंद्र, नागरिक परेशान
कोलारस स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण अंचलों में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र किलावनी, राजगढ़, सेसई, सडक़, मोहरा, डेहरवारा से लेकर अधिकांश गांव में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र समय पर नहीं खुलते इन में पदस्थ स्टॉप समय पर नहीं पहुंचता और फर्जी तरीके से अपनी हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए जाते हैं। यदि जिलाधीश इन उप स्वास्थ्य केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर लें तो दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा।
जबकि यहां पदस्थ एएनएम और चिकित्सक लगाकर प्रतिमाह शासन से रुपया वेतन के रूप में ले रहे हैं। जिसके चलते ग्रामीण अंचलों के जरूरतमंद गरीब मरीज कोलारस शिवपुरी जाकर प्राइवेट क्लीनिक में अपना उपचार करवाने को मजबूर होना पड़ रहा हैं। अधिकांश उप स्वास्थ्य केंद्र तो सिर्फ मंगलवार को ही खोले जाते हैं। इन में पदस्थ स्टॉप अनेक वर्षों से तैनात है। जिसका भरपूर लाभ यह कर्मचारी उठा रहे हैं और फर्जी तरीके से हाजरी लगा कर शासन से प्रतिमाह वेतन ले रहे है।