शिवपुरी। जिले में हुए आशा कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन रााशि के नाम पर हुए घोटाले में अभी तक जिम्मेदारो पर कोई कार्रवाही नही हो रही है। यह मामला विधानसभा में उछलने के बाद और कलेक्टर ने इन जिम्मेदारो के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश सीएमएचओ कार्यालय को दिए थे। लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाही नही हुई हैं,अब बताया जा रहा हैं कि इस मामले में विधानसभा से इस मामले की जांच को लेकर रिेमाइडंर जारी किया गया हैं।
जैसा कि विदित हैं कि जिले में आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन रााशि के नाम पर लाखो रूपए का फर्जी भुगतान किया गया हैं। बदरवास में भी आशा कार्यकर्ताओ के साथ मिलकर एनएचएम की बीसीएम पुष्पा कुशवाह सहित डीसीएम आंनद माथुर व अन्य अधिकारियों ने लाखो रूपए के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया हैं।
हालात यह बने कि एक एक आशा कार्यकर्ताओ के बैक में 2-2 लाख रूपए तक का भुगतान किया गया। मीडिया द्धारा मामला उजागर किए जाने के बाद इस भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए सीएमएचओ कार्यालय से टीम गठित की गई,इसके बाद कलेक्टर ने भी टीम गठित कर मामले के जांच के ओदश दिए थे।
बताया जा रहा हैं कि भोपाल से भी अधिकारी इस मामले की जांच करने के लिए शिवपुरी आए लेकिन मामले की फाईल दबा दी गई। यह मामला नंबवर माह में विधानसभा में उठा था। पोहरी विधायक सुरेश राठखेडा ने इस मामले को विधानसभा में उठाया था।
इसके बाद विधानसभा ने सीएमएचओ कार्यालय में मामले की जांच रिर्पोेट विधानसभा में नही भेजी हैं,जबकि भोपाल से आई टीम ने उक्त प्रश्न के बाद आपनी जांच में जिम्मेदारो को दोषी मान लिया हैं। अब इस मामले में फिर विधानसभा ने सीएमएचओ कार्यालय ने रिमाइंडर जारी कर दिया गया हैं।
वही बताया जा रहा हैं कि इस पूरे मामले में 22 जनवरी को कलेक्टर अनुग्रहा पी ने भी स्वास्थय विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट रूप से निर्देश जारी किए थे कि 10 दिन के भीतर हर हाल में प्रोत्साहन रााशि घोटाले में शामिल जिम्मेदारो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। समय सीमा बीत जाने के बाद भी आज तक एफआईआर दर्ज नही करवाई गई हैं,लेकिन बताया जा रहा हैं कि विधानसभा से रिमाईडंर आने के बाद शिवपुरी प्रशासन कभी भी इन दोषियो के खिलाफ मामला दर्ज करवा सकता हैं।