ग्राम पंचायतों मेें बिना काम कराए 50 से अधिक सरपंच-सचिव ने निकाली राशि

Bhopal Samachar
शिवपुरी। जिले की 612 ग्राम पंचायतों में से 50 से अधिक सरपंच ऐसे है, उन पर लाखो के हेरफेर के आरोप लगे हैं। लाखों रूपए की राशि इनके द्वारा खुर्दबुर्द कर दी गई है, लेकिन जांच की रफ्तार धीमी होने के चलते इससे वासूली तक नहीं हो सकी है। जब कि कई सरपंच सचिव के पद से प्रथक करने के प्रकरण एसडीएम न्यायालय में भी चल रहे हैं।  

सरपंच सचिव न्याय पंचायत के खातों से राशि का आहरण तो कर लिया है, लेकिन मौके पर काम ही नहीं कराया गया है। उक्त राशि को गांव के विकास पर ही खर्च करना था, लेकिन इसके द्वारा उक्त राशि विकास कार्य पर खर्च ही नहीं की गई है। ऐसे कई मामले जनपद पंचायतों में पेंडिंग हैं, जनमें जांच चल रही है।

कागजों में बनी लाखों रुपयों की ग्राम पंचायत भदैरा के सचिव हरीश बैरागी में सरपंच के साथ मिलकर 49 लाख 37 हजार 432 रुपए का हरण कर लिया, लेकिन मौके पर महज 5 लाख रूपए का ही काम कराया गया। इसके बाद सचिव को हटाया गया। सचिव ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन हाईकोर्ट ने भी सचिव की याचिका खारिज कर दी। अब इस मामले में पोहरी थाना प्रभारी को सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश सीईओ जिला पंचायत एसपी वर्मा ने दिया है।

बदरवास जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत इंदार में कच्चे रास्ते को पक्का करने व खेत सड़क योजना के नाम पर सरपंच व सचिव ने मौके पर ही कोई भी निर्माण कराए बगैर ही पंचायत के खाते से लाखों रूपए निकाल लिए हैं। जिसकी मौके पर कोई निर्माण नहीं होने से रास्ते में कीचड़ दिखाई देती है जिससे ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन को लिखित आवेदन देकर कर चुके हैं। लेकिन सड़क बनाई ही नहीं गई।

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में ग्राम पंचायतों के जॉब कार्ड धारी मजदूरों को मजदूरी देने का प्रबंधन है, लेकिन गांव में जिन मजदूरों के जॉब कार्ड दिखाकर लाखों रुपए की मजदूरी निकाली गई है, उन मजदूरों ने आज तक मजदूरी की ही नहीं है। ऐसे ही मामला ग्राम पंचायत इंदार में सामने आया, जहां सड़क निर्माण में मजदूर कोमल, विक्रम, हरकुंवर, मलखान, वीर आदि के नाम से मजदूरी दर्शाई गई है। लाखों रुपए पंचायत के खाते में आहरण किया, लेकिन इन्होंने मजदूरी की ही नहीं है।