शिवपुरी। सहकारिता विभाग में डेढ़ साल पहले निकाली गई जूनियर संविदा सेल्समैन के 3629 पदों की भर्ती विवादों में फंस गई है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं इन पदों पर नियुक्ति के लिए अधिकार मांग रही हैं, जबकि विभाग का कहना है कि मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद संस्थाओं को सिर्फ नियुक्ति पत्र जारी करना है।
इसी मामले को लंबे समय से विवाद चल रहा है और अब भर्ती की फाइल शासन के पास पेंडिंग पड़ी हुई है। अफसरों ने 14 सितंबर 2018 को प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में जूनियर सेल्समैन (कनिष्ठ संविदा विक्रेता) के 3629 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। यह भर्ती मेरिट लिस्ट के आधार पर होनी थी, लेकिन आवेदन लेने के बाद यह प्रक्रिया विवादों के चलते ठंडे बस्ते में चली गई है।
भर्ती के इस विज्ञापन में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हायर सेकंडरी मांगी गई थी। इसके अलावा मप्र के किसी भी सरकारी विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक कॉलेज या आईटीआई से कम से कम छह माह की अवधि का डिप्लोमा या डिग्री हासिल करने वाले आवेदकों सहित कॉमर्स से ग्रेजुएशन करने वाले आवेदकों को अतिरिक्त लाभ देने की बात भी कही गई थी।
इसी बीच प्रदेश की सहकारी संस्थाओं ने आपत्ति दर्ज कराई। कि सेल्समैन की नियुक्ति का अधिकार उन्हें है, जबकि विभाग का कहना था कि ऑनलाइन मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद संस्थाओं को सिर्फ नियुक्ति पत्र जारी करना है। इसके चलते जब विवाद बढ़ा, तो अफसरों ने फाइल शासन के पास भेजकर मामले को पेंडिंग कर दिया है और बेरोजगार अब भी नौकरी की आस में इंतजार कर रहे हैं।
डेढ़ साल से अफसर कोई जवाब नहीं दे रहे
सहकारिता विभाग के अफसरों ने डेढ़ साल पहले आवेदन करा लिए, लेकिन इसके बाद प्रक्रिया को रोक दिया है। अगर भर्ती संबंधी नियम पहले स्पष्ट नहीं थे, तो फिर बेरोजगारों से आवेदन क्यों कराए गए। अब इस मामले में डेढ़ साल से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। ऐसे में प्रदेश के आवेदन करने वाले युवा परेशान हो रहे हैं। लाखन कुमार, शिकायतकर्ता
शासन से मार्गदर्शन मांगा है
इस मामले में सहकारी समितियों ने आपत्ति जताई थी कि संविदा सेल्समैन की नियुक्ति का अधिकार उन्हें दिया जाए, जबकि हमारा कहना था कि ऑनलाइन मेरिट बनने के बाद समितियां नियुक्ति पत्र जारी कर दें, ताकि यह प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे। अब हमने इस मामले में शासन को फाइल भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है। वहां से जो भी मार्गदर्शन आएगा, हम उस आधार पर कार्रवाई करेंगे।
अरविंद सिंह सेंगर, संयुक्त संचालक सहकारिता विभाग भोपाल