शिवपुरी। शिवपुरी जिले के आसमान पर उमडे काले बादलों ने चौमासे की आंधी बारिश 40 दिन में की कर दी। लगातार बारिश जहां आम नागरिक से लेकर किसानों को मुसीबत बन चुकी है। लगातार बारिश से खेतों में पानी भर गया,इस कारण जिले में 80 प्रतिशत बुवाई बाकी है। अब किसानों को टेंशन है कि यह पानी नहीं निकलता है और सूर्यदेव प्रकट नहीं होते है तो खेत खाली नहीं होंगे और उनकी बुवाई समय पर नहीं होगी।
खेत बने तालाब,बुवाई संभव नहीं है
वर्तमान समय की बात करे तो खेत तालाब बने हुए है,खेत सूखने और बुवाई लायक बनने के लिए मौसम का चेंज होना आवश्यक है,सूर्यदेव का प्रकट होना भी अनिवार्य है,बारिश बंद होगी तो खेतों से पानी निकलेगा और सूर्यदेव प्रकट होंगे तो खेतो को सूखने में मदद मिलेगी,जिससे खेतों में बुवाई के लिए उपकरण और हल चल सकेगा,लेकिन वर्तमान समय में खेत तालाब बने है इस स्थिति में अतिवर्षा के कारण किसानो की चेहरो पर चिंता का बनी हुई। यदि जुलाई माह में लगातार बारिश होती रही, तो इस खरीफ सीजन में खेत सूखे रह जाएंगे और बुवाई संभव नहीं होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि अभी पूरा जुलाई बाकी है, इसलिए किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। खरीफ सीजन में बुवाई का समय 20 जून से 10 जुलाई तक होता है। मूंगफली और सोयाबीन जैसी फसलों की बुवाई 15 जुलाई तक संभव है, जबकि तिल और उड़द जैसी कुछ फसले जुलाई अंत तक भी बोई जा सकती है। इस सीजन में मूंगफली, सोयाबीन, मक्का, उड़द, धान, बाजरा, मूंग और तिल की फसलें उगाई जाती हैं। जून माह में बारिश का सिलसिला शुरू हुआ, जिससे जिले के लगभग 20 प्रतिशत किसानों ने बारिश के बीच बुवाई की, लेकिन तेज बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया और बीज गल गए या बह गए।
इनका कहना हैं
जिले के करीब 15-20 प्रतिशत किसानों ने बुवाई की थी और उनको जरूर अधिक बारिश होने से नुकसान हुआ है। खरीफ फसल की बुवाई भले ही 10 जुलाई तक होती है, लेकिन कुछ फसलें जुलाई अंत तक भी बोई जा सकती हैं। किसानों को चिंतित होने की जरूरत नहीं हैं। अगले दो-तीन दिन के लिए मौसम खुलता है, तो किसान बुवाई कर सकते है। - डा. एमके भार्गव, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी।