जिला चिकित्सालय का पालना घर कचरा घर में तब्दील,महिला एवं बाल विकास विभाग की है जिम्मेदारी | shivpuri news

Bhopal Samachar

शिवपुरी। जिला चिकित्सालय में लावारिस और अनचाहे शिशुओं को जीवनदान देने के लिए बनाया गया पालना घर इस समय कचरा घर में तब्दील हो गया है। जिला चिकित्सालय के नेत्र चिकित्सालय के सामने बनाए गए इस पालना घर में इस समय चारों ओर गंदगी का माहौल है और अस्पताल का पूरा सामान इस पालना घर के चारों ओर डाल दिया गया है।

कचरा घर में तब्दील हुए इस पालना घर  को 1 लाख रुपए की लागत से महिला बाल एवं विकास विभाग द्वारा बनाया गया था लेकिन अब केवल बजट खर्च करके पालना घर को बना तो दिया गया लेकिन अब इसकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। पालना घर को इस समय लावारिस हाल में छोड़ दिया गया है और जिला चिकित्सालय के एक हिस्से में इसे बनाने के बाद इसकी किसी अधिकारी ने सुध नहीं ली।

केवल ठिकाने लगाया गया बजट
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा एक साल पहले समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत केवल बजट ठिकाने लगाने के लिए इस पालना घर का निर्माण किया गया और जिला चिकित्सालय में इसका निर्माण कर दिया गया। अब स्थिति यह है कि यहां चारों ओर कचरा है और अस्पताल का सामान इसके आसपास एकत्रित कर दिया गया है। 

जिस उद्देश्य से इसका निर्माण किया गया था वह पूरा नहीं हो रहा है। इस पालना घर को खोलने का उद्देश्य था कि कोई महिला अपने अनचाहे शिशु या लावारिस हाल मिले शिशु को इस पालना घर तक ले जा सके लेकिन यहां पालना घर तक जाने कोई रास्ता ही नहीं। चारों ओर से यह पालना घर इस समय कचरा घर मे तब्दील है।

विभाग की अधिकतर योजनाएं ठप
कुपोषण के मामले में बदनाम चल रहे शिवपुरी जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकतर योजनाएं ठप पड़ी हुई हैं । समेकित बाल संरक्षण योजना, बेटी बचाओ योजना, महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं का काम ठप है और जिम्मेदार अधिकारी इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। 

पिछले दिनों कुपोषण से दो बच्चों की मौत हो चुकी है इसके बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। साथ ही जिले की कलेक्टर भी आंगनबाड़ी केंद्रों और अन्य जगहों पर योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए अपने दफ्तर से नहीं निकल रहीं  हैं।
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