अवैध आरा मशीन से कर रहा था लकड़ी की चिराई, 1 साल की जेल 6 हजार का जुर्माना | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। आज एक महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने अवैध रूप से आरा मशीन का संचालक करने के मामले में एक आरोपी को 1 साल की जेल और 6 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। यह मामला  26 अगस्त 2017 को फरियादी मोहन स्वरूप गुप्ता वनपाल परीक्षेत्र सहायक अमोला को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी ग्राम सिरसौद में एक अवैध आरा मशीन संचालित है;

तब तत्काल प. स. अमोला दक्षिण विपिन बिहारी बिछोतिया वनरक्षक एवं अन्य अमले को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे जहां पर अवैध आरा मशीन लगी हुई पाई गई मौके पर मशीन तो बंद थी लेकिन आरा मशीन के पास लकड़ी का बुरादा डला हुआ था जिससे पता चलता है कि मशीन थोड़ी देर पहले चलाई गई थी।

तब आरा मशीन का व्हिल आरा मशीन से निकालकर जप्त कर लिया गया। आरोपी नरेश बढ़ई का कृत्य मध्य प्रदेश काष्ठ चिरान अधिनियम 1984 की धारा 5 के तहत माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी नरेश को उक्त कृत्य के लिए दोषी पाया एवं मध्य प्रदेश काष्ठ अधिनियम 1984 की धारा 5 के उल्लंघन में जिसके लिए अधिनियम की धारा 13 में दंड का प्रावधान है में 6 माह का सश्रम कारावास एवं 6000 के जुर्माने से दंडित किया गया उक्त प्रकरण की पैरवी एडीपीओ श्रीमती सोनल गुप्ता द्वारा की गई।

आरोपी भवानी को 3 माह के सश्रम कारावास से दंडित

आज मारपीट के एक अन्य मामले में भी माननीय न्यायालय ने आरोपीयों को दोषी करार करते हुए 3 माह के जेल की सजा सुनाई है। 09 मार्च 2017 को शाम 7:00 बजे फरियादी अनिल अपने घर के सामने गली में खड़ा था। उसकी मां कमला उसके भाई जितेंद्र की पत्नी दीप्ति से कह रही थी कि वह आरोपी भवानी खटीक के नल से पानी ना भरा करें। इसी बात पर आरोपीगण बुरा मान गए और फरियादी और उसकी मां को मां-बहन की गंदी -गंदी गालियां देने लगे।

फरियादी अनिल ने गाली देने से मना किया तो आरोपी सूरज ने हाथ में पत्थर लेकर फरियादी अनिल के पेट में बाएं तरफ मारा।जिससे मुदी चोट आई। आरोपीगण ने फरियादी को पुलिस में रिपोर्ट करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। फरियादी अनिल ने घटना की रिपोर्ट भौती थाने में जाकर की।  जिसपर  से सुनवाई कर माननीय न्यायालय ने आरोपी भवानी को दोषी पाया और सजा सुनाई तथा दूसरे आरोपी सूरज खटीक की प्रकरण के दौरान मृत्यु हो चुकी है ।उक्त केस की पैरवी श्री शैलेंद्र कुमार शर्मा जी द्वारा की गई।
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