समस्याओं से जूझ रहे आधा दर्जन गांव के लोगों ने किया लोकसभा चुनाव का बहिष्कार | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। जिला मुख्यालय सहित जिले भर में  शांति पूर्ण तरीके से संपन्न मतदान संपन्न हुआ। जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र में आदिवासियों की मारपीट के अलावा अन्य किसी क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई। सुबह सात बजे से ही मतदाताओं ने मतदान केन्द्रों पर पहुंचकर मतदान किया। इसके तदुपरांत मतदान की प्रक्रिया धीरे-धीरे गति पकडऩे लगी। 

कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नि ने मतदान केन्द्र पहुंचकर अपने मत का उपयोग किया। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली से रूष्ट कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान का वहिष्कार किया गया हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के प्रयास करने के वाबजूद भी ग्रामीणों से मतदान कराने में प्रशासनिक अमला असफल ही रहा। 


ग्रामीणों ने किया मतदान का वहिष्कार, समझाने के बाद चालू हुआ मतदान
जानकारी के अनुसार प्राचीन बलारपुर मंदिर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने मतदान का वहिष्कार कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि प्राचीन बलारपुर मंदिर पर जाने के लिए वन विभाग के माधव नेशनल पार्क से रास्ता हैं। वन विभाग इस रास्ते से गुजरने के लिए पैसे मांगता है। वन विभाग हर वाहन की रसीद काटता हैं। 

रास्ते के निराकरण को लेकर ग्रामीणों ने मांग की है कि जबकि इसे लेकर पहले एक बैठक का आयोजन बलारपुर मंदिर पर किया गया था, लेकिन तब ग्रामीणों और महंत के द्वारा आयोजित बैठक में मतदान के वहिष्कार की धमकी दी थी। इसके बाद प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली और नतीजे में ग्रामीणों ने आज मतदान का वहिष्कार कर दिया। 

लेकिन इसके वाबजूद भी गांगुली और पिपरौनिया के ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया। जिसमें ग्राम करई, गगौरा, ध्वानी, पिपरौनिया, डोंगर आदि शामिल हें। लेकिन वहिष्कार की स्थिति को देखते हुए उक्त ग्रामों में प्रशासनिक अधिकारियों व राजनेताओं के समझाईश के बाद मतदान 12 बजे के उपरांत प्रारंभ हो सका। 

सड़क निर्माण न होने से रूष्ट ग्रामीणों ने किया मतदान का वहिष्कार
कोलारस विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत झाड़ेल के ग्राम पायगा में ग्रामीणों ने एक तरह से चुनाव का वहिष्कार ही किया हैं। जहां पर एक भी ग्रामीण द्वारा मतदान केन्द्र पर पहुंचकर मतदान नहीं किया। विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पायगा के मतदान केन्द्र पर महज कर्मचारियों द्वारा सात मत ही डाले गए हैं। ग्रामीणों की नाराजी का कारण कांठी से पायगा तक सड़क का निर्माण नहीं कराया गया जिसकी बजह से ग्रामीणों द्वारा मतदान का वहिष्कार किया। जिसकी सूचना मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी पायगा पहुचे और उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का भरसक प्रयास किया लेकिन इसके बाबजूद भी प्रशासनिक अधिकारी मतदान कराने में असफल ही रहे।
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