शिवपुरी। लगभग 1923-25 के स्टेट टाईम के समय जब शिवपुरी नगरी को सिंधिया परिवार बसा रहा था तब विजय धर्म सूरि समाधि मंदिर ट्रस्ट को 150 बाई 150 की भूमि के हिस्से को ट्रस्ट को सौंपा गया था धीरे-धीरे समय बदलता गया और ट्रस्ट ने माधवचौक चौराहे के समीप टोडरमल पेट्रोल पंप से लगी भूमि में निर्माण कार्य कराया और यहां करीब 50 दुकानों के निर्माण के साथ उन्हें व्यावसायिक रूप से किराए पर भी दे दिया।
विजय धर्म सूरि समाधि मंदिर ट्रस्टी होने के चलते इन दुकानों से होने वाली आय को ट्रस्टी ट्रस्ट के विकास को लेकर सतत कार्यरत रहता था लेकिन विगत लंबे समय से कुछ दुकानदारों ने ट्रस्ट की दुकानों को लेकर उसका शुरू में किराया नियमित समय पर दिया लेकिन धीरे-धीरे करीब 25-30 दुकानदारों ने मंदिर ट्रस्ट की इन दुकानों का किराया नहीं दिया और कब्जा कर उसमें अपना व्यावसाय करने लगे। यह जानकारी संस्था के व्यवस्थापक यशवंत जैन द्वारा दी गई।
इस मामले को लेकर ट्रस्टी धर्मेन्द्र जैन ने बताया कि स्टेट टाईम के समय ट्रस्ट को मिली इन दुकानों पर हुए कब्जे को लेकर माननीय न्यायालय की शरण ली और यह मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा जिसमें प्रमुख रूप से टोडरमल पेट्रोल पंप वाली गली में तीन दुकानों पर राकेश चौकसे द्वारा लंबे समय से किराया ना देते हुए कब्जा कर लिया और अपने दैनिक उपयोग में दुकानों से व्यावसाय किया जाता रहा।
इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने मंदिर ट्रस्ट की भूमि को सही पाते हुए शिवपुरी जिला न्यायालय की श्रीमती शैला गुप्ता न्यायाधीश द्वारा पुलिस की मौजूदगी में ट्रस्ट की दुकानों पर कब्जा करने वाले राकेश चौकसे को दुकानें खाली करने का आदेश दिया और मय पुलिस बल के मंगलवार को मंदिर ट्रस्ट की इन दुकानों को पुलिस की मौजूदगी में कब्जे से मुक्त कराया गया।
इस पर मंदिर ट्रस्टी धर्मेन्द्र जैन ने बताया कि हम माननीय न्यायालय की शरण में आज भी है क्योंकि अभी भी मंदिर ट्रस्ट की करीब 25-30 दुकानें शेष है जिन पर भी कई लोग दुकानदार के रूप में अपना व्यावसाय तो कर रहे है लेकिन लंबे समय से दुकानों का किराया नहीं दिया जा रहा और अब हमें विश्वास है कि शेष अन्य दुकानों पर हुए कब्जे को भी मुक्त कराकर मंदिर ट्रस्ट को अपनी दुकानें मिलेंगी और हमें न्याय मिलेगा।
वहीं मंदिर ट्रस्टी धर्मेन्द्र जैन के अनुसार आज हुई यह कार्यवाही अन्य दुकानदारों के लिए चेतावनी के समान है जो जबरन दुकान पर कब्जा किए हुए है उन्हें शीघ्र कब्जे से बाहर कर दुकान मंदिर ट्रस्ट में ली जाएगी।