प्रचार प्रसार के मामले में कांग्रेस से पीछे BJP, कांग्रेस विकास तो भाजपा मोदी लहर के भरोसे मैदान में | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था। दोनों ही प्रमुख दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झौंक दी है। चुनाव को लेकर दोनों प्रमुख दलों ने न केवल लोगों को रूझाने का भसरक प्रयास किया है। अपितु इस चुनाव में भाजपा ने जादूगरों का तो कांग्रेस ने क्रिकेट का सहारा लेकर वोट बटोरने की राजनीति की। इस चुनाव में गुना शिवपुरी से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की धर्मपत्नि प्रियदर्शनी राजे सिंधिया सहित बेटी को भी मैदान में प्रचार के लिए उतारा। वही भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर केपी यादव महज मोदी लहर के भरौसे चुनाबी मैदान में बाजी मारने के ख्बाब सजाकर बैठे है। 

गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में आज शाम 6 बजे प्रचार-प्रसार थम जाएगा और दोनों ही दलों के कार्यकर्ता सिर्फ घर-घर जनसंपर्क में जुटेंंगे। वहीं शिवपुरी सहित गुना ससंदीय क्षेत्र में डेरा डाले कांग्रेस और भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं को यह शहर छोडऩा पड़ेगा। इस चुनाव में भाजपा जहां सिर्फ मोदी लहर के सहारे रही वहीं कांग्रेस ने सांसद सिंधिया के विकास कार्यों को मुद्दा बनाया। 

गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में इस बार भाजपा काफी देर से प्रचार में जुटी। भाजपा ने प्रत्याशी भी लगभग अंतिम क्षण में घोषित किया। प्रत्याशी भी भाजपा ने अपने किसी कार्यकर्ता को न बनाकर कांग्रेस से आए केपी यादव को बनाया। यह बात अवश्य है कि कांग्रेस ने स्थानीय कार्यकर्ता को टिकट दिया। श्री यादव को टिकट दिलाने में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वपूर्ण भूमिका रही और संसदीय क्षेत्र में अनेक सभाओं में श्री चौहान ने भाजपा प्रत्याशी यादव को विभीषण की संज्ञा दी और कहा कि जिस तरह से रावण को मारने के लिए भगवान राम ने विभीषण का इस्तेमाल किया उसी तरह से सिंधिया को पराजित करने के लिए भाजपा ने विभीषण केपी यादव को टिकट दिया है। 

सिंधिया की उम्मीदवारी भी हालांकि देर से घोषित हुई, लेकिन यह तय था कि टिकट उन्हें ही मिलेगा। सांसद सिंधिया चार बार से गुना से जीत रहे हैं। उनकी धर्मपत्नि प्रियदर्शनी राजे सिंधिया संसदीय क्षेत्र में पूरे समय सक्रिय रहीं। पहले कहा जा रहा था कि उत्तरप्रदेश में व्यस्तता के चलते शायद सिंधिया पर्याप्त समय संसदीय क्षेत्र में नहीं दे पाएंगे, लेकिन सिंधिया अपेक्षा से अधिक समय तक संसदीय क्षेत्र में रहे और उन्होंने शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक सभाओं को संबोधित किया। 

जबकि उनकी तुलना में भाजपा प्रत्याशी केपी यादव संसदीय क्षेत्र का अधिक क्षेत्र कवर नहीं कर पाए। भाजपा ने इस चुनाव में सिंधिया के खिलाफ आक्रामक रणनीति भी नहीं अपनाई। गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में श्री यादव के समर्थन में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, स्मृति ईरानी, जयप्रदा आदि ने आमसभाओं को संबोधित किया, लेकिन किसी ने भी सांसद सिंधिया को निशाने पर नहीं लिया और मोदी को प्रधानमंंत्री बनाने के नाम पर मतदाताओं से वोट मांगे। 

भाजपा नेताओं ने कहा कि यह चुनाव किसी को जिताने या हराने के लिए नहीं बल्कि मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए हो रहा है। भाजपा के प्रचार प्रसार में चटकारा न आने से भी लोगों को निराशा रही। कांग्रेस के प्रचार की कमान मुख्य तौर पर सांसद सिंधिया और उनकी धर्मपत्नि प्रियदर्शनी राजे ने संभाली। प्रियदर्शनी ने तो सिंधिया से अधिक आमसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने एक सैंकड़ा से अधिक आमसभाएं की तथा सिंधिया परिवार से क्षेत्र की जनता के पारिवारिक रिश्ते और सिंधिया के विकास कार्यों के आधार पर उन्होंने मतदाताओं से वोट मांगे। 

सिंधिया के समर्थन में प्रदेश सरकार के कई मंत्री ससंदीय क्षेत्र में डेरा डाले रहे। कांग्रेस के प्रचार में नवजोत सिंह सिद्धू और इक्का दुक्का बड़े नेता ही क्षेत्र में आए। देखना यह है कि 12 मई को यहां के नेता मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के नाम पर वोट देंगे अथवा हर बार की तरह सिंधिया परिवार के इस क्षेत्र की जनता से पारिवारिक रिश्ते और सांसद सिंधिया का विकास कार्य निर्णायक साबित होगा।