शिवपुरी। शिवपुरी जिले में फर्जी अंकसूची के आधार पर एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है। इस मामले की शिकायत के बाद एसटीएफ ने इसकी जांच की और इस नियुक्ति का आधार मार्कशीट को फर्जी पाया। नौकरी पाने वाली महिला ने 2015 में 12वीं क्लास उत्तीर्ण होना बताया है,लेकिन जिस संस्थान की यह मार्कशीट है वह वह संस्थान 2018-2019 मे अस्तित्व में आया है।
एसटीएफ ने इस मामले में फर्जी मार्कशीट लगाने वाली महिला के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुसंशा की थी,लेकिन मामले को दबाया जा रहा था इस कारण पुन:इसकी शिकायत शिवपुरी कलेक्टर सहित शिवपुरी एसपी को की गई है।
यह था मामला
शिकायतकर्ता रश्मि धाकड़ ने शिकायत की महिला बाल विकास की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कल्पना वर्मा ने ग्राम रसेरा ने अपनी नियुक्ति में जो मार्कशीट लगाई है वह फर्जी है,कल्पना वर्मा को फर्जी अंकसूची के आधार पर नियुक्ति प्रदान ही है। इस मार्कशीट में विद्यालय का DICE कोड एवं जिला अंकित न होने तथा फर्जी अंकसूची फर्जी प्रतीत होती है।
इस शिकायत के बाद इस मामले की जांच उपसंचालक अजय बहादुर लावारे द्वारा की गई है। शिकायत के बयानों में रश्मि धाकड़ ने बयान दिया कि
दिसंबर 2017 में ग्राम रसेरा के केंद्र क्रमांक 23423070330 पर आंगनवाड़ी सहायिका के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसके आधार पर रश्मि धाकड़ को वर्ष 2018 में ग्राम रसेरा में केन्द्र क्रमांक 23423070333 में आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दी गई।
जनवरी 2023 में आंगनबाड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद रिक्त हो गया, जिसके एवज में कार्यालय परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास पोहरी जिला शिवपुरी द्वारा कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र मांगे गए, जिसमें रश्मि धाकड़ ने अपनी 12वीं की अंकसूची एवं आंगनबाड़ी सहायिका के 05 वर्ष के प्रमाण पत्र के आधार पर फार्म भरा।
इस नौकरी के लिए कल्पना वर्मा पत्नी विनोद धाकड़ निवासी रसेरा पोस्ट दुलहरा तहसील ने आवेदन किया था। कल्पना वर्मा के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद हेतु 2023 के अंक प्रतिशत उससे कम थे, इसलिए उसने उर्दू बोर्ड से 12वीं कक्षा का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया, जिसमें उसने अपना उत्तीर्ण वर्ष 2015 बताया तथा 12वीं कक्षा विज्ञान विषय से उत्तीर्ण होना बताया। इसमें कल्पना वर्मा के अंग्रेजी के अंक 85 दर्शाए गए हैं और मार्कशीट के नीचे प्रिंट तिथि 10.10.2018 अंकित है। इसके आधार पर कल्पना वर्मा को परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास कार्यालय, पोहरी, जिला शिवपुरी से जून 2023 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति प्राप्त हुई, जो पूर्णतः अमान्य है।
उर्दू बोर्ड की 12वीं कक्षा की विज्ञान की मार्कशीट में स्कूल के नाम के आगे जिला कोड और जिला अंकित नहीं है, जिससे मार्कशीट फर्जी और कूटरचित प्रतीत होती है। इस मामले की जांच में एसटीएफ ग्वायिलर में कल्पना वर्मा का बयान के लिए बुलाया गया था।
सत्यापन के लिए भेजी गई कल्पना वर्मा की विवादित अंकसूची
मार्कशीट के संबंध में उपरोक्त जानकारी दी गई, जिसमें प्राचार्य ने बताया है कि अनावेदक ने वर्ष 2015 में परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है, साथ ही उक्त वर्ष में संस्था को अध्ययन केंद्र के रूप में मान्यता भी नहीं दी गई थी। संस्था को अध्ययन केंद्र के रूप में पहली बार वर्ष 2018-2019 में मान्यता दी गई थी। अतः उक्त छात्रा कल्पना वर्मा की कक्षा 12वीं की मार्कशीट पूर्णतः फर्जी है और संस्था में इसका कोई अभिलेख नहीं है।
एसटीएफ ने इस मामले में फर्जी मार्कशीट लगाने वाली महिला के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुसंशा की थी,लेकिन मामले को दबाया जा रहा था इस कारण पुन:इसकी शिकायत शिवपुरी कलेक्टर सहित शिवपुरी एसपी को की गई है।
यह था मामला
शिकायतकर्ता रश्मि धाकड़ ने शिकायत की महिला बाल विकास की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कल्पना वर्मा ने ग्राम रसेरा ने अपनी नियुक्ति में जो मार्कशीट लगाई है वह फर्जी है,कल्पना वर्मा को फर्जी अंकसूची के आधार पर नियुक्ति प्रदान ही है। इस मार्कशीट में विद्यालय का DICE कोड एवं जिला अंकित न होने तथा फर्जी अंकसूची फर्जी प्रतीत होती है।
इस शिकायत के बाद इस मामले की जांच उपसंचालक अजय बहादुर लावारे द्वारा की गई है। शिकायत के बयानों में रश्मि धाकड़ ने बयान दिया कि
दिसंबर 2017 में ग्राम रसेरा के केंद्र क्रमांक 23423070330 पर आंगनवाड़ी सहायिका के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसके आधार पर रश्मि धाकड़ को वर्ष 2018 में ग्राम रसेरा में केन्द्र क्रमांक 23423070333 में आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दी गई।
जनवरी 2023 में आंगनबाड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद रिक्त हो गया, जिसके एवज में कार्यालय परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास पोहरी जिला शिवपुरी द्वारा कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र मांगे गए, जिसमें रश्मि धाकड़ ने अपनी 12वीं की अंकसूची एवं आंगनबाड़ी सहायिका के 05 वर्ष के प्रमाण पत्र के आधार पर फार्म भरा।
इस नौकरी के लिए कल्पना वर्मा पत्नी विनोद धाकड़ निवासी रसेरा पोस्ट दुलहरा तहसील ने आवेदन किया था। कल्पना वर्मा के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद हेतु 2023 के अंक प्रतिशत उससे कम थे, इसलिए उसने उर्दू बोर्ड से 12वीं कक्षा का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया, जिसमें उसने अपना उत्तीर्ण वर्ष 2015 बताया तथा 12वीं कक्षा विज्ञान विषय से उत्तीर्ण होना बताया। इसमें कल्पना वर्मा के अंग्रेजी के अंक 85 दर्शाए गए हैं और मार्कशीट के नीचे प्रिंट तिथि 10.10.2018 अंकित है। इसके आधार पर कल्पना वर्मा को परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास कार्यालय, पोहरी, जिला शिवपुरी से जून 2023 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति प्राप्त हुई, जो पूर्णतः अमान्य है।
उर्दू बोर्ड की 12वीं कक्षा की विज्ञान की मार्कशीट में स्कूल के नाम के आगे जिला कोड और जिला अंकित नहीं है, जिससे मार्कशीट फर्जी और कूटरचित प्रतीत होती है। इस मामले की जांच में एसटीएफ ग्वायिलर में कल्पना वर्मा का बयान के लिए बुलाया गया था।
सत्यापन के लिए भेजी गई कल्पना वर्मा की विवादित अंकसूची
मार्कशीट के संबंध में उपरोक्त जानकारी दी गई, जिसमें प्राचार्य ने बताया है कि अनावेदक ने वर्ष 2015 में परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है, साथ ही उक्त वर्ष में संस्था को अध्ययन केंद्र के रूप में मान्यता भी नहीं दी गई थी। संस्था को अध्ययन केंद्र के रूप में पहली बार वर्ष 2018-2019 में मान्यता दी गई थी। अतः उक्त छात्रा कल्पना वर्मा की कक्षा 12वीं की मार्कशीट पूर्णतः फर्जी है और संस्था में इसका कोई अभिलेख नहीं है।