CMO आवास को कर्मचारी ने चढ़ा दिया किराए पर,5 लाख एडवांस,20 हजार किराया

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी प्रशासन की छवि पर दाग लगाने वाली खबर बैराड़ नगर परिषद से मिल रही है। बैराड़ नगर परिषद के सीएमओ का सरकारी आवास परिषद के ही कर्मचारी ने किराए पर चढा दिया। बैराड नगर परिषद के कर्मचारी ने अतिक्रमण अवैध दुकान का निर्माण कर किराए पर दे दिया है। किराएदार ने बताया कि उसने 5 लाख रुपए एडवांस दिया ओर 20 हजार रुपए महीना किराया है।

बैराड नगर परिषद के सीएमओ बाबूलाल कुशवाह बैराड़ में किराए के मकान में रह रहे है। सीएमओ अपने कर्मचारी से अपना आवास ही मुक्त नहीं करा पा रहे है ऐसे में बैराड में अन्य अतिक्रमण को वह कैसे साफ करेंगे यह एक बड़ा सवाल है।

मनोरंजन भवन को दर्ज किया था परिषद की संपत्ति में
बैराड जब ग्राम पंचायत थी उस समय मनोरजंन भवन सरकारी पैसे से निर्माण किया था। उसके बाद जब बैराड़ नगर परिषद अस्तित्व में आई थी तो इस मनोरंजन भवन को नगर परिषद की संपत्ति में दर्ज कर लिया गया था और इसे सीएमओ आवास घोषित कर दिया था। कुछ साल तक तत्कालीन सीएमओ ने इस मनोरंजन भवन में निवास भी किया था,लेकिन बाद में इस भवन में नगर पंचायत बैराड के कर्मचारी संजय गुप्ता इस भवन में अपने परिवार सहित निवास करने लगा

वर्तमान में कर्मचारी का कब्जा,और किराए पर दुकान
बाद में इस भवन के पास स्थित सरकारी भूमि में दो दुकानों का अवैध निर्माण संजय गुप्ता के द्वारा करा लिया गया। जब यह निर्माण किया जा रहा था उस समय इस भवन को खाली कराने के बैराड़ की जनता को भूख हड़ताल पर बैठना पडा। प्रशासन के आश्वासन के बाद हड़ताली उठ गए लेकिन प्रशासन इस भवन को खाली नहीं करा सका है।

कर्मचारी के अपने पिता की संपत्ति मानते हुए न्यायायल की शरण में
दावा था कि वादी को 29 अप्रैल 1989 को ग्राम पंचायत बैराड़ द्वारा आवासीय प्रयोजन के लिए एक भूखंड आवंटित किया गया था, जिस पर उन्होंने मकान बनाकर अपना निवास शुरू किया। वादी ने तहसीलदार और नगर परिषद की कार्यवाही को चुनौती देते हुए संपत्ति पर अपना मालिकाना हक घोषित करने और उसे ढहाने से रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी।

न्यायालय ने माना अवैध आवंटन
अदालत ने पाया कि जिस जमीन (सर्वे नंबर 872) पर मकान बना है, वह सरकारी रिकॉर्ड में 'पठार' दर्ज है और 'आबादी भूमि' नहीं है।  मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 244 के तहत ग्राम पंचायत को ऐसी भूमि आवंटित करने का अधिकार ही नहीं है; यह अधिकार केवल तहसीलदार के पास है।  

फर्जीवाड़े का संदेह: सरकारी पक्ष ने दलील दी कि वादी का पुत्र संजय गुप्ता नगर परिषद में रिकॉर्ड शाखा का प्रभारी रहा है और उसने अपने पद का दुरुपयोग कर भवन पंजी में हेरफेर करके अपने पिता का नाम दर्ज किया। अदालत ने दस्तावेजों के अवलोकन में पाया कि रजिस्टर में पहले दर्ज किसी अन्य नाम को इस तरह से काटा गया था कि उसे पढ़ा न जा सके और उसके नीचे शिवनारायण का नाम लिख दिया गया।

अब वर्तमान में पार्षद किराएदार है
अवैध कब्जा की गई संपत्ति पर अवैध दुकानों का निर्माण कराकर किराए पर चढा दी गई है। सबसे मजे की बात यह है कि इस दुकान में जो किराएदार है वह परिषद का पार्षद पूरन राठौर है। पूरन राठौर ने बताया कि उसने परिषद के कर्मचारी संजय गुप्ता को 5 लाख रुपये एडवांस दिए और 20 हजार रुपए महीने दुकान का किराया देता है।

सीएमओ बोले किराए के मकान में रहता हूं
हम न्यायालय से मामला जीत चुके है,हमने कर्मचारी को 24 घंटे का नोटिस जारी किया था,कल इस मकान को खाली करा लिया जाएगा,यह बात सही है कि मै किराए के मकान में रहता हूं।

कर्मचारी को समय का अभयदान,हाईकोर्ट जा सके
बताया जा रहा है कि नगर परिषद अपने कर्मचारी के खिलाफ केस लड रही थी। जिसमें पोहरी ओर शिवपुरी न्यायालय से कर्मचारी का दावा खारिज हो चुका है,इस मामले में अंतरिम फैसला 3 दिसंबर को आया था आज 19 दिसंबर हैं,लेकिन सीएमओ अपने कर्मचारी से यह सरकारी आवास अभी तक खाली नहीं करा सके है। नोटिस देने की खानापूर्ति की जा रही है। कर्मचारी का अभय दान दिया जा रहा है जिससे वह इस मामले को हाईकोर्ट मे कर्मचारी संजय गुप्ता ले जा सके और मामले का फिर न्यायालय मे विचाराधीन होने पर लटकाया जा सके। 

Virus-free.www.avast.com