शिवपुरी। शिवपुरी का पारा पिछले 24 घंटे में 4 डिग्री गिर गया और न्यूनतम 6 डिग्री पर आ गया। चलने वाली जेट स्ट्रीम हवाए शिवपुरी को जमा रही है। इस ठंड को शिवपुरी के हार्ट पेशेंट मरीज को जानलेवा मौसम कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी। सबसे गंभीर स्थिति यह है कि शिवपुरी जैसे जिला मुख्यालय में आज भी स्थायी कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं है,इस कारण हार्ट पेशेंट मरीजो को अपनी सुरक्षा स्वयं करनी होगी।
स्थायी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर उपलब्ध नहीं है
शिवपुरी के स्वास्थ्य सेवाओं की बात करे जिला अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज में मेडिकल अस्पताल है लेकिन शिवपुरी जिले में स्थायी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। इस कारण हार्ट पेशेंट मरीज को इमरजेंसी में जान जाने के प्रतिशत अधिक रहते है। जिले में नवंबर माह में ही 12 लोगों को हार्ट अटैक आया, जबकि बीते एक साल में यह आंकड़ा 140 तक पहुंच चुका है। दिसंबर माह में 7 लोगों को हार्ट अटैक आया है। आंकड़ों की बात करे तो पिछले 2 साल में 67 लोग दिल की बीमारी के शिकार हुए है।
सबसे गंभीर स्थिति यह है कि शिवपुरी जैसे जिला मुख्यालय में आज भी स्थायी कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं है। मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल से हार्ट अटैक के मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल ग्वालियर रेफर किया जा रहा है। कई मामलों में गोल्डन आवर के दौरान विशेषज्ञ इलाज न मिलने से मरीजों की जान पर बन आती है।
इमरजेंसी में मरीज पर मंडराती है मौत
रात के समय या गंभीर हालत में मरीजों को 100 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करनी पड़ती है,इस सफर में दिल के शिकार हुए बीमारी के मरीज पर मौत मंडराती रहती है। जिससे परिजन की चिंताए बढ़ जाती है। बढ़ते आंकड़े साफ संकेत दे रहे है कि दिल की बीमारी अब उम्र नहीं देख रही। ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करना और आम लोगों में जागरूकता बढ़ाना अब विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत बन चुका है।
रेफर का विकल्प के सहारे शिवपुरी का स्वास्थ्य विभाग
क्योंकि शिवपुरी में स्थायी कार्डियोलॉजिस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हार्ट अटैक के गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर रेफर किया जा रहा है। कई मामलों में समय पर विशेषज्ञ उपचार न मिलने से मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यह बोले हार्ट के मरीज
मुझे 2 साल से दिल की बीमारी है, शिवपुरी में हार्ट अटैक का कोई इलाज नहीं है। कार्डियोलॉजिस्ट तक नहीं है, इस वजह से हम हर माह ग्वालियर स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जाते हैं। शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज तक में हार्ट का कोई इलाज नहीं है। प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर
ही रेफर करते हैं। मणिकांत शर्मा,
स्थायी निवासी, टेकरी
मेरे सीने में बीते वर्ष दर्द उठा
जिसके बाद बेटे ने मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य परीक्षण कराया, वहां मौजूद जूनियर डॉक्टरों ने हार्ट की परेशानी बताते हुए हमें ग्वालियर रेफर किया, एक साल से ग्वालियर के डॉक्टर का इलाज चल रहा है। शिवपुरी में इलाज की व्यवस्था होती, तो परेशान नहीं होते।
सुरेश गोयल,
स्थायी निवासी, वार्ड 6
उचित इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज में सीसीयू कार्डियक केयर यूनिट) का निर्माण कराया जा रहा है, अगले 6 माह में यह यूनिट बनकर तैयार हो जाएगी। जिसके बाद रेफर मरीजों की संख्या में कमी आने की संभावना है। एक निजी अस्पताल में डीएम कार्डियोलॉजिस्ट मरीजों का इलाज कर रहे हैं। सरकारी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में हृदय रोगियों के लिए उचित इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है।
डॉ संजय ऋषिश्वर, सीएमएचओ, शिवपुरी
स्थायी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर उपलब्ध नहीं है
शिवपुरी के स्वास्थ्य सेवाओं की बात करे जिला अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज में मेडिकल अस्पताल है लेकिन शिवपुरी जिले में स्थायी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। इस कारण हार्ट पेशेंट मरीज को इमरजेंसी में जान जाने के प्रतिशत अधिक रहते है। जिले में नवंबर माह में ही 12 लोगों को हार्ट अटैक आया, जबकि बीते एक साल में यह आंकड़ा 140 तक पहुंच चुका है। दिसंबर माह में 7 लोगों को हार्ट अटैक आया है। आंकड़ों की बात करे तो पिछले 2 साल में 67 लोग दिल की बीमारी के शिकार हुए है।
सबसे गंभीर स्थिति यह है कि शिवपुरी जैसे जिला मुख्यालय में आज भी स्थायी कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं है। मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल से हार्ट अटैक के मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल ग्वालियर रेफर किया जा रहा है। कई मामलों में गोल्डन आवर के दौरान विशेषज्ञ इलाज न मिलने से मरीजों की जान पर बन आती है।
इमरजेंसी में मरीज पर मंडराती है मौत
रात के समय या गंभीर हालत में मरीजों को 100 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करनी पड़ती है,इस सफर में दिल के शिकार हुए बीमारी के मरीज पर मौत मंडराती रहती है। जिससे परिजन की चिंताए बढ़ जाती है। बढ़ते आंकड़े साफ संकेत दे रहे है कि दिल की बीमारी अब उम्र नहीं देख रही। ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करना और आम लोगों में जागरूकता बढ़ाना अब विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत बन चुका है।
रेफर का विकल्प के सहारे शिवपुरी का स्वास्थ्य विभाग
क्योंकि शिवपुरी में स्थायी कार्डियोलॉजिस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हार्ट अटैक के गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर रेफर किया जा रहा है। कई मामलों में समय पर विशेषज्ञ उपचार न मिलने से मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यह बोले हार्ट के मरीज
मुझे 2 साल से दिल की बीमारी है, शिवपुरी में हार्ट अटैक का कोई इलाज नहीं है। कार्डियोलॉजिस्ट तक नहीं है, इस वजह से हम हर माह ग्वालियर स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जाते हैं। शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज तक में हार्ट का कोई इलाज नहीं है। प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर
ही रेफर करते हैं। मणिकांत शर्मा,
स्थायी निवासी, टेकरी
मेरे सीने में बीते वर्ष दर्द उठा
जिसके बाद बेटे ने मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य परीक्षण कराया, वहां मौजूद जूनियर डॉक्टरों ने हार्ट की परेशानी बताते हुए हमें ग्वालियर रेफर किया, एक साल से ग्वालियर के डॉक्टर का इलाज चल रहा है। शिवपुरी में इलाज की व्यवस्था होती, तो परेशान नहीं होते।
सुरेश गोयल,
स्थायी निवासी, वार्ड 6
उचित इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज में सीसीयू कार्डियक केयर यूनिट) का निर्माण कराया जा रहा है, अगले 6 माह में यह यूनिट बनकर तैयार हो जाएगी। जिसके बाद रेफर मरीजों की संख्या में कमी आने की संभावना है। एक निजी अस्पताल में डीएम कार्डियोलॉजिस्ट मरीजों का इलाज कर रहे हैं। सरकारी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में हृदय रोगियों के लिए उचित इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है।
डॉ संजय ऋषिश्वर, सीएमएचओ, शिवपुरी