शिवपुरी। आर्थिक संकट से जूझ रही नगर पालिका ने खर्च की बचत के लिए एनर्जी आडिट कराई है,इस ऑडिट के कारण नगर पालिका के प्रतिवर्ष 3 करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है। इसी कारण शिवपुरी नगर पालिका के सीएमओ इशांक धाकड़ ने बिजली विभाग को पत्र लिखा है।
बताया जा रहा है कि शिवपुरी नगर पालिका क्षेत्र में अपने सर्वे में 150 बोर ऐसे पाए है जिन पर जिन पर कुछ चिह्नित चार से पांच लोगों का ही कब्जा है। वही लोग उस बोर से पानी भर रहे हैं, जबकि उनके घरों तक मड़ीखेड़ा जलावर्धन योजना की पाइप लाइन भी पहुंच चुकी है। ऐसे में यह बोर सार्वजनिक उपयोग में न आते हुए कुछ परिवार विशेष के ही उपयोग में आ रहे हैं। सीएमओ का कहना है कि उनके मैदानी अमले ने शहरभर में ऐसे करीब 150 बोर चिह्नित किए हैं।
इन बोर से पानी तो सिर्फ कुछ परिवार ही भर रहे हैं, इनके बिजली बिलों का भुगतान नगर पालिका कर रही है। बोर में मोटर नगर पालिका डाल रही है। इससे नगर पालिका को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही वजह है कि ऐसे सभी बोर के कनेक्शन कटवा दिए जाएंगे जिससे नगर पालिका को हो रहे नुकसान में कमी आएगी।
एनर्जी आडिट के निर्देश के बाद उठाया कदम
सीएमओ धाकड़ के अनुसार उन्हें वरिष्ठ कार्यालय से इस बात के निर्देश प्राप्त हुए हैं कि वह अपने यहां का एनर्जी आडिट करें। इसके बाद यह पता लगाएं कि कहां पर अनियमितता बरती जा रही है। उक्त अनियमितता में सुधार करें। इसी क्रम में उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। भविष्य में और भी बोर चिह्नित किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
सीएमओ के अनुसार एक-एक बोर का बिजली का बिल हर महीने 20 से 25 हजार रुपये तक का आ रहा है। इसके अलावा बोर में डालने वाली पांच एचपी की मोटर और मोटर की रिपेयरिंग का खर्च भी नगर पालिका ही उठाती है। जो चिन्हित परिवार इस बोर का उपयोग कर रहे हैं, वह न तो पानी का टैक्स चुकाते हैं और न ही बिजली का बिल।
इनका कहना हैं
जिन बोर का उपयोग सिर्फ कुछ चुनिंदा परिवार कर रहे हैं या फिर जिन बोर पर कुछ दबंग लोगों ने कब्जा कर लिया है। ऐसे बोर के विद्युत कनेक्शन का भुगतान नपा आखिर क्यों करेगी। इससे नपा को आर्थिक नुकसान हो रहा है। ऐसे सभी बोर के कनेक्शन काटे जाएंगे। प्रारंभिक लिस्ट में हमें करीब 150 बोर चिह्नित किए हैं।
इशांक धाकड़, सीएमओ, नपा।
बताया जा रहा है कि शिवपुरी नगर पालिका क्षेत्र में अपने सर्वे में 150 बोर ऐसे पाए है जिन पर जिन पर कुछ चिह्नित चार से पांच लोगों का ही कब्जा है। वही लोग उस बोर से पानी भर रहे हैं, जबकि उनके घरों तक मड़ीखेड़ा जलावर्धन योजना की पाइप लाइन भी पहुंच चुकी है। ऐसे में यह बोर सार्वजनिक उपयोग में न आते हुए कुछ परिवार विशेष के ही उपयोग में आ रहे हैं। सीएमओ का कहना है कि उनके मैदानी अमले ने शहरभर में ऐसे करीब 150 बोर चिह्नित किए हैं।
इन बोर से पानी तो सिर्फ कुछ परिवार ही भर रहे हैं, इनके बिजली बिलों का भुगतान नगर पालिका कर रही है। बोर में मोटर नगर पालिका डाल रही है। इससे नगर पालिका को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही वजह है कि ऐसे सभी बोर के कनेक्शन कटवा दिए जाएंगे जिससे नगर पालिका को हो रहे नुकसान में कमी आएगी।
एनर्जी आडिट के निर्देश के बाद उठाया कदम
सीएमओ धाकड़ के अनुसार उन्हें वरिष्ठ कार्यालय से इस बात के निर्देश प्राप्त हुए हैं कि वह अपने यहां का एनर्जी आडिट करें। इसके बाद यह पता लगाएं कि कहां पर अनियमितता बरती जा रही है। उक्त अनियमितता में सुधार करें। इसी क्रम में उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। भविष्य में और भी बोर चिह्नित किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
सीएमओ के अनुसार एक-एक बोर का बिजली का बिल हर महीने 20 से 25 हजार रुपये तक का आ रहा है। इसके अलावा बोर में डालने वाली पांच एचपी की मोटर और मोटर की रिपेयरिंग का खर्च भी नगर पालिका ही उठाती है। जो चिन्हित परिवार इस बोर का उपयोग कर रहे हैं, वह न तो पानी का टैक्स चुकाते हैं और न ही बिजली का बिल।
इनका कहना हैं
जिन बोर का उपयोग सिर्फ कुछ चुनिंदा परिवार कर रहे हैं या फिर जिन बोर पर कुछ दबंग लोगों ने कब्जा कर लिया है। ऐसे बोर के विद्युत कनेक्शन का भुगतान नपा आखिर क्यों करेगी। इससे नपा को आर्थिक नुकसान हो रहा है। ऐसे सभी बोर के कनेक्शन काटे जाएंगे। प्रारंभिक लिस्ट में हमें करीब 150 बोर चिह्नित किए हैं।
इशांक धाकड़, सीएमओ, नपा।