शिवपुरी। शहर और तहसील स्तर पर बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए बिजली विभाग ने अब कमर कस ली है। पिछले एक माह से बिजली कंपनी ने 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाते हुए निगरानी व्यवस्था को सख्त कर दिया है। विभाग ने बिजली चोरी रोकने के लिए कर्मचारियों को 8-8 घंटे की शिफ्ट में बतौर 'चौकीदार' तैनात किया है।
ये टीमें विशेष रूप से उन लोगों पर नजर रख रही हैं जो ट्रांसफार्मर या विद्युत पोल से सीधे तार (कटिया) डालकर बिजली चोरी करते हैं। कंपनी ने पिछले एक महीने में कार्रवाई करते हुए करीब 200 बिजली चोरी के प्रकरण दर्ज किए हैं।
24 घंटे हो रही ट्रांसफार्मरों की निगरानी
बिजली चोरी रोकने के लिए कंपनी ने जो नई व्यवस्था बनाई है, उसके तहत कर्मचारियों की ड्यूटी 8-8 घंटे की शिफ्ट में लगाई गई है। एक शिफ्ट में 4 से 6 कर्मचारी तैनात रहते हैं। ये कर्मचारी उन संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त करते हैं जहां बिजली चोरी की शिकायतें सबसे ज्यादा हैं। चूंकि बिजली चोरी अक्सर रात के अंधेरे में सीधे तार डालकर की जाती है, इसलिए रात के समय कंपनी की दो से तीन टीमें विशेष रूप से सक्रिय रहती हैं।
ओवरलोडिंग से ईमानदार उपभोक्ता परेशान
ट्रांसफार्मर से सीधे बिजली चोरी होने के कारण सिस्टम पर लोड बढ़ जाता है। इससे न केवल कंपनी को राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि ओवरलोडिंग के कारण कई बार ट्रांसफार्मर जल जाते हैं। इसका खामियाजा उन ईमानदार उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है जो नियम से बिल भरते हैं, क्योंकि ट्रांसफार्मर सुधरने तक उन्हें बिजली संकट का सामना करना पड़ता है।
इन इलाकों पर विभाग की पैनी नजर
शहर के कई इलाकों में लोग कनेक्शन लेने के बजाय अवैध रूप से बिजली का उपयोग कर रहे हैं। विभाग द्वारा चिन्हित किए गए प्रमुख क्षेत्रों में करौंदी कॉलोनी, लालमाटी, मनियर, संजय कॉलोनी, इंद्रा कॉलोनी, बस स्टैंड का पिछला हिस्सा और फक्कड़ कॉलोनी शामिल हैं। यहाँ बड़े पैमाने पर बिजली चोरी की शिकायतें मिली हैं।
मीटर जलाने वालों की अब खैर नहीं
अधिकारियों के मुताबिक, कई उपभोक्ता अधिक बिल से बचने के लिए जानबूझकर मीटर जला देते हैं या उसमें छेड़छाड़ करवाकर उसकी रफ्तार कम कर देते हैं, ताकि उन्हें सिर्फ आंकलित (एवरेज) खपत का बिल देना पड़े। ऐसे लोगों के खिलाफ भी विभाग सख्त हो गया है। पकड़े जाने पर न केवल चोरी का केस दर्ज किया जा रहा है, बल्कि नया मीटर लगाकर निगरानी भी बढ़ा दी गई है।
पहले चेतावनी, फिर धारा 135 में कार्रवाई
बिजली कंपनी का यह अभियान पिछले एक माह से जारी है। गश्त के दौरान टीम पहले तार जब्त कर संबंधित व्यक्ति को चेतावनी देती है। यदि इसके बाद भी सुधार नहीं होता और दोबारा चोरी पकड़ी जाती है, तो वीडियो-फोटोग्राफी के सबूतों के आधार पर विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत प्रकरण दर्ज किया जाता है।
इनका कहना हैं
बिजली चोरी के खिलाफ पिछले एक माह से लगातार कार्रवाई चल रही है। हम पहले तार जब्त कर संबंधित को चेतावनी देते हैं, और न मानने पर बिजली चोरी का केस दर्ज करते हैं। अब तक करीब 200 मामले सामने आए हैं। यह कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी।
श्रवण पटेल, उप महाप्रबंधक, मप्रपक्षेविविकं
ये टीमें विशेष रूप से उन लोगों पर नजर रख रही हैं जो ट्रांसफार्मर या विद्युत पोल से सीधे तार (कटिया) डालकर बिजली चोरी करते हैं। कंपनी ने पिछले एक महीने में कार्रवाई करते हुए करीब 200 बिजली चोरी के प्रकरण दर्ज किए हैं।
24 घंटे हो रही ट्रांसफार्मरों की निगरानी
बिजली चोरी रोकने के लिए कंपनी ने जो नई व्यवस्था बनाई है, उसके तहत कर्मचारियों की ड्यूटी 8-8 घंटे की शिफ्ट में लगाई गई है। एक शिफ्ट में 4 से 6 कर्मचारी तैनात रहते हैं। ये कर्मचारी उन संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त करते हैं जहां बिजली चोरी की शिकायतें सबसे ज्यादा हैं। चूंकि बिजली चोरी अक्सर रात के अंधेरे में सीधे तार डालकर की जाती है, इसलिए रात के समय कंपनी की दो से तीन टीमें विशेष रूप से सक्रिय रहती हैं।
ओवरलोडिंग से ईमानदार उपभोक्ता परेशान
ट्रांसफार्मर से सीधे बिजली चोरी होने के कारण सिस्टम पर लोड बढ़ जाता है। इससे न केवल कंपनी को राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि ओवरलोडिंग के कारण कई बार ट्रांसफार्मर जल जाते हैं। इसका खामियाजा उन ईमानदार उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है जो नियम से बिल भरते हैं, क्योंकि ट्रांसफार्मर सुधरने तक उन्हें बिजली संकट का सामना करना पड़ता है।
इन इलाकों पर विभाग की पैनी नजर
शहर के कई इलाकों में लोग कनेक्शन लेने के बजाय अवैध रूप से बिजली का उपयोग कर रहे हैं। विभाग द्वारा चिन्हित किए गए प्रमुख क्षेत्रों में करौंदी कॉलोनी, लालमाटी, मनियर, संजय कॉलोनी, इंद्रा कॉलोनी, बस स्टैंड का पिछला हिस्सा और फक्कड़ कॉलोनी शामिल हैं। यहाँ बड़े पैमाने पर बिजली चोरी की शिकायतें मिली हैं।
मीटर जलाने वालों की अब खैर नहीं
अधिकारियों के मुताबिक, कई उपभोक्ता अधिक बिल से बचने के लिए जानबूझकर मीटर जला देते हैं या उसमें छेड़छाड़ करवाकर उसकी रफ्तार कम कर देते हैं, ताकि उन्हें सिर्फ आंकलित (एवरेज) खपत का बिल देना पड़े। ऐसे लोगों के खिलाफ भी विभाग सख्त हो गया है। पकड़े जाने पर न केवल चोरी का केस दर्ज किया जा रहा है, बल्कि नया मीटर लगाकर निगरानी भी बढ़ा दी गई है।
पहले चेतावनी, फिर धारा 135 में कार्रवाई
बिजली कंपनी का यह अभियान पिछले एक माह से जारी है। गश्त के दौरान टीम पहले तार जब्त कर संबंधित व्यक्ति को चेतावनी देती है। यदि इसके बाद भी सुधार नहीं होता और दोबारा चोरी पकड़ी जाती है, तो वीडियो-फोटोग्राफी के सबूतों के आधार पर विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत प्रकरण दर्ज किया जाता है।
इनका कहना हैं
बिजली चोरी के खिलाफ पिछले एक माह से लगातार कार्रवाई चल रही है। हम पहले तार जब्त कर संबंधित को चेतावनी देते हैं, और न मानने पर बिजली चोरी का केस दर्ज करते हैं। अब तक करीब 200 मामले सामने आए हैं। यह कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी।
श्रवण पटेल, उप महाप्रबंधक, मप्रपक्षेविविकं