शिवपुरी। केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर जिस अनाथ छात्रा को आदिम जाति कल्याण विभाग के सीनियर बालिका छात्रावास में प्रवेश दिया गया था। अब उक्त छात्रा का नाम छात्रावास से काट दिया गया है। छात्रा ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उसे वापस छात्रावास में प्रवेश दिलाया जाए।
जानकारी के अनुसार शिवपुरी निवासी मान्या पुत्री स्व. नीरज सोनी के माता-पिता नहीं हैं वह अपनी दादी के साथ रहती है। अगस्त माह में शिवपुरी दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर उक्त छात्रा ने अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए छात्रावास में प्रवेश हेतु मंशा जाहिर की थी। जिसके चलते केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर उक्त छात्रा को प्रवेश देने के लिए कहा गया था।
जिसके बाद मान्या का टीवी टावर स्थित सीनियर बालिका छात्रावास में 29 अगस्त 2025 को प्रवेश कराया गया। मान्या के अनुसार 15-16 सितंबर को उसका नाम काट दिया गया। छात्रा मान्या का आरोप है कि छात्रावास वार्डन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह उसे पसंद नहीं करती हैं। अब वह उस पर छात्रावास से निकलने का दबाव बना रही हैं।
छात्रावास वार्डन ने कहा- नियमानुसार वह पात्र नहीं है
इस पूरे मामले में छात्रावास वार्डन प्रीति सूर्येश का कहना है कि उनके 50 सीट वाले छात्रावास में पूरी सीटें एससी की छात्राओं से भरी हुई हैं। ऐसे में आरक्षण रोस्टर काम ही नहीं करता है। हालांकि मुझे मौखिक रूप से छात्रा को रखने के आदेश दिए गए थे, इसलिए मैंने उसे रखा भी था। इसके अलावा छात्रा द्वारा जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं उनके संबंध में छात्रावास के कैमरे चेक करके पता लगाया जा सकता है।
बच्ची तो बचपन से ही छात्रावास में ही रह रही है
इस पूरे प्रकरण पर आदिम जाति कल्याण विभाग के डीओ राजकुमार सिंह का कहना है कि चूंकि छात्रा की दादी कुसुम सोनी हमारे उसी छात्रावास में रसोईया के पद पर पदस्थ है। ऐसे में छात्रा बचपन से ही उसके साथ छात्रावास में रह रही है। अब वह वहां प्रवेश लेने की जिद पकड़ गई है, जो संभव नहीं है। हालांकि उसकी परिस्थिति को देखते हुए आज कलेक्टर साहब ने उसे कहा है कि उसे ओबीसी के छात्रावास में प्रवेश दिलवा देते हैं, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं है।
जानकारी के अनुसार शिवपुरी निवासी मान्या पुत्री स्व. नीरज सोनी के माता-पिता नहीं हैं वह अपनी दादी के साथ रहती है। अगस्त माह में शिवपुरी दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर उक्त छात्रा ने अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए छात्रावास में प्रवेश हेतु मंशा जाहिर की थी। जिसके चलते केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर उक्त छात्रा को प्रवेश देने के लिए कहा गया था।
जिसके बाद मान्या का टीवी टावर स्थित सीनियर बालिका छात्रावास में 29 अगस्त 2025 को प्रवेश कराया गया। मान्या के अनुसार 15-16 सितंबर को उसका नाम काट दिया गया। छात्रा मान्या का आरोप है कि छात्रावास वार्डन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह उसे पसंद नहीं करती हैं। अब वह उस पर छात्रावास से निकलने का दबाव बना रही हैं।
छात्रावास वार्डन ने कहा- नियमानुसार वह पात्र नहीं है
इस पूरे मामले में छात्रावास वार्डन प्रीति सूर्येश का कहना है कि उनके 50 सीट वाले छात्रावास में पूरी सीटें एससी की छात्राओं से भरी हुई हैं। ऐसे में आरक्षण रोस्टर काम ही नहीं करता है। हालांकि मुझे मौखिक रूप से छात्रा को रखने के आदेश दिए गए थे, इसलिए मैंने उसे रखा भी था। इसके अलावा छात्रा द्वारा जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं उनके संबंध में छात्रावास के कैमरे चेक करके पता लगाया जा सकता है।
बच्ची तो बचपन से ही छात्रावास में ही रह रही है
इस पूरे प्रकरण पर आदिम जाति कल्याण विभाग के डीओ राजकुमार सिंह का कहना है कि चूंकि छात्रा की दादी कुसुम सोनी हमारे उसी छात्रावास में रसोईया के पद पर पदस्थ है। ऐसे में छात्रा बचपन से ही उसके साथ छात्रावास में रह रही है। अब वह वहां प्रवेश लेने की जिद पकड़ गई है, जो संभव नहीं है। हालांकि उसकी परिस्थिति को देखते हुए आज कलेक्टर साहब ने उसे कहा है कि उसे ओबीसी के छात्रावास में प्रवेश दिलवा देते हैं, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं है।