मेडिकल कॉलेज में कैंसर वार्ड पर लगा ताला, नही है अब कोई विशेषज्ञ डॉक्टर - Shivpuri News

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी में करोडो की लागत से बना मेडिकल कॉलेज में मरीजों को इलाज कम दुत्कार अधिक मिलती है। मेडिकल कॉलेज ने अपनी तालिबान नियम अलग से बना रखे है,मेडिकल कॉलेज की मनमानी की खबरें बाहर नही आए इसलिए मीडिया पर रोक लगा रखी है,अब शहर के कैंसर पीड़ित मरीज और उनके परिजनों को झटका देने वाली खबर आ रही है कि मेडिकल कॉलेज में एकमात्र कैंसर विशेषज्ञ के नौकरी छोड़ने के बाद अब शिवपुरी में कैंसर का इलाज मिलना बंद हो गया है और मेडिकल कॉलेज के अंदर चल रहा कैंसर वार्ड भी बंद हो गया है।

जिले के मेडिकल कॉलेज में एक ही कैंसर विशेषज्ञ धीरेन्द्र सचान थे, लेकिन वह नौकरी छोड़कर किसी दूसरे अस्पताल में चले गए। कैंसर विशेषज्ञ न होने की वजह से कैंसर पीड़ितों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है। मरीजों का कहना है कि कई बार समय पर कीमोथेरेपी न होने एवं इलाज न मिलने की वजह उनका भरोसा मेडिकल कॉलेज से उठ गया है। ऐसे में उन्हें ग्वालियर एवं  मुंबई तक इलाज के लिए जाना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कभी डॉक्टर न होने तो कभी दवाई का हवाला देकर मरीजों को चलता कर देते हैं।

मेडिकल कॉलेज में मौजूद कैंसर वार्ड में लगभग 10 पलंग है। यह कैंसर वार्ड बीते कई दिन से बंद पड़ा है। मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन जो कैंसर मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, उन्हें जूनियर डॉक्टर देखकर यह कहते हुए चलता कर देते हैं कि मेडिकल कॉलेज में कोई सीनियर डॉक्टर नहीं है, इसलिए आप मरीज का इलाज कहीं और कराएं।

कीमो का इंजेक्शन लगवाने के लिए 14 दिन तक परेशान रही महिला
शहर के मेडिकल कॉलेज में एक कैंसर पीड़ित 14 दिन तक कीमो का इंजेक्शन लगवाने के लिए परेशान रही हालांकि बीते रोज कड़ी जद्दोजहद के बाद उसे इंजेक्शन लगा दिया गया। कैंसर पीड़िता सपना अग्रवाल का इलाज आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। सपना के पति हेमंत ने बताया कि पत्नी को कीमो के दो इंजेक्शन लग गए, तीसरा इंजेक्शन 7 अगस्त को लगना था। लेकिन तय तारीख पर मेडिकल कॉलेज की फार्मेसी में 21 हजार रुपए से ज्यादा कीमत के ट्रैस्टिजमाब 500 एमजी इंजेक्शन की उपलब्धता नहीं
थी।

कैंसर से जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ रही पीड़िता की हालत देखकर जिम्मेदारों के समक्ष गिड़गिड़ाकर इंजेक्शन की मांग करते रहे, लेकिन इंजेक्शन पीड़िता को उपलब्ध नहीं हो सका। बाद में जब वह मेडिकल कॉलेज के डीन से मिले तो यह इंजेक्शन बड़ी मुश्किल से गुरुवार को लग गया।

इनका कहना हैं
हमारे यहां पर एक ही डॉक्टर थे। वह नौकरी छोड़कर चले गए। जैसे ही कोई डॉक्टर आएगा तो हम फिर से कैंसर वार्ड को शुरू करवा देंगे। सपना अग्रवाल का मामला मेरे संज्ञान में जब आया तो मैंने इंजेक्शन की व्यवस्था कर उनको लगवा दिया। पहले हमारे पास इंजेक्शन नहीं था।
डॉ डी परमहंस, डीन, मेडिकल कॉलेज, शिवपुरी।