वर्धमान होटल के संचालक ब्लैकमेल ओर बलात्कार के मामले में दोषमुक्त - karera News

Bhopal Samachar

नरवर। नरवर के होटल व्यवसायी एवं पार्षद पति पर उसके होटल में रुकी महिला यात्री के साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा पार्षद पति को दुष्कर्म के आरोप से मुक्त कर दिया है। महिला यात्री द्वारा पार्षद पति को ब्लैकमेल करने के लिए उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

उल्लेखनीय है कि 30 जुलाई 2023 को फरीदाबाद हरियाणा निवासी दो महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत दर्ज कराई थी कि दो सहेलियां और एक नाबालिग बेटी के साथ लोड़ी माता के दर्शन करने नरवर पहुंची थीं। जहां उन्होंने रुकने के लिए नरवर कस्बे में नरवर नगर परिषद के पार्षद पति के वर्धमान होटल में रूम किराए पर लिया था।

फरीदाबाद के बलभगढ़ की रहने वाली 34 साल की ब्यूटी पार्लर संचालिका ने महिला थाना पुलिस को बताया कि एक बार में अप्रैल माह अपनी दोस्त के साथ नरवर की लोड़ी माता के दर्शन करने आयी थी हम नरवर में वर्धमान होटल में रुके थे। इस दौरान मैने अपना नंबर होटल के एंट्री रजिस्टर में दर्ज करा दिया था। रजिस्टर में लिखे नंबर के जरिए शुभम जैन मुझसे बीच-बीच में बात कराने लगा था। साथ ही अपने नौकर अशोक कुशवाह से भी बात कराता था। इसके चलते होटल के संचालक से थोड़ी जान पहचान हो गई थी।

28 जुलाई शुक्रवार को में ओर मेरी एक सहेली अपनी बेटी के साथ फिर लोड़ी माता के दर्शन करने के लिए नरवर पहुंचे हुई थे। इस दौरान में फिर होटल के रूम नंबर 111 में रुके थे। रात करीब साढ़े 9 बजे होटल के संचालक शुभम ने मुझे होटल के कमरा नंबर 119 में बुलाया जहां उसने जबरदस्ती रेप किया। शुभम ने मुझे अपने राजनीतिक रसूख का हवाला देते हुए किसी को कुछ न बताने की धमकी दी इसके बाद में अपने कमरे मे आ गयी।  

मुझे घबराहट और बेचैनी हो रही थी इसी के चलते में होटल के छत पर चली गई थी। इसी दौरान होटल का नौकर अशोक कुशवाह हमारे कमरे घुस गया जिसने मेरी सहेली के साथ जबरदस्ती रेप करने का प्रयास किया और विरोध के बाद उसके साथ मारपीट की।

शिकायत के आधार पर पुलिस अधीक्षक रघुवंश भदौरिया ने महिला थाना प्रभारी शिखा तिवारी को पुलिस कंट्रोल रूम बुलवाया और पीड़िताओं के बयान दर्ज करने के निर्देश देते हुए करैरा एसडीओपी को मामले की जांच करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए।

जांच उपरांत महिला थाने में आरेापित शुभम जैन व अशोक के खिलाफ बलात्कार, छेड़छाड़, जान से मारने की धमकी देने सहित एससी एसटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण कायम कर लिया गया।

उक्त प्रकरण में विवेचना उपरांत शुभम जैन के खिलाफ मामला सुनवाई के लिए न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से उनके वकील शैलेंद्र समाधिया, दीपेश दुबे व बृजमोहन राठौर यह साबित करने में सफल रहे कि महिला ने प्रकरण दर्ज करवाने के उपरांत आरोपित पार्षद पति को राजीनामा करने के लिए फरीदाबाद बुलाया और पैसों की मांग कर उसे ब्लैकमेल किया।

इसके अलावा महिला द्वारा जिस समय की घटना बताई गई, उस समय आरोपित होटल के रिसेप्शन पर बैठा था और वहां से सीधा होटल के बाहर गया। इसके अलावा डीएनए रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। न्यायालय ने उक्त तथ्यों के आधार पर पार्षद पति को दुष्कर्म के आरोप से दोषमुक्त कर दिया।