शिवपुरी। शिवपुरी जिले सहित मध्य प्रदेश के सबसे प्राचीन नगरों की श्रृंखला का नरवर नगर, अपने इतिहास ओर एक समृद्ध कथाओं को अपने आंचल में समेटे है,लेकिन नरवर नगर में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। एक प्लानिंग के तहत नरवर नगर में काम किया जाए तो यह नरवर नगर मध्य प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में सिरमौर हो सकता है। नरवर नगर प्रकृति की गोद मे बसा है साथ में इस नगर की सीमाए माधव नेशनल पार्क से लगती है और मड़ीखेड़ा डैम सहित सिंध नदी इसकी ताज है। नरवर नगर में टूरिज्म का हब डबलब करने के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी सहित विस्तृत प्रस्ताव रखा है।
पत्र में लिखा गया है
मड़ीखेड़ा अटल सागर बांध पर वाटर स्पोर्ट्स की अपार संभावनाएं हैं। श्योपुर के नेशनल कूनो पार्क से शिवपुरी, ओरछा, खजुराहो और पन्ना तक नए टूरिस्ट सर्किट उभरकर सामने आया है। स्थानीय पूरे देश और विदेश के सैलानियों के लिए यह टूरिस्ट सर्किट रोमांचकारी साबित होगा। नगर परिषद नरवर की अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी सहित विस्तृत प्रस्ताव रखा है। नगर परिषद अध्यक्ष पदमा संदीप माहेश्वरी ने 17 मई को केंद्रीय मंत्री सिंधिया को लेटर देकर प्रस्ताव रखा है।
नप अध्यक्ष का कहना है कि नरवर स्थिति मड़ीखेड़ा अटल सागर बांध, टाइगर रिजर्व की सीमा से लगा है। प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुंदर एवं सौम्य स्थान है। यहां लॉयन ग्रुप का होटल रिसोर्ट शुरू होने से काफी पर्यटक भी आने लगे हैं। खंडवा के हनुवंतिया की तर्ज पर मड़ीखेड़ा बांध पर वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी एवं जल महोत्सव शुरू करना जरूरत है। क्योंकि मड़ीखेड़ा बांध प्रदेश व जिले का प्रमुख बड़ा बांध है। इस बांध का जल ग्रहण क्षेत्र 5540 वर्ग किमी है। यहां पैरासेलिंग, जेट स्कीइंग, कयाकिंग, स्पीड बोटिंग, क्रूज राइड, जोरबिंग, जिप लाइनिंग, हॉट एयर बैलून जैसी कई पर्यटक, मनोरंजक गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं। इससे न केवल संसदीय क्षेत्र में पर्यटन के पटल पर उभर कर आएगा, बल्कि आर्थिक रूप से भी क्षेत्र समृद्ध होगा।
नप अध्यक्ष माहेश्वरी ने केंद्रीय मंत्री शेखावत को प्रस्ताव सौंपकर कहा है कि चित्तौड़गढ़ दुर्ग के बाद नरवर का दूसरा सबसे बड़ा किला है, जो करीब 8 वर्ग किमी में फैला है। अब चूंकि श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीते छोड़ने और माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी में टाइगर आने से कूनो पालपुर, शिवपुरी, नरवर, ओरछा, खजुराहो व पन्ना वैश्विक पटल पर एक नए पर्यटन सर्किट के रूप में उभर यहा है। इसका नरवर केंद्र बिंदु के रूप में महत्वपूर्ण स्थान है। नरवर में बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए अब तक मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। पर्यटकों की सुविधा के लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास बहुत जरूरी है। बता दें कि साल 1990-91 में तत्कालीन पर्यटन मंत्री कैलाशवासी माधवराव सिंधिया ने एडवेंचर कैंप लगाया था। देश-विदेश के सैलानी शामिल हुए थे
नरवर किले पर रोप-वे, होटल व मार्ग की मांग
केंद्रीय पर्यटन मंत्री से नरवर लि पर रोप-वे निर्माण, होटल व पहुंच मार्ग आदि विकास का की मांग की है। साथ ही मड़ीखेड़ा, मोहिनी सागर में हनुवंतिया की तर्ज पर वाटर स्पोर्ट एवं एडवेंचर गतिविधियों के लिए आकर्षक पर्यटक स्थल विकसित करने का आग्रह किया है। वहीं लोढ़ी माता मंदिर पर हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। मैहर मंदिर सतना की तर्ज पर नरवर को विकसित कर आकर्षक व सुविधाजनक बनाया जा सकता है।