शिवपुरी। शिवपुरी जिला मुख्यालय पर सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने अपनी लंबित मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया और नाराजगी जताई। बाद में उन्होंने जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
संघ की जिला अध्यक्ष ने बताया कि वे कई दशकों से महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत सेवाएं दे रही हैं। शिशु-मातृ मृत्यु दर में कमी, पोषण आहार वितरण, पूर्व शिक्षा जैसे कार्यों की जिम्मेदारी निभा रही हैं, लेकिन इसके बदले उन्हें न तो तकनीकी संसाधन मिल रहे और न ही सम्मानजनक सुविधाएं।
10 प्रमुख मांगे
- सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियमित किया जाए।
- वर्ग निर्धारण कर पदोन्नति की व्यवस्था की जाए।
- सेवा समाप्ति पर न्यूनतम पेंशन दी जाए।
- 10 वर्ष से अधिक अनुभव रखने वाली को बिना परीक्षा पर्यवेक्षक बनाया जाए।
- बीएलओ या चुनावी कार्यों में आंगनबाड़ी स्टाफ को न लगाया जाए।
- शिक्षक भर्ती जैसी परीक्षाओं में अतिरिक्त अंक का प्रावधान हो।
- 18 वर्षों से एक जैसा दिया जा रहा THR बदला जाए और पोषणयुक्त सामग्री दी जाए।
- पोषण ट्रैकर ऐप की तकनीकी समस्याएं दूर की जाए, फेस कैप्चर की अनिवार्यता हटाई जाए या ठीक की जाए।
- मोबाइल में मेमोरी और बैलेंस की समस्या हल की जाए, नए मोबाइल के लिए राशि खाते में दी जाए।
- सेवा के दौरान मृत्यु पर परिजनों को सेवानिवृत्ति लाभ मिले।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। ऐप और ऑनलाइन कार्यों से फील्ड वर्क प्रभावित हो रहा है। टेक्नोलॉजी के सही उपयोग न होने से उनका प्रदर्शन खराब दिखाया जा रहा है। इससे उनमें मानसिक तनाव बढ़ रहा है।