शिवपुरी। सावन माह में यूं तो हर दिन तीज-त्योहार होते हैं, लेकिन हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या का बड़ा महत्व है। प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ा ये त्योहार इस बार 24 जुलाई को मनाया जाएगा। विशेष बात यह है कि इस बार हरियाली अमावस्या पर तीन शुभ योग का महासंयोग बन रहा है। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र, हर्षण योग, सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग का संयोग बन रहा है।
यही नहीं सावन मास की अमावस्या पर गुरुवार दिन और पुष्य नक्षत्र होने से सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। यही वजह है कि इस बार की हरियाली अमावस्या खुशहाली लेकर आएगी। इस संयोग में धर्म कृत्य, दान-पुण्य, भजन-कीर्तन, मंत्र जाप, वेद पाठ, गुरु सेवा, पर्यावरण का संरक्षण के अलावा ब्राह्मण, गौ, निर्धन, विधवा, असहाय को वस्त्र, अन्न, फल, आदि का दान करना बहुत कल्याणकारी और शुभ फलदायी होता है।
हरियाली अमावस्या का महत्व
हरियाली अमावस्या के दिन श्राद्ध और तर्पण करने का विधान है। मान्यता है इस दिन तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। हरियाली अमावस्या भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा करने से सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने सुहाग की रक्षा और दीर्घायु के लिए व्रत रखकर पूजा करती हैं।
24 जुलाई को मनेगी हरियाली अमावस्या
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक सावन अमावस्या का आरंभ 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 29 मिनट से होगी। वहीं, 25 जुलाई को देर रात 12 बजकर 41 मिनट पर अमावस्या तिथि का अंत होगा। इसलिए उदया तिथि को आधार मानते हुए 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन हर्षण योग का शुभ संयोग सुबह 09 बजकर 52 मिनट तक है। अमृत सिद्धि योग का योग दिन भर है। इसके साथ ही पुनर्वसु नक्षत्र शाम 04 बजकर 2 मिनट तक है। इसके बाद पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
पौधा लगाना फलदायी
हरियाली अमावस्या का त्योहार पर्यावरण से जुड़ा है। यह यह त्योहार त्योहार प्रकृति प्रकृति की की पूजा, पूजा, पर्यावरण संरक्षण का संकल्प और प्रकृति को कुछ देने का दिन है। इसलिए इस दिन घर, मंदिर, नदी के तट, तीर्थ स्थल, धर्मशाला, चौराहा आदि स्थलों पर पौधे लगाने और पौधे का दान करने से अनंत पुण्य लाभ मिलता है।