SHIVPURI NEWS - जिले में कंडम एंबुलेंस में मरीज को ढो रहे है वहीं कई एंबुलेंस खराब

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी में कई बार मीडिया ने खबरों का प्रकाशन किया है कि एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचने के कारण मरीज को अपनी जान से हाथ धोना पडा या प्रसूता को अस्पताल पहुचने से पूर्व ही प्रसव हो गया। जिले में जनसंख्या के अनुपात में एंबुलेंस नहीं है और जो 53 एंबुलेंस है इसमें 9 एंबुलेंस खराब पड़ी है। यह एक साल से अधिक समय से खराब पड़ी इन एंबुलेंस को अभी तक सही नहीं कराया गया और यह एंबुलेंस अब धीरे-धीरे कबाड़ होती जा रही हैं।

खराब एम्बुलेंस को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि यह पूरा काम एक निजी कंपनी देखती है और वही इन्हें सही कराएगी। बताया गया है कि भोपाल से एक निजी कंपनी ने इन एंबुलेंस के संचालन का ठेका लिया है। अगर कोई गाड़ी खराब होती है तो उसे सही करवाने की जिम्मेदारी भी उसी कंपनी की है। इधर यह कंपनी इन खराब एंबुलेंस को सही कराने में उदासीन है।

जिले में बैठे अधिकारियों का साफ कहना है कि जो एंबुलेंस किसी कारण से खड़ी हो जाती है और उसको चलाने के लिए जिम्मेदार उसे नहीं चला पाते हैं तो प्रतिदिन पेनल्टी का प्रावधान है। साल भर से खड़ी एंबुलेंस के मामले में जिम्मेदारों पर पेनल्टी एवं अन्य कार्रवाई पर शीघ्र ब्योरा देने की बात कही गई है।

जेएस कंपनी पर एंबुलेंस का ठेका
शिवपुरी जिले में एंबुलेंस के संचालन का ठेका जेएस कंपनी के पास है। इस कंपनी ने शिवपुरी में दो वेंडर आधिकारिक तौर पर नियुक्त किए हैं। जिनके नाम शोएब खान व भरत शर्मा हैं। एंबुलेंस के खराब होकर साल भर से अधिक समय तक खड़े रहने के मामले में पेनल्टी तो कट रही है, लेकिन समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ है। जो कंपनी और शिवपुरी के कर्ताधर्ताओं की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।

ये एंबुलेंस खराब
पड़ताल में पता चला है कि छत्तीसगढ़ पास गाड़ियां जो कंडम हो रहीं हैं, उनके सीजी 04 एनटी 1858 बदरवास जननी, सीजी 04 एनव्ही 6447 खोड जननी, सीजी 04 एनव्ही 6449 जिला अस्पताल शिवपुरी, सीजी 04 एनव्ही 6450 खतौरा जननी, सीजी 04 एनबीडब्लयू 2322 पिछोर जननी, सीजी 04 एनएस 3249 देहात शिवपुरी। इसके अतिरिक्त दो एक्सीडेंटल गाड़ियां भी बंद पड़ी हैं। जिनके क्रमांक एनएस 2897, एनजेड 1125 हैं। जो सुरवाया और सतनवाड़ा के लिए परिवहन के लिए दी गई थीं।

कंपनी के जिम्मेदारों का कहना है कि हमारे कई एंबुलेंसों के इंजन सीज हो गए हैं, जिन्हें हम ठीक करा रहे हैं। बांकी कंपनी स्तर से सभी खराब पड़ी गाड़ियों को ठीक कराने का काम शुरू कराया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग भी इस मामले में तेजी से कार्रवाई करे तो समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो सकेगा।

एम्बुलेंसों के परिवहन उद्देश्य निर्धारित
जिले में कागजों में स्वीकृत 53 एंबुलेंसों के परिवहन उद्देश्य भी निर्धारित है। सुरक्षित मातृत्व एवं बेहतर प्रसव सुविधा के लिए जननी सुरक्षा योजना में 27 एम्बुलेंस का रिकॉर्ड है, जिसमें आधिकारिक तौर पर 2 एम्बुलेंस के खराब होकर खड़े हो जाने की पुष्टि विभाग के अधिकारियों ने की है। वहीं बेसिक लाइफ सप एंबुलेंस और एडवांस लाइफ सपोर्ट में संचालित 7 एम्बुलेंस भी खराब हैं। एंबुलेंस के खराब होने और उन्हें चालू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी को पत्राचार किया है, लेकिन हुआ कुछ नहीं।