SHIVPURI कार बाजार का काला सच: सरकारी जमीन पर सजा है, सरकार के साथ ग्राहको को चूना

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी शहर मे वर्तमान समय में कई अवैध कार बाजार चल रहे है,इन कार बाजारो की दुकानों पर केवल रजिस्ट्रेशन मात्र है। इनकी विधिवत फर्म रजिस्टर्ड नही है वर्तमान टैक्स की टेबल की बात कर तो यूज्ड कार की बिक्री पर सभी पुराने और यूज्ड ऑटोमोबाइल पर 12% GST लगता है,लेकिन इन कार बाजारो की रजिस्टर्ड फर्म नही होने के कारण जीएसटी टैक्स जमा नहीं होता है। वही शहर के कई बाजार सरकारी जमीन पर संचालित है इसका सबसे बड़ा उदाहरण प्राइवेट बस स्टेंड पर देखने को मिलता है। जहां सरकारी जमीन पर कई कार बिकने को तैयार खडी है।

शिवपुरी शहर में अवैध रूप से संचालित कार बाजार के दुकानों पर अधिकांश गाडिया पुरानी है।
इन गाड़ियों में से बहुत सी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन बीमा,फिटनेस के बिना कार बाजार पर विक्रय हेतु खड़ी हैं ग्राहक के पहुंचने पर कार बाजार के संचालक द्वारा गाड़ियों की टेस्ट ड्राइव कराई जाती हैं अगर ऐसी स्थिति में किसी भी ग्राहक द्वारा कहीं भी कोई एक्सिडेंट या कोई दुर्घटना होती हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।

प्रशासन की लापरवाही के कारण फलफूल रहा अवैध कार बाजार का व्यापार
शिवपुरी जिले के प्रशासन की इतनी लापरवाही देखने को मिली हैं कि आज तक शिवपुरी परिवहन अधिकारी के द्वारा किसी भी कारबाजार पर उनका रजिस्ट्रेशन,जीएसटी नंबर या दुकान का पंजीयन, या उनकी रजिस्टर्ड फर्म के बारे में जानकारी लेने तक का भी समय जिले की परिवहन अधिकारी को नहीं हैं इसी लापरवाही के कारण शिवपुरी नगर में अवैध कार बाजार का व्यापार फलता-फूलता दिखाई दे रहा हैं।

कंडम गाड़ियों का ढांचा करते हैं पोलिश,अंदर होती हैं खोखली
 अवैध कार बाजार के संचालको द्वारा कंडम स्थिति में रहने वाली गाड़ियों की मरम्मत और पोलिश करवाकर,नया जैसा बना दिया जाता हैं जिनका ढांचा मात्र नया सा दिखाई देता हैं और वह गाड़ियां अंदर से बिल्कुल खोखली होती हैं,कुछ गाड़ियां तो ऐसी हैं जिनके कई बार,एक्सिडेंट हो चुके हैं और उनके एयर बैग तक भी नहीं खुलते,जिनको कार बाजार संचालकों द्वारा नई बताकर,ग्राहकों को लूटा जाता हैं। कुछ गाड़ियां ऐसी हैं जिनके इंजन सीज होने पर आ चुके हैं और गाड़ियां काला धुआं छोड़ रही हैं जिनको संचालकों द्वारा मनमाने दामों में बेचकर,ग्राहको को लूटा जाता हैं।

कार बाजार से गाड़ी खरीदने वाले कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने कार बाजार के माध्यम से एक कार खरीदी,वह कार 1 महीने चलाने के बाद उसका इंजन सीज हो गया जब इस बारे में कार बाजार संचालक को बताया तो उसने वह बोला कि 1 महीने बाद हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होती,जबकि कार खरीदने वाले व्यक्ति का कहना था कि संचालक द्वारा उससे बोला गया था कि अगर साल भर भी गाड़ी में कोई भी दिक्कत आती हैं तो गाड़ी उसके कार बाजार पर छोड़ देना,लेकिन अब गाड़ी में परेशानी आने पर कार बाजार संचालक ग्राहक के साथ मारपीट और झूठे केस में फंसाने की धमकी देने पर उतारू हो जाते हैं।

कार बाजार के नाम पर घेरी शासकीय भूमि
शहर के बीचों-बीच स्थित पुराने बस स्टेंड के अंदर भी इसी प्रकार का कार बाजार संचालित हैं जो अपनी गाड़ियों को एक अर्से से शासकीय भूमि पर कब्जा कर रखा हुआ हैं जिसने ना तो आज तक शासकीय भूमि का किराया दिया हैं और ना ही अपने व्यापार का रजिस्ट्रेशन और जीएसटी नंबर उपलब्ध कराया हैं,इस प्रकार मनमानी करने वाले कार बाजार संचालकों पर प्रशासन की इतनी मेहरबानी क्यों हैं इसका जवाब प्रशासन क्यों नहीं देता।

आरटीओ का फोन स्विच आफ
जब इस संबंध में जानकारी लेने के लिए शिवपुरी आरटीओ रंजना सिंह को फोन किया गया तो उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया। तथा कई बार उनको फोन किया लेकिन उन्होने फोन नहीं उठाया,वहीं आपको बता दें कि यह ऐसा पहला मामला नहीं हैं जिसमें आरटीओ मेडम ने फोन नहीं उठाया,बल्कि किसी अन्य मामले में भी लगाया जाता हैं तो भी फोन रिसीव नहीं होता हैं।