SHIVPURI NEWS - जिले में तैयार होगी सखी पुलिस, प्रदेश में पहला जिला होगा, पढ़िए खबर

Bhopal Samachar

शिवपुरी। गांवों की महिलाओं की घरेलू खट-पट से लेकर अत्याचार से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए शिवपुरी जिला पंचायत पहल करने जा रही है, इसके अंतर्गत सखी पुलिस का गठन किया जा रहा है। सखी पुलिस न सिर्फ उनके अधिकारों एवं कानून की जानकारी देंगी, बल्कि थाने या किसी अन्य सरकारी विभाग के काम के समय मौजूद रहेगी। प्रदेश में इस योजना पर काम करने वाला शिवपुरी एकमात्र जिला होगा। यहां इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसमें स्व सहायता समूह की महिलाओं में से ही चयनित महिलाओं को सखी पुलिस का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।


दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अधिकांश अशिक्षा या संकोच के चलते अपने ऊपर होने वाले अत्याचार या परेशानियों को किसी को बताने में संकोच करती हैं, घचराती हैं। थाने के नाम से ही महिलाएं दूर भागती हैं। ऐसे में सखी पुलिस इनकी बड़ी मददगार साबित होंगी। सखी पुलिस का काम केवल थाने से संबंधित प्रकरण ही नहीं बल्कि उनके अन्य शासकीय योजनाओं से संबंधित कामों में भी उनकी मदद करने का होगा।

हर गांव में एक सखी पुलिस
जिले में 12 हजार से अधिक स्व सहायता समूह है। जबकि गांवों की संख्या 1400 है। हर गांव में एक सखी पुलिस की तैनाती करने की योजना है। जिसके लिए स्व सहायता समूह में से ही किसी महिला को चुना जाएगा। जिला पंचायत की योजना पहले चरण में 50 गांवों में शुरू करने की है, यदि परिणाम बेहतर आते हैं तो अगले चरण में 150 गांवों में सखी पुलिस के लिए स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया है
शिवपुरी जिला पंचायत के सीईओ हिमांशु जैन ने बताया कि सखी पुलिस योजना को हमने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया है। स्व सहायता समूह की महिलाओं को सखी पुलिस का प्रशिक्षण दिलाएंगे। सखी पुलिस का काम महिलाओं की हर समस्या का समाधान या उचित सुझाव देने का होगा। साथ ही सखी पुलिस महिला होगी, जिससे महिलाएं खुलकर अपनी बात कह भी सकेंगी।

सिविल डिफेंस योजना से भी जुड़ेंगी
पहले इस योजना में केवल कानूनी, शासकीय योजनाओं के बारे में सखी पुलिस को प्रशिक्षण दिया जाना था। अब इसमें सिविल डिफेंस को भी जोड़ा गया है क्योंकि शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर लोगों को सिविल डिफेंस के बारे में जानकारी देना आसान नहीं होता है। ऐसे में सखी पुलिस गांव की महिलाओं के बीच की ही होगी तो वह बेहतर तरीके से लोगों को इसको लेकर प्रशिक्षित कर पाएगी। घर की महिलाएं सिविल डिफेंस को लेकर जागरूक होंगी तो आपात स्थिति के लिए वह परिवार के बच्चों एवं अन्य सदस्यों को भी इसके बारे में अच्छी तरह समझा सकती है।