SHIVPURI NEWS - बॉर्डर पर तैनात सैनिकों की रक्षा और आत्मबल बढ़ाने के लिए किया गया नारायण कवच पाठ, पढिए

Bhopal Samachar

शिवपुरी। पाकिस्तान का नापाक पहलगाम हमले का जवाब देने के बाद ऑपरेशन सिंदूर से जवाबी जवाब दिया गया था। फिलहाल सीजफायर का ऐलान किया गया,लेकिन अभी भी पाकिस्तान और भारत की सीमा पर तनाव की स्थिति है। हमारे भारतीय सेना के जवान देश की सरहदों की सुरक्षा कर रहे है। ऐसे में सैनिकों की रक्षा और उनका आत्मबल बढ़ाने के लिए अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की शिवपुरी की इकाई ने नारायण कवच का पाठ का आयोजन किया गया।

अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन इकाई शिवपुरी की मासिक बैठक रविवार को वार्ड क्रमांक 9  में पंडित राजीव कृष्ण शर्मा एडवोकेट के निजी सभागार में  ब्राह्मण मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वार्ड 9 क्षेत्र के ब्राह्मण समाज के लोगों ने श्रद्धा और और निष्ठा के साथ भगवान परशुराम के चित्र को नमन किया। बैठक के मुख्य अतिथि पंडित बालमुकुंद पुरोहित वरेला वाले एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि पंडित शशिकांत मिश्रा ने  संयुक्त रूप से भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर बैठक का शुभारंभ किया।


 बैठक में पाकिस्तान से सीमा पर युद्ध लड रहे सैनिकों के उत्साहवर्धन और साहस के लिए  पंडित कैलाश नारायण मुदगल ने नारायण कवच का पाठ किया गया जिससे सेना के आत्मबल में वृद्धि हो और सेना दुश्मनों को पछाड़ सके। पंडित ओम प्रकाश समाधिया के नेतृत्व में पांच पंडितों ने स्वस्तिवाचन किया और उपस्थित लोगों ने भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित का श्रद्धा व्यक्त की।

पंडित कुंज बिहारी पाराशर ने भगवान परशुराम को त्याग और बलिदान की साक्षात मूर्ति बताया और कहा कि भगवान परशुराम आज भी जीवित हैं और आदर्श के रूप से अपनी वंशजों एवं समाज की कल्याण के लिए निरंतर आशीर्वाद प्रदान कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ब्राह्मण समाज के जिला अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कान्त शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण समाज ने हमेशा दान, ज्ञान, और समाज निर्माण में अग्रणी भूमिका है और भविष्य में भी निभाता रहेगा।

पंडित राजीव कृष्ण शर्मा एडवोकेट ने कहा कि सामाजिक व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि अब भी समाज एकजुट नहीं हुआ तो उसका सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हम द्रोणाचार्य, हम वशिष्ठ, हम संदीपनी हैं, हमें ही दुर्वासा हैं ब्राह्मण कोई जाति नहीं है जगत की परिभाषा है ब्राह्मण का मूल मंत्र रहा है सर्वे भवंतु सुखिन ब्राह्मण की पूजा उसके कर्म, त्याग, और तपस्या के कारण ही सम्मान मिलता है।

पं.हरि बल्लभ शर्मा चंद्रा कॉलोनी वालो  ने कहा कि पारस्परिक एकता किसी भी समाज को सफलता के शिखर पर पहुंचने का प्रथम सोपान है हमें असंभव शब्द का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए ,बहादुर और बुद्धिमान व्यक्ति अपना मार्ग स्वयं प्रशस्त करते हैं। पंडित एन पी अवस्थी सुरेश भार्गव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र कुमार मड़वास ने किया। तथा हरगोविंद शर्मा ने आभार व्यक्त किया।