SHIVPURI NEWS -​पंचायत में भ्रष्टाचार की सीमा पर, कुटीर सहित हर योजना में पैसा गायब, पुलिस मे शिकायत

Bhopal Samachar

खनियाधाना। शिवपुरी जिले की पंचायतों से लगातार घोटाले होने के मामले सामने आ रहे हैं,वहीं इस बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को रोकना बहुत मुश्किल हो गया है,इसके साथ ही इन बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को जितना भी रोकने की कोशिश कर लो,लेकिन कोई नेता या अधिकारी,कर्मचारी आदि रिश्वत लेकर वहीं इस भ्रष्टाचार को दबा लेते हैं।

ऐसा ही मामला शिवपुरी जिले की खनियाधाना की ग्राम पंचायत दिदावनी से सामने आया हैं इस पंचायत में रोजगार सहायक ने ग्रामीणों की कुटीरों के एवज में 20-20 हजार रुपये लिये हैं,वहीं बताया जा रहा हैं कि इस भ्रष्टाचार में रोजगार सहायक ने कियोस्क संचालक को आईडी दिलाई और कियोस्क को एक मात्र रास्ता बनाया,जिसके द्वारा उसने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं पार कर दी।

घर-घर जाकर लिए थे आधारकार्ड

रोजगार सहायक ने सबसे पहले तो प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित परिवारों के घर—घर जाकर आधार कार्ड लिए और उनसे कहा गया कि अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारी कुटीर मंजूर हो तो इसके लिए तुम सबको 20-20 हजार रुपये देने होंगे। महिलाओं ने कहा कि रोजगार सहायत आप किस बात के पैसे ले रहे हो तो रोजगार साहब ने कहा कि पैसे तो लगते ही हैं,इसमें में कुछ नहीं कर सकता अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारा घर बने,तो तुम्हें 20-20 हजार रुपये देने ही पडेंगे। इस पर रोजगार सहायक ने अशिक्षित महिलाओं को बेवकूफ बनाते हुए उनके खाते में पहली किस्त 50 हजार रुपये डलवाई और उसके बाद उसने सभी के खाते से 20-20 हजार रुपये निकाल लिये।

महिलाओं ने दिया थाना प्रभारी बामौरकलां को आवेदन-

ग्राम दिदावनी तहसील खनियाधाना जिला शिवपुरी की रहने वाली फूलसिंह कृष्णा आदिवासी पत्नी महेश और रामकली पत्नी रमुआ अतल आदिवासी, समता आदिवासी पतनी त्रिलोक आदिवासी ने बताया कि हम सबकी कुटीर मंजूर हुई थी जिसमें ग्राम पंचायत दिदावनी के रोजगार सहायक अरविन्द यादव के द्वारा पहली किस्त डलवाई गई थी,जो कि 50 हजार रुपये आई थी जिसमें कियोस्क संचालक मनोहर पाल निवासी दिदावनी के पास बुलाकर 20—20 हजार रूपये निकाल लिये गये थे।

हमारे फिंगरप्रिंट से निकाली गई हैं राशि

हम लोगों के द्वारा अपनी अपनी कुटीरें स्वयं के द्वारा मजदूरी करके कुटीरें तैयार कराई गई थी जिसमें हमारी मजदूरी की राशि दूसरे के खातों में डाल कर निकाल ली और कुछ राशि हमारे खातो में आई जिसमें हमसे मनोहर पाल कियोस्क संचालक एवं अन्य कियोस्क वालों से मिलकर हमारे फिंगरप्रिंट लगवाकर मजदूरी की राशि निकाल ली जिसको हमने चेक कराया तो उसमें किसी दूसरे खातों से राशि निकाल ही गई और कुछ हमारे द्वारा ही हमसे निकलवाली गई है इस प्रकार से उक्त पंचायत रोजगार सचिव के द्वारा हमें धोखा देकर उक्त राशि हमारे खाते से निकाली है।

कुटीर के अलावा इन योजनाओं की निकाली गई हमारी राशि

ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि हमारी सब्जी की राशि हमें 2 साल से नहीं दी गई है जो शासन के द्वारा एक हजार मिलने थे वह 2 साल से हमारे खातों में नहीं डाली है ना ही हम लोगों की कुटीरे कागजातों में कंप्लीट हो चुकी है जिनकी राशि भी निकाल ली है जबकि मौके पर कुटीरे अधूरी पड़ी है और राशी पूरी निकलवादी गई हैं। वहीं कंचनपुरा में भी जो चबूतरा की राशी आई थी वह पूरी निकाल ली मौके पर कोई चबूतरा नहीं है वहीं सुमन बाई का जॉब कार्ड नं एम.पी.151888373 हरीराम का जॉब कार्डनें एमू.पी 151778851 है एवं मक्खो का एम.पी. 15778856 है एवं किरन का एम.पी.151778851 है एवं समता का एम.पी.151776380 है एवं कृष्णा का एम.पी.151778788 है एवं रेखा का एम. पी. 1517796 है एवं रामकली का एम.पी. 151888667 हैं और अतलबाई का एम.पी. 151777525 से बुलाकर हमारे नि०आ लगवा लिये और हमसे कहा कि कुटीर की राशि आ गई है और हमारी मजदूरी की राशि निकाल ली है।

पुरानी कुटीर मंजूर करवाई,और हड़पे 1-1 लाख रुपये

रोजगार  सहायक  से पीड़ित ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि इस रोजगार से हम सभी बहुत परेशान हैं इसने हमारी ही योजनाओं का लाभ लेकर करोड़ों रूपये की राशि का गबन कर लिया। इसके खिलाफ कार्यवाही होना अति आवश्यक हैं। वहीं महिलाओं ने बताया कि रोजगार  सहायक  अरविंद यादव ने पुरानी कुटीरों पर दूसरी कुटीरें लोगों के नाम दिलवाई फिर उसकी आई थी 2-2 लाख राशियों में से 1-1 लाख रूपये स्वयं रख लिए गये और कुछ पैसे सामने वालों को दे दिये गये। ऐसी करीबन 20 कुटीरें आई हैं। वहीं हम लोगों की भी 40 से 50 कुटीरों में भी रोजगार सहायक ने बड़ा ही घोटाला किया हैं। वहीं रोजगार सहायक कुटीर बनवाने के लिए मजदूर भी स्वयं अपने ही लेकर आता हैं और वहां पर हमसे मजदूरी करवाता हैं इतना शोषण हमारा किया गया हैं और किया जा रहा हैं,इस पर कार्यवाही होना बहुत जरूरी हैं।