SHIVPURI NEWS - सांख्य सागर झील में मिल रहा है शहर का मल मूत्र,1 हजार मिलियन खर्च

Bhopal Samachar

शिवपुरी।  शिवपुरी की सांख्य सागर झील विश्व की सबसे सुंदर झीलों में से एक है, इसकी सुंदरता को देखकर यूनेस्को ने रामसर साइट में भी शामिल किया है। इस झील की सुंदरता बनी रहे इसे ध्यान में रखते हुए 13 साल पहले शहर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजना स्वीकृत कराई गई थी। परियोजना तीन साल में पूरी होनी थी, परंतु इसे अब 13 साल बीत चुके हैं,और इस योजना में 100 करोड़ रुपए खर्च हो चुके है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अभी तक सीवर लाइन का काम शत प्रतिशत पूरा नहीं हुआ है। न ही यह योजना जलाशयों में सीवर के गंदे पानी को जाने से रोकने में सफल हो पा रही है।

हालात यह हैं कि कागजों में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट चालू हो चुका है, परंतु धरातल पर हालात यह है कि जिम्मेदार आज भी सीवर के पूरे पानी को जलाशयों में बहा रहे हैं। यही कारण है कि सांख्य सागर झील पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है। खास बात यह है कि आने वाले दिनों में शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण होने वाला है। इस सर्वेक्षण के दौरान सीवेज ट्रीटमेंट को भी ध्यान में रखा जाता है। अगर यही हालात लगातार बने रहे तो यह तय है कि शिवपुरी कभी भी स्वच्छ शहरों में अपना स्थान नहीं बना पाएगी। वहीं खास बात यह है कि झीलों में मिल रहे  

हम हर रोज खिंचवा रहे फोटो, रोजाना वह रहा पानी

सीवर के पानी को लेकर शहर के कुछ लोगों ने एनजीटी में केस दायर किया है। इस केस की सुनवाई के दौरान एनजीटी न्यायालय ने यह निर्देश दिए हैं कि सीवर का पानी जलाशयों में मिलना पूरी तरह से बंद हो जाना चाहिए। इसके बावजूद भी लगातार सीवर के पानी को झील में छोडा जा रहा है, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है। जलीय जीवों की मौत भी जल प्रदूषण के कारण हो रही है। खास बात यह है कि पीएचई इंई ने 27 अगस्त 2024 को पत्र लिखकर मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी को यह आश्वस्त किया था कि वह 15 दिन के अंदर पाइप लाइन के कनेक्शन कर सीवर के पानी को पूरी तरह से ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाएंगे और सीवर का पानी झील में नहीं जाएगा।

सीवर लाइन हैंड ओवर के संबंध में कुछ क्लीयर नहीं

सीवर लाइन की टेस्टिंग का काम चालू हो चुका है। ऐसे में यह नगर पालिका को कब तक हैंड ओवर हो जाएगी, इस संबंध में जव पीएचई के ईई से बात की गई तो उनका कहना था कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नगर पालिका सीवर लाइन को टुकड़ों में हैंड ओवर लेगी या फिर एक साथ। इस संबंध में नगर पालिका से बात करके ही स्पष्ट हो सकेगा कि लाइन कब और कैसे हैंड ओवर होगी।

एनजीटी में केस फाइल करने वाले एडवोकेट अभय जैन का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने अभी तक कागजों में जो कुछ किया है, वह धरातल पर बिलकुल नजर नहीं आ रहा है। हम इस पानी के बहाव के रोजाना फोटो खिंचाव रहे है। मार्च में जब न्यायालय में सुनवाई होगी तो हम इन फोटो को न्यायालय के समक्ष बतौर सबूत पेश करेंगे कि पानी को झील में मिलने से रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए है।

झील में पानी को मिलने से रोक दिया गया है

हम सीवेज के पानी को ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जा रहे हैं। झील में पानी को मिलने से रोक दिया गया है। हो सकता है कि आज आइस फैक्ट्री के पास जहां पानी को लाइन में टैप किया जा रहा है, वहां के गेट खुले रह गए हो। मैं दिखवाता है कि किस कारण पानी झील में जा रहा है।
एलपी सिंह, ईई पीएचई।