शिवपुरी। सिरसौद थाना अंतर्गत ग्राम मानिकपुर पर एक फार्म हाउस से पुलिस व प्रशासन की टीम ने छत्तीसगढ़ के आठ बंधुआ मजदूरों को रिहा करवाया है। सभी मजदूरों को फिलहाल रैन बसेरा में रूकवा दिया है। गुरुवार को मजदूरों को कानूनी कार्रवाई के उपरांत छत्तीसगढ़ वापस भेजा जाएगा।
एसडीएम शिवपुरी उमेश कौरव के अनुसार लेबर इंस्पेक्टर आशीष तिवारी को बलरामपुर छत्तीसगढ़ के लेबर इंस्पेक्टर ने फोन पर सूचना दी कि शिवपुरी के ग्राम मानिकपुर में धर्मेंद्र रावत के फार्म हाउस पर जबरन मजदूरी करवाई जा रही है। उन्हें न तो खाने पीने के लिए पर्याप्त खाना दिया जा रहा है और न ही उन्हें घर वापिस आने दिया जा रहा है। उनकी वेतन का भी भुगतान नहीं किया गया है।
सूचना पर एसडीम कौरव, लेबर इंस्पेक्टर आशीष तिवारी, पुलिस फोर्स के साथ धर्मेन्द्र रावत के फार्म हाउस पर पहुंचे तो वहां मजदूर काम करते हुए मिले। सभी मजदूरों ने स्वीकार किया कि उन्हें जबरन बंधक बनाकर काम करवाया जा रहा है। वह अपने घर वापिस लौटना चाहते हैं, परंतु न तो उन्हें घर जाने दिया जा रहा है और न ही वेतन भुगतान किया जा रहा है।
पुलिस व प्रशासन ने सभी मजदूरों को रिहा करवा कर रैन बसेरे में रूकवा दिया है। एसडीएम के अनुसार लेबर इंस्पेक्टर सुबह उचित आपराधिक प्रकरण तैयार कर सभी को एसडीएम न्यायालय में पेश करेंगे, जहां से उचित कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम का कहना है कि सभी मजदूरों को नियमानुसार 30-30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
नाबालिग भी थे शामिल
जिन बंधुआ मजदूरों को छुड़ाया गया जिसमें 4 नाबालिग भी शामिल है। जिनकी उम्र 15 से 16 साल के बीच है। एसडीएम उमेश कौरव ने बताया कि मजदूरों के बयान दर्ज कर लिए है। बयान के आधार पर ठेकेदार और उसके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है। प्रशासन मजदूरों को छत्तीसगढ़ लौटने की व्यवस्था कर रही है।
मजदूरों की पहचान
अजीत पुत्र राजेंद्र उम्र 16 साल, राजू पुत्र बबलू उम्र 16 साल, राजेश पुत्र रामअवतार उम्र 20 साल, सुंदर सहाय पुत्र रामअवतार उम्र 15 साल, नानसाय पुत्र माधौ उम्र 19 साल, संतोष पुत्र हीरा सहाय उम्र 16 साल, कुलदीप पुत्र रामसूरत उम्र 22 साल, मदन कुमार उम्र 32 साल निवास बलरामपुर छत्तीसगढ़ के रूप में की गई है।