हार्दिक गुप्ता कोलारसनामा कोलारस। किसानों की हितो के लिए और किसानों की उपज का सही दाम और सही तौल मिले इस कारण ही कृषि उपज मंडी से बहार किसानों का माल खरीदने पर रोक लगाई गई थी,लेकिन कोलारस का मंडी प्रबंधन काली कमाई के कारण मंडी से बाहर माल खरीदा जा रहा है। इस कारण जहां किसानों की उपज की सही तौल और भाव नहीं मिल रहे है। इससे किसानों का शोषण किया हो रहा है साथ में कृषि उपज मंडी को राजस्व की हानि हो रही है।
मंडी प्रबंधन का काला गठजोड़,लाखों रुपए की टैक्स चोरी
कोलारस नगर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक इन दिनों कृषि मंडी के बाहर अवैध रूप से व्यापारी अनाज की खरीदी कर रहे हैं। इससे मंडी प्रशासन को लाखों रुपए टैक्स का नुकसान हो रहा है। अधिकारी व व्यापारियों की सांठगांठ के चलते कृषि उपज मंडी में किसानों की पूरी उपज की खरीद व तुलाई न होते हुए कृषि उपज मंडी के बाहर तुलाई की जा रही है।
इससे न केवल मंडी प्रशासन व शासन को लाखों रुपए की राजस्व हानि हो रही है। बल्कि मंडी के बाहर सड़क किनारे तुलाई होने से नगर में यातायात व्यवस्था भी खराब हो रही है। गौरतलब यह है कि खुलेआम मंडी के बाहर उपज की खरीदी व तुलाई होने के बाद भी जिम्मेदार मौन बने हुए हैं। जिसके चलते व्यापारी मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
कृषि उपज मंडी से बडी मंडी यहां चलती है
कोलारस में खरीफ की फसल कटते ही भारी मात्रा में कृषि उपज मंडी में मक्का, सोयाबीन, उड़द की बंपर आवक मंडी में शुरू हो गई है। खुले में अनाज तौलने का यह काला कारोबार एक जगह न चलकर अनेक निजी दुकानों पर चल रहा है। हालात ये है कि कोलारस नगर के एबी रोड, राई रोड, मोहरा रोड, भडोता रोड, सहित ग्रामीण अंचलों में मंडी से बाहर समानांतर मंडी संचालित हो रही है। जिसका पूरा संचालन मंडी के दलालों व व्यापारियों के हाथ में पहुंच गया है। इस समानांतर मंडी के कारण किसानों को ठगी का शिकार होना पड़ रहा है। मंडी के कर्मचारियों द्वारा ही लाखों रुपए के राजस्व की चपत लगाने का क्रम जारी है।
मंडी के अधिकारी और कर्मचारी की मिलीभगत
मंडी के बाहर उपज बिकने के चलते ही राजस्व की चोरी भी की जाती है। एक ओर मंडी सचिव अपनी ईमानदारी का परिचय दे रहे हैं। वहीं मंडी के बाहर तुलने वाले माल पर रोक लगाने में जिम्मेदार पूरी तरह से नाकाम साबित होते नजर आ रहे है। इसमें प्रशासन की सहभागिता को भी नकारा नहीं जा सकता।
खुले में तौल पर मंडी सचिव से सीधे सवाल
कोलारस नगर में व्यापारियों की दुकानों और गोदामों पर लगा किसानों का मेला मंडी सचिव को क्यों दिखाई नही देता है,किसानों की उपज चौडे में तोली जा रही है ऐसा क्यों
क्या व्यापारी के तौल कांटे पूरे ईमानदारी का परिचय दे रहे है।
अगर मंडी के बहार माल व्यापारी खरीद रहे है तो इन पर क्या कार्रवाई अब सचिव करेगा।
क्या प्रतिदिन मंडी नही आते सचिव,अगर आते है तो रास्ते में इतनी बड़ी संख्या में किसानों का माल तुलते नही देख पाते है,क्या मंडी के नाकेदार ही चोरी करवा कर है अगर हॉ तो सचिव साहब इन पर क्या कार्रवाई करेगें। अगर मंडी सचिव महोदय अपने आप को क्लीन चिट देते है तो सबसे पहले अपने की कर्मचारी पर कार्यवाही करे।
इस मामले में कृषि उपज मंडी के सचिव रियाज अहमद का कहना है कि प्रत्येक 14 दिन में सौदा पत्रक जमा कराते है। बाकी जो भी जानकारी चाहिए आप मंडी आ जाओ ।