SHIVPURI में गुना इंडस्ट्रियल एरिया के 80 व्यापारियो को नोटिस, मचा हड़कंप

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी शहर के गुना बाईपास चौराहे पर स्थित  औद्योगिक क्षेत्र शिवपुरी के व्यापारियों को एकाएक नगर पालिका शिवपुरी से नोटिस पहुंच गए हैं। इन नोटिसों में 81 हजार से लेकर 4.81 रु. का बकाया संपत्ति दर्शाकर जमा कराने की नसीहत दी है। लगभग सभी नोटिसों में 27 साल का अधिभार सहित संपत्ति कर की मोटी रकम दर्ज की गई है। इसे लेकर इंडस्ट्रियल एरिया के व्यापारी नाराज हैं। इसी मुद्दे को लेकर रविवार को बैठक भी बुलाई गई है।

जानकारी के मुताबिक नगर पालिका शिवपुरी से इंडस्ट्रियल एरिया के व्यापारियों को 25 जुलाई से नोटिस जारी हुए हैं। इन नोटिसों में किसी व्यापारी पर 81 हजार तो किसी को 4.81 हजार रु. तक का संपत्ति कर जोड़कर नोटिस थमाए हैं। बताया जा रहा है कि 80 से अधिक व्यापारियों को तीन दिन में नोटिस भेजे गए हैं।

सीएमओ के हस्ताक्षर से मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 137 (2) के तहत संपत्ति कर निर्धारण का विशेष सूचना पत्र (नोटिस) जारी किया है। व्यापारी का नाम व फर्म के नाम से जारी नोटिस में लिखा है कि आपकी भूमि या भवन, भूखंड, दुकान, सिनेमाबर, पेट्रोल पंप, या खाली जमीन क्रमांक 01/26 है। मोहल्ले के नाम के आगे इंडस्ट्रियल एरिया लिखकर वार्ड 17 दर्शाया है।

नोटिस में 1 अप्रैल 1997 से 31 मार्च 2024 तक वार्षिक भाड़ा मूल्य पर देय संपत्ति कर की राशि मय अधिभार एवं समेकित कर 150 रु. प्रति वर्ष के हिसाब से कर निर्धारित कर प्रस्तावित की है। इसे नगर पालिका में जमा कराने को कहा है। नोटिस मिलने से अब व्यापारी लामबद्ध हो गए हैं। 27 साल में पहली बार नोटिस देकर लाखों रुपए का संपत्ति कर जोड़े जाने से व्यापारी खासे नाराज हैं। इस मुद्दे को लेकर व्यापारियों ने 28 जुलाई को बैठक रखी है।

अधिकतर नोटिस में आवक-जावक नंबर नहीं

इंडस्ट्रियल एरिया में व्यापारियों को नगर पालिका से नोटिस पहुंचे हैं, उनमें से अधिकतर में नोटिस क्रमांक आवक- जायक नंबर तक दर्ज नहीं हैं। जबकि सभी नोटिस में भूखंड संख्या समान हो दर्ज है। नगर पालिका से बिना किसी तरह की छानबीन किए नोटिस जारी हुए हैं। व्यापारियों का कहना है कि नगर पालिका इतने सालों तक चुपचाप बैठी रही और एकाएक इतनी रिकवरी निकाल दी। इससे हम सब लोग हतप्रभ है।

लीज डीड में नपा के संपत्ति कर का उल्लेख नहीं

व्यापारियों का कहना है कि छोटे उद्योग ने इंडस्ट्रियल एरिया में प्लॉट आवंटित किए थे, तब लीज डीड संपादित हुई। सभी लीन डीड में नगर पालिका द्वारा संपत्ति कर वसूलने का कोई उल्लेख नहीं है। यहीं नहीं इंदौर में कुछ समय पहले ही संपत्ति कर को लेकर एमएसएमई विभाग ने नगर निगम को स्पष्ट किया है कि वह संपत्ति कर नहीं वसूल सकता।

997 से संपत्ति कर जोड़ा

नगर पालिका ने लगभग सभी नोटिस में संपत्ति कर साल 1997 से 31 मार्च 2024 तक का जोड़ा है। अधिभार सहित मोटी रकम नोटिस में दर्ज है। लगभग सभी को 27 साल का संपत्ति कर जमा कराने का नोटिस है। चौंकाने वाली बात यह है कि इंडस्ट्रियल एरिया में कुछ उद्योग इकाइयों 5 से 10 साल पहले से ही संचालित हो रही हैं।

गलत है तो कोर्ट चले जाएं

इंडस्ट्रियल एरिया में नगर पालिका से संपत्ति कर को लेकर नोटिस जारी किए हैं। नोटिस गलत हैं तो व्यापारी बताएं कि कौन से नियम से कर मुक्त हैं। अपने उद्योग विभाग के महाप्रबंधक से पूछे। यदि किसी की उद्योग इकाई 5 या 10 साल पहले की है तो हमें अवगत कराएं। संपत्ति कर नहीं वसूलने का आदेश है तो हमें दें। नोटिस गलत हैं तो कोर्ट चले जाएं।-
डॉ केशव सिंह सगर, सीएमओ नगर पालिका शिल्पुरी