शिवपुरी। सप्तम न्यायाधीश अमित कुमार गुप्ता ने एक युवक की कुल्हाड़ी से काट कर हत्या कर उसके शव को बोरी में भरकर नदी में फेंकने वाले पांच लोगों को आजीवन कारावास एवं दस-दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। जिला अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार जैन एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी शिवकांत कुलश्रेष्ठ द्वारा की गई।
अभियोजन के अनुसार 16 दिसम्बर 2020 को भरत यादव द्वारा बैराड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि उसका भाई केशव यादव 15 दिसम्बर को शाम सात बजे खेत पर गया था। सुबह उसका भाई घर नहीं आया, जब उसे खेत सहित आसपास तलाश किया गया तो उसका कोई सुराग नहीं लगा। भरत यादव ने संदेह जाहिर किया कि उसे लक्ष्मण पाल, सुरेश पाल, मोनू पाल, जहान सिंह व रामेश्वर पाल पर संदेह है।
पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपी गणों से पूछताछ की तो आरोपित लक्ष्मण पाल ने अपने भाई सुरेश पाल व भतीजे मोनू पाल, रामेश्वर पाल, जहानसिंह पाल के साथ मिलकर केशव यादव की हत्या करना कबूल किया। लक्ष्मण पाल ने पुलिस को बताया कि मृतक केशव यादव ने उसकी भतीजी को उनकी मर्जी के बिना अपने घर पर रख लिया था, तभी से वह लोग केशव से बदला लेने की फिराक में थे।
मौका मिलते ही उन सबने उसे लाठियों से पीट-पीट कर मारने के बाद कुल्हाड़ी से उसे काट कर शव के टुकड़े टुकड़े कर दिए। इसके बाद उसे बोरे में भरकर पार्वती नदी में फेंक दिया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल को जप्त किया। घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, फावड़ा एवं आरोपी के खून लगे कपड़े और मृतक केशव के कपड़ों को जला देने के स्थान से राख एवं शव को काटने से खून आलूदा मिट्टी एवं सादा मिट्टी जब्त की गई।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण कायम कर विवेचना उपरांत न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान प्रकरण में आए तथ्यों के आधार पर आरोपियों को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से तथा धारा 201 के तहत पांच-पांच साल के कारावास एवं 2-2 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन के अनुसार 16 दिसम्बर 2020 को भरत यादव द्वारा बैराड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि उसका भाई केशव यादव 15 दिसम्बर को शाम सात बजे खेत पर गया था। सुबह उसका भाई घर नहीं आया, जब उसे खेत सहित आसपास तलाश किया गया तो उसका कोई सुराग नहीं लगा। भरत यादव ने संदेह जाहिर किया कि उसे लक्ष्मण पाल, सुरेश पाल, मोनू पाल, जहान सिंह व रामेश्वर पाल पर संदेह है।
पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपी गणों से पूछताछ की तो आरोपित लक्ष्मण पाल ने अपने भाई सुरेश पाल व भतीजे मोनू पाल, रामेश्वर पाल, जहानसिंह पाल के साथ मिलकर केशव यादव की हत्या करना कबूल किया। लक्ष्मण पाल ने पुलिस को बताया कि मृतक केशव यादव ने उसकी भतीजी को उनकी मर्जी के बिना अपने घर पर रख लिया था, तभी से वह लोग केशव से बदला लेने की फिराक में थे।
मौका मिलते ही उन सबने उसे लाठियों से पीट-पीट कर मारने के बाद कुल्हाड़ी से उसे काट कर शव के टुकड़े टुकड़े कर दिए। इसके बाद उसे बोरे में भरकर पार्वती नदी में फेंक दिया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल को जप्त किया। घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, फावड़ा एवं आरोपी के खून लगे कपड़े और मृतक केशव के कपड़ों को जला देने के स्थान से राख एवं शव को काटने से खून आलूदा मिट्टी एवं सादा मिट्टी जब्त की गई।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण कायम कर विवेचना उपरांत न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान प्रकरण में आए तथ्यों के आधार पर आरोपियों को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से तथा धारा 201 के तहत पांच-पांच साल के कारावास एवं 2-2 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।