शिवपुरी शहर से जुड़े विकास कार्यों में सबसे बड़ी मुसीबत पार्क अफसर डालते आ रहे हैं। सरकार की सड़क, पानी, सीवर जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ जनता को समय पर नहीं मिल पा रहा है,जंगल वाले विभाग के जंगली कानून लोगों के जी का जंजाल बन रहे है,शिवपुरी के विकास नहीं विनाश का कारण भी यह पार्क बन रहा है,टूरिज्म की दृष्टि से देखे तो शून्य है,वही शहर के भविष्य को भी शून्यता के ओर यह ले जा रहा है।
हम जंगल का विरोध नही करते है जंगल ही जीवन है लेकिन अगर शिवपुरी के सभी प्रोजेक्टों पर नजर डाली जाए तो इस जंगल वाले विभाग के कानून जंगली लगते है अगर सीधे शब्दों मे लिखे तो इन कानूनों में जानवरों के लिए जगह है लेकिन हम्यूमन दृष्टि से देखे तो यह जंगली दिखते है। पार्क की एनओसी के कारण शिवपुरी के लोगो को सिंध के आगमन में 8 साल की देरी हो गई। फोरलेन के निर्माण में अंडगा हुआ,वही सीवर प्रोजेक्ट में देरी हुई इससे इसका बजट बढ़ गया। अब सिंध की लाइन बदलनी है एनओसी के कारण फिर प्यास बडी होती दिखाई दे रही है। अब यह मुख्य सड़क मानसून में सीधे मौत वाली सड़क में बदल जाऐगी। कुल मिलाकर जंगल वाले कानून में मानवीयता नहीं दिखाई दे रही है।
शिवपुरी शहर की हवाई पट्टी से कोटा-झांसी फोरलेन हाईवे को जोड़ने वाली झांसी लिंक रोड के निर्माण में अब नेशनल पार्क ने काम रुकवा दिया है। अगस्त 2024 माह से सड़क चौड़ीकरण का काम बंद पड़ा है। अपनी ही सड़क बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने ऑनलाइन आवेदन कर सड़क बनाने की परमिशन मांगी है,लेकिन यह परमिशन अभी तक नहीं मिली है। इस कारण इस रोड से गुजरने वाले लोगो को इन जानलेवा गढडो का सामना करना पडता है।
यह सड़क 12.50 किमी की झांसी लिंक रोड साल 2021 की अति वृष्टि में बुरी तरह उखड़ गई थी। दूसरे साल 2022 में भी सड़क की सुध नहीं ली। साल 20.28 करोड़ के 7 मीटर से 410 मीटर चौड़ीकरण के लिए 2023 में डीपीआर बनाई और फिर टेंडर लगाए। बमुश्किल सड़क का टेंडर निकला और अगस्त 2023 में ठेकेदार ने काम चालू कर दिया।
सालों से 7 मीटर चौड़ी सड़क समय-समय बनती रही है। लेकिन समय की मांग को देखते हुए पीडब्ल्यूडी 3 मीटर चौड़ाई ढ़ाकर 10 मीटर की सड़क बनाने जा रहा है। पार्क अफसरों का कहना है कि सड़क की 3 मीटर चौड़ाई बढ़ाई है, उसकी विधिवत परमिशन ली जाए। बिना परमिशन सड़क नहीं बनने देंगे। नेशनल पार्क के 7 किमी हिस्से में सड़क का काम रुका तो पीडब्ल्यूडी ने जनवरी 2024 में ऑनलाइन आवेदन कर दिया। लेकिन इस आवेदन पर अफसरों कोई निर्णय नहीं लिया है।
सड़क से चार तहसील सहित उत्तर प्रदेश के झांसी से आने वाले लोग प्रभावित
इस सड़क मार्ग से चार तहसीलें शिवपुरी सहित करैरा, खनियाधाना और पिछोर तहसील के लोग जिला मुख्यालय आते-जाते हैं। साथ ही यूपी के झांसी से भी लोगों के लिए यही मार्ग है। बांकड़जी मंदिर होने की वजह से हजारों श्रद्धालु मंगलवार को इसी सड़क से जाते हैं। खास बात यह है कि नेशनल पार्क का मुख्य गेट भी इसी सड़क पर है। नए टूरिस्ट कॉरिडोर जाने के लिए टिकट भी सैलिंग क्लब के मेन गेट से ही मिलते हैं। सैलानी इसी सड़क से होकर जाते हैं।
मानसून अब नजदीक, मौत वाली रोड बन जाऐगी
पार्क से परमिशन में देरी की वजह से 7 किमी हिस्से में डामरीकरण में वक्त लग रहा है। बरसात नजदीक है, ऐसे में सड़क काम पूरा नहीं हो सकेगा। पीडब्ल्यूडी की तरफ से 7 किमी हिस्से में पेंच रिपेयर भी नहीं कराया जा रहा है। मानसून से पहले गड्ढे नहीं भरे तो हालात बहुत ही ज्यादा खराब हो सकते हैं। सड़क से हर कोई परेशान, पार्क अफसरों को अपने ही स्टाफ की चिंता नहीं बदहाल सड़क से आमजन तो परेशान रहते हैं, साथ ही नेशनल पार्क स्टाफ भी यहीं से होकर जाता है। सड़क नहीं बनने से सभी परेशान हैं। आए दिन सादसे होते रहते हैं। पार्क अफसरों को अपने ही स्टाफ की चिंता नहीं है। लोगों का कहना है कि यदि सड़क पर पार्क स्टाफ के साथ अनहोनी होती है तो क्या अफसर नहीं जिम्मेदार होंगे? आमजन सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं।
सड़क निर्माण देरी में गई लोगों की जान
ग्वालियर-शिवपुरी सड़क निर्माण के दौरान पार्क को आपत्ति के चलते सतनवाड़ा से शिवपुरी के बीच 6.59 किमी छूट गया। इस हिस्से के लिए अलग से एस्टीमेट बनाकर मंजूर किया गया। तब जाकर सड़क कंप्लीट हो सकी। इस बीच सड़क हादसों में कई लोगों की जान चली गई।
सिंध में बना पार्क रुकावट: एनओसी के कारण सिंध के पाइप लाइन बिछाने का काम पार्क अफसरों ने रुकवा दिया। लंबे समय बाद परमिशन मिली तो पता चला कि जीआरपी पाइप लाइन खराब है। उसी जगह बदलकर डीआई पाइप लाइन बिछानी है। इसके लिए पार्क अफसर परमिशन की जिद पर अड़े हैं। लाइन फूटने से जनता परेशान है।
सीवर प्रोजेक्ट: पार्क के हिस्सों से झांसी लिंक रोड़ जहां से गुजरी है, उसी के किनारे सीवर लाइन डाली है। जिसको परमिशन में सालों बीत गए। देरी की वजह से पूरा प्रोजेक्ट ना सिर्फ प्रभावित हुआ बल्कि दोगुनी लागत हो गई।
समूह जल प्रदाय परियोजना: जल निगम को इटिकवेल और पाइप लाइन बिछाने की परमिशन में लंबा वक्त लगा दिया। एक साल काम पिछड़ गया है। ग्रामीण जनता के सामने पीने के पानी का संकट गहराया हुआ है।
कार्यपालन यंत्री शिवपुरी से बात करता हूं
नेशनल पार्क वालों की वजह से 7 किमी सड़क निर्माण में बाधा आ रही है। ऑनलाइन आवेदन के बाद भी परमिशन नहीं मिली है। पेंच रिपेयर वर्क के संबंध में कार्यपालन यंत्री से बात कराता हूं। पीसी वर्मा, चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी ग्वालियर