शिवपुरी। शहरी क्षेत्र में दूध दामों में डेयरी संचालकों द्वारा पांच रुपए की वृद्धि करने पर ग्राहक पंचायत शिवपुरी द्वारा सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ग्राहकों का शोषण व्यक्त किया है। दूध के बढ़े दामों पर प्रशासन के मौन को लेकर रोष भी व्यक्त किया है।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र रघुवंशी एवं पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि शिवपुरी शहरी क्षैत्र में दूध डेयरी संचालकों एवं दूधियों द्वारा आपसी सांठगांठ कर दूध के दामों में सीधे 5 रु की वृद्धि कर दी है,अभी तक दूध 50 रुपए मिलता था अब 55 रुपए दूध के दाम कर दिए है। जिससे ग्राहकों पर आर्थिक भार बड गया है जबकि पीना, खली आदि के दामों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। बल्कि डीजल व पेट्रोल के दाम घट गए है।
अखिलेश शर्मा ने बताया कि दूध का वितरण आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 एवं तदुपरांत परिवर्तित नियममन 2020 के तहत आता है। जिसमें धारा 3 उप धारा (1)(ग) एवं (च) में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि शासन को वस्तुओं के उत्पादन, विपणन, वितरण एवं स्टाक पर नियंत्रण करने का अधिकार है जिसमें कीमत भी शामिल है। डेयरी संचालकों द्वारा प्रशासन की स्वीकृति के बिना ही दूध की कीमतों में इजाफा करना अवैधानिक है, लेकिन प्रशासन का इस संदर्भ में मौन सवालिया निशान खड़े कर रहा है।
ग्राहक पंचायत ने कहा है कि दूध के दामों में वृद्धि मिलावटी दूध से खेप बडी मात्रा में सप्लाई करने के लिए ऐसा किया गया है जिससे शासन व प्रशासन का ध्यान इस ओर बना रहे और लाखों रुपए का गोरख धंधा किया जा सके। जबकि ग्राहक पंचायत द्वारा पूरे प्रदेश के साथ शिवपुरी में गर्मी के मौसम में मिलावटी दूध सप्लाई पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सघन चैकिंग अभियान चलाने तथा अंकुश लगाने हेतु ज्ञापन सौंपा था।
ग्राहक पंचायत ने दूध के दामों में वृद्धि के विरूद्ध शंखनाद करते हुए डेयरी संचालकों को बढ़े हुए दाम वापस लेने की मांग करते हुए जिला प्रशासन से तत्काल हस्क्षेप करने की मांग की है।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र रघुवंशी एवं पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि शिवपुरी शहरी क्षैत्र में दूध डेयरी संचालकों एवं दूधियों द्वारा आपसी सांठगांठ कर दूध के दामों में सीधे 5 रु की वृद्धि कर दी है,अभी तक दूध 50 रुपए मिलता था अब 55 रुपए दूध के दाम कर दिए है। जिससे ग्राहकों पर आर्थिक भार बड गया है जबकि पीना, खली आदि के दामों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। बल्कि डीजल व पेट्रोल के दाम घट गए है।
अखिलेश शर्मा ने बताया कि दूध का वितरण आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 एवं तदुपरांत परिवर्तित नियममन 2020 के तहत आता है। जिसमें धारा 3 उप धारा (1)(ग) एवं (च) में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि शासन को वस्तुओं के उत्पादन, विपणन, वितरण एवं स्टाक पर नियंत्रण करने का अधिकार है जिसमें कीमत भी शामिल है। डेयरी संचालकों द्वारा प्रशासन की स्वीकृति के बिना ही दूध की कीमतों में इजाफा करना अवैधानिक है, लेकिन प्रशासन का इस संदर्भ में मौन सवालिया निशान खड़े कर रहा है।
ग्राहक पंचायत ने कहा है कि दूध के दामों में वृद्धि मिलावटी दूध से खेप बडी मात्रा में सप्लाई करने के लिए ऐसा किया गया है जिससे शासन व प्रशासन का ध्यान इस ओर बना रहे और लाखों रुपए का गोरख धंधा किया जा सके। जबकि ग्राहक पंचायत द्वारा पूरे प्रदेश के साथ शिवपुरी में गर्मी के मौसम में मिलावटी दूध सप्लाई पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सघन चैकिंग अभियान चलाने तथा अंकुश लगाने हेतु ज्ञापन सौंपा था।
ग्राहक पंचायत ने दूध के दामों में वृद्धि के विरूद्ध शंखनाद करते हुए डेयरी संचालकों को बढ़े हुए दाम वापस लेने की मांग करते हुए जिला प्रशासन से तत्काल हस्क्षेप करने की मांग की है।