शिवपुरी। जिले के पोहरी कस्बे में बना स्टेडियम की हालत न सुधरने से स्टेडियम सो पीस बन कर रह गया है करीब 80 लाख के इस स्टेडियम में सुख सुविधा न होने के कारण यह केवल नाम का खेल मैदान बना हुआ है। जब इस मामले को अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाता है तो इसके बाद भी अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते है।
स्थानीय खिलाड़ियों की बात करे तो उनका कहना है कि इस स्टेडियम का उपयोग वीआईपी लोगों के हेलीपैड के लिए किया जाता है। इस स्टेडियम का उपयोग वीआईपी के लिए हेलीपैड बनाकर ही किया जा रहा है। खिलाड़ियों का कहना है कि यहां पर न तो साफ सफाई हो रही है = और न ही खिलाडियो के लिए कोई व्यवस्था है। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी यहा एक शौचालय तक नहीं बनवाया गया है। पीडब्ल्यूडी विभाग और नगर परिषद इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। वहीं जनपद पंचायत ने भी इस स्टेडियम को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया है।
स्टेडियम की नहीं ले रहा कोई जिम्मेदारी
इस स्टेडियम के संबंध में पीडब्लयूडी के एसडीओ हरिवल्लभ वर्मा ने भी अपना पल्ला झाड़ दिया है और कहा की वह हमारे नियंत्रण में नहीं आता है। इसके लिए आप खेल विभाग से बात करो। वही केके खरे ने कहा है कि यह स्टेडियम हमारे विभाग के अंतर्गत नहीं आता है। यह शायद जिला या जनपद सीईओ ही बता पाएंगे। कई भो अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। बरहाल अधिकारियों को गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली खिलाड़ियों पर भारी पड़ रही है।
स्टेडियम के हालत सुधरे तो बने बात
इस खेल स्टेडियम की कोई भी विभाग जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है इस वजह से अब विभाग एक दूसरे पर पाला फेंक रहे है। और इसका असर स्थानीय खिलाडियो पर पड रहा है। स्टेडियत में चारो चरफ लाइट लग जाए और यह शौचालय की व्यवस्था हो जाये जिससे यहां आने वाले लोगों को शौच के लिए कहीं बाहर जाना न पडे साथ ही जमीन को समतल कर चारो तरफ फूल घूवा की घास और हरे भरे पौधे लग जाए तो यहां आने वाले लोगों को सुविधाओं के साथ वॉक करने बच्चो को खेलने व और धूप में पेड़ों की छाया में बैठने की सुविधा मिल सकती है।
स्थानीय खिलाड़ियों की बात करे तो उनका कहना है कि इस स्टेडियम का उपयोग वीआईपी लोगों के हेलीपैड के लिए किया जाता है। इस स्टेडियम का उपयोग वीआईपी के लिए हेलीपैड बनाकर ही किया जा रहा है। खिलाड़ियों का कहना है कि यहां पर न तो साफ सफाई हो रही है = और न ही खिलाडियो के लिए कोई व्यवस्था है। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी यहा एक शौचालय तक नहीं बनवाया गया है। पीडब्ल्यूडी विभाग और नगर परिषद इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। वहीं जनपद पंचायत ने भी इस स्टेडियम को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया है।
स्टेडियम की नहीं ले रहा कोई जिम्मेदारी
इस स्टेडियम के संबंध में पीडब्लयूडी के एसडीओ हरिवल्लभ वर्मा ने भी अपना पल्ला झाड़ दिया है और कहा की वह हमारे नियंत्रण में नहीं आता है। इसके लिए आप खेल विभाग से बात करो। वही केके खरे ने कहा है कि यह स्टेडियम हमारे विभाग के अंतर्गत नहीं आता है। यह शायद जिला या जनपद सीईओ ही बता पाएंगे। कई भो अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। बरहाल अधिकारियों को गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली खिलाड़ियों पर भारी पड़ रही है।
स्टेडियम के हालत सुधरे तो बने बात
इस खेल स्टेडियम की कोई भी विभाग जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है इस वजह से अब विभाग एक दूसरे पर पाला फेंक रहे है। और इसका असर स्थानीय खिलाडियो पर पड रहा है। स्टेडियत में चारो चरफ लाइट लग जाए और यह शौचालय की व्यवस्था हो जाये जिससे यहां आने वाले लोगों को शौच के लिए कहीं बाहर जाना न पडे साथ ही जमीन को समतल कर चारो तरफ फूल घूवा की घास और हरे भरे पौधे लग जाए तो यहां आने वाले लोगों को सुविधाओं के साथ वॉक करने बच्चो को खेलने व और धूप में पेड़ों की छाया में बैठने की सुविधा मिल सकती है।