SHIVPURI NEWS- नगर पालिका क्षेत्र में बरसते पानी में तिरपाल लगाकर किया गया अंतिम संस्कार,यह है भाजपा का विकास

Bhopal Samachar
शेखर यादव शिवपुरी। खबर शिवपुरी के वार्ड क्रमांक 16 बडौदी क्षेत्र से मिल रही है कि रविवार की शाम एक महिला का बरसते पानी में बडौदी के मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार किया गया,इस संस्कार को करने में लोगों के बरसते पानी में पसीने छूट रहे थे,उपर खुला आसमान पानी बरसा रहा था और अंतिम संस्कार में पहुंचे लोग तिरपाल के सहारा लेकर चिता में आग लगाने का प्रयास कर रहे थे।

लगातार पानी और आग में युद्ध हो रहा था,किसी तरह बडी ही मुश्किल से यह अंतिम संस्कार का कार्यक्रम संपन्न हुआ,लेकिन यह तस्वीर नगर पालिका निकाय की विकास की तस्वीर सामने ला रही है एक और हम चंद्रयान चांद पर पहुंचा रहे है,करोडो रूपए खर्च करने वाली शिवपुरी नगर पालिका शहरी क्षेत्र के मुक्तिधाम पर टीन शेड की व्यवस्था नहीं कर पा रही है।

जानकारी के अनुसार शिवपुरी नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 16 मे स्थित बडौदी के यादव मोहल्ला पानी के टंकी के पास रहने वाली अनारी यादव उम्र 55 साल पत्नी स्व:हरि यादव का निधन रविवार की सुबह हो गया था। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को अनारी यादव की तबीयत खराब हो गई,परिजन शिवपुरी मेडिकल कॉलेज ले गए। डॉक्टरों ने जांच उपरांत बताया कि अनारी को ब्रेन हेमरेज हुआ है,डॉक्टरों ने अनारी को रेफर कर दिया,चूकि अनारी की तबीयत बीते कई वर्षो से खराब चल रही थी और उसका इलाज राजस्थान के कोटा शहर में चल रहा था,इस कारण परिजन अनारी को कोटा ले गए।

बताया जा रहा है कि कोटा में अनारी की रविवार की सुबह इलाज के दौरान मोत हो गई। अनारी के शव को दोपहर 2 बजे शिवपुरी निज निवास पर लाया गया। रविवार को दिनभर शिवपुरी के आसमान पर छाए बादल पानी बर्षा रहे थे। लगभग ढाई घंटे परिजन शव को घर में रखकर बारिश बंद होने का इंतजार करते रहे। शाम को साढ़े चार बजे शिवपुरी के आसमानों ने पानी बरसना बदं कर दिया गया।

बरसात रुकने के बाद आनारी की अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू की,अनारी को साढ़े पांच बजे बडौदी गांव के मुक्तिधाम ले जाया गया,जैसे ही अनारी यादव के अंतिम संस्कार की तैयारी पूर्ण की और जैसे की चिता को मुखाग्नि दी जा रही थी वैसे ही बादलों ने पानी बरसना शुरू कर दिया।

ऐसी स्थिति में अतिमं सस्कांर में पहुंचे लोगों के माथे पर चिंता की लकीरे उभरना शुरू हो गई कि बरसते पानी में चिता में अग्नि कैसे लगेगी,अंतिम उपाय के रूप में बरसते पानी में अंतिम संस्कार के लिए तिरपाल का सहारा लेना पडा। लोगों ने चिता के ऊपर हाथ उंचे कर तिरपाल तानी फिर अग्नि देने का प्रयास किया गया,लेकिन जब तक चिता की लडकिया गीली हो चुकी थी। बड़ौदा के रहने वाले राजा यादव ने बताया कि अंतिम संस्कार में प्रयोग की जाने वाली घास कुश की मात्रा बढ़ाई गई,कपूर की तादाद को बढ़ाया गया और लगातार घी और शक्कर डाली जा रही थी जब जाकर बड़ी की मुश्किल से अंतिम संस्कार संपन्न हो पाया इस प्रक्रिया में लगभग डेढ़ घंटे से अधिक का समय लगा।

बडौदी क्षेत्र के लोगों ने बताया कि वर्षाकाल में ऐसे ही लोग परेशान होते है,नगरीय निकाय के वार्ड क्रमांक 16 में आने वाले बडौदी क्षेत्र के मुक्तिधाम का आज तक निर्माण नही हो सका है,केवल बाउंड्री हुई है चबूतरो तक का निर्माण नहीं हो सका है। यह अंतिम संस्कार पुराने मुक्तिधाम पर ही किया गया था।